ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने गन्ना निरीक्षकों से अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगाई - High Court news

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गन्ना निरीक्षकों से गलत वेतन निर्धारण के कारण किए गए अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने दिया है.

हाईकोर्ट
हाईकोर्ट
author img

By

Published : Nov 10, 2021, 9:13 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गन्ना निरीक्षकों से गलत वेतन निर्धारण के कारण किए गए अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने दिया है.

अधिवक्ता दिनेश राय ने कोर्ट में दलील दी कि याची की नियुक्ति स्टैटिक प्रोजेक्ट में गन्ना विकास निरीक्षक के पद पर की गई थी. बाद में इनको गन्ना विकास विभाग में समायोजित कर लिया गया. कहा गया कि पूर्व में की गई सेवा भी वर्तमान सेवा में जोड़ी जाएगी. उनको पुनरीक्षित वेतनमान अप्रैल 2001 से दिया जा रहा है. 25 मई 2017 को गन्ना आयुक्त ने याचीओं को 24 वर्ष की सेवा पूरी होने पर द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया. लेकिन 5 अप्रैल 2021 को अपने ही आदेश को गन्ना आयुक्त ने रद्द कर दिया. अब अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-पुलिस भर्ती मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगी जानकारी

अधिवक्ता ने कोर्ट में समक्ष दलील दी कि वेतन निर्धारण में याची की कोई भूमिका नहीं है. यह विभाग द्वारा ही किया गया है. इसलिए उनसे वसूली किया जाना गलत है. दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने वसूली प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गन्ना निरीक्षकों से गलत वेतन निर्धारण के कारण किए गए अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने दिया है.

अधिवक्ता दिनेश राय ने कोर्ट में दलील दी कि याची की नियुक्ति स्टैटिक प्रोजेक्ट में गन्ना विकास निरीक्षक के पद पर की गई थी. बाद में इनको गन्ना विकास विभाग में समायोजित कर लिया गया. कहा गया कि पूर्व में की गई सेवा भी वर्तमान सेवा में जोड़ी जाएगी. उनको पुनरीक्षित वेतनमान अप्रैल 2001 से दिया जा रहा है. 25 मई 2017 को गन्ना आयुक्त ने याचीओं को 24 वर्ष की सेवा पूरी होने पर द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया. लेकिन 5 अप्रैल 2021 को अपने ही आदेश को गन्ना आयुक्त ने रद्द कर दिया. अब अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-पुलिस भर्ती मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगी जानकारी

अधिवक्ता ने कोर्ट में समक्ष दलील दी कि वेतन निर्धारण में याची की कोई भूमिका नहीं है. यह विभाग द्वारा ही किया गया है. इसलिए उनसे वसूली किया जाना गलत है. दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने वसूली प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.