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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर की वसूली के मामले में सुनवाई 24 अगस्त को

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूले जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 24 अगस्त 2021 नियत की है.

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Published : Aug 17, 2021, 12:23 AM IST

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर की वसूली के मामले में सुनवाई 24 अगस्त को
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर की वसूली के मामले में सुनवाई 24 अगस्त को

प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूले जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 24 अगस्त 2021 नियत की है. बार एसोसिएशन की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए पुर्न कर निर्धारण का नोटिस दिया है. साथ ही 40 लाख रुपये का आयकर वसूला भी जा चुका है. इसे दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है. बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश रंजन व सहयोग कर रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल ने प्रतिवाद कर बताया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं है, क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी हितों के लिए सेवार्थ काम करती है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना से मरने वाले 17 वकीलों के परिजनों को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दी पांच लाख की आर्थिक मदद

कोरोना काल में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई है, जिनके आश्रितों को बार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. ऐसी परिस्थिति में आयकर विभाग द्वारा कर वसूली करना और नोटिस जारी करना गलत है. हाईकोर्ट बार एसो‌सिएशन की ओर से अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, रामानुज तिवारी, अमिताभ अग्रवाल और अजीत कुमार आदि वकीलों ने पक्ष रखा.

प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूले जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 24 अगस्त 2021 नियत की है. बार एसोसिएशन की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए पुर्न कर निर्धारण का नोटिस दिया है. साथ ही 40 लाख रुपये का आयकर वसूला भी जा चुका है. इसे दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है. बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश रंजन व सहयोग कर रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल ने प्रतिवाद कर बताया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं है, क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी हितों के लिए सेवार्थ काम करती है.

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