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मकर संक्रांति 2025; खिचड़ी है गुणों की खान, जानिए क्यों माना जाता है इसे पौष्टिक आहार? - MAKAR SANKRANTI 2025

14 जनवरी 2025 को पूरे देश में मनाया जाएगा मकर संक्रांति का त्योहार.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 3:17 PM IST

मेरठ : 14 जनवरी 2025 को पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. देश भर में अलग-अलग नाम से इस पर्व को मनाने की संस्कृति है. त्योहार पर खिचड़ी का सेवन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या वजह है जो दाल और चावल के कॉम्बिनेशन से बनने वाली खिचड़ी को देश के बाहर भी 'सुपर फूड' माना है.

मेरठ आईएमए की अध्यक्ष अनुपम सिरोही बताती हैं कि पहले से ही हम सभी जानते हैं कि चाहे छोटे बच्चे हों या फिर बड़े लोग सभी के लिए खिचड़ी बेहद ही उपयोगी होती है, यह चबाने और खाने में भी आसान है, डाइजेस्ट भी जल्द हो जाती है. वह कहती हैं कि खिचड़ी प्रमुख रूप से दो चीजों दाल और चावल से बनती है. वह कहती हैं कि खिचड़ी बहुत ही पौष्टिक होती है. वह कहती हैं कि यूएन ने हाल ही में यह स्वीकार किया है कि खिचड़ी सबसे ज्यादा पौष्टिक आहार है. दाल और चावल के साथ पकने से बहुत से पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं. किसी भी व्यक्ति जो खुद को फिट रखना चाहता है ऐसे लोगों के लिए खिचड़ी बेहद ही खास हो जाती है. उन्होंने बताया कि जब किसी शिशु को भोजन खिलाना शुरु करते हैं तो खिचड़ी से ही शुरुआत भी की जाती है, ताकि उसे सभी पोषक तत्व आहार में मिल सके.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय सिंह ने बताया कि दाल और चावल का जो कॉम्बिनेशन है वह अनेकों पोषक तत्वों का ऐसा संगम है, जिससे न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि चाहे बड़े हों या बच्चे यह आसानी से डाइजेस्ट कर लेते हैं. यह एक संतुलित आहार है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में भी एक संस्था ने इस भारतीय व्यंजन को पौष्टिक आहार माना है. वह कहते हैं कि दुनिया ने भी दाल और चावल को सबसे पौष्टिक भोजन मान लिया है..बाकायदा इसका एलान किया गया है, जबकि हमारे देश में तो हर वर्ष खिचड़ी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया ही जाता है.

उन्होंने बताया कि चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है. कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ कार्बोहाइड्रेट ऐसे होते हैं जो तेजी से काम करते हैं, जबकि कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे काम करते हैं और वह शरीर के लिए अच्छे होते हैं. खिचड़ी के सेवन से शरीर को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, विटामिन-B1, विटामिन-C, विटामिन-K और एंटीऑक्सीडेंट मिल जाते हैं. इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे खाने से शरीर को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, विटामिन-B1, विटामिन-C, विटामिन-K और एंटीऑक्सीडेंट शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं.


उन्होंने बताया कि डाइटिशियन का यह भी कहना है कि दाल और चावल खाने से कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं तो दूर होती ही हैं, दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. इतना ही नहीं इससे वजन भी मेंटेन रहता है. यही कारण है कि यूएस न्यूट्रिशन कॉन्फ्रेंस ने दाल-चावल को दुनिया का सबसे पौष्टिक खाना बताया है. अमेरिका के एक न्यूट्रीशन कॉन्फ्रेस में सबसे पौष्टिक खाना माना है. दावा है कि यह हल्का और पौष्टिक दोनों होता है. इसे खाने से कई सारी समस्याएं दूर रहती हैं. इसमें कई बेहद पावरफुल पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं. दाल-चावल की थोड़ी सी मात्रा भी काफी अच्छी होती है. इसका टेस्ट भी लाजवाब होता है.


मेरठ आईएमए के सचिव डॉ. सुमित उपाध्याय ने बताया कि दाल और चावल में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है. इसमें फाइबर भी खूब पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को हेल्दी रखने का काम करता है. दाल और चावल में विटामिन बी, विटामिन E, आयरन, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. दाल और चावल में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो वजन कम करने में मदद करता है. इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है. दाल-चावल में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है. दाल में फोलेट पाया जाता है, जो हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर दिल को हेल्दी रखने का काम करता है. दाल और चावल खाने से नींद की क्वालिटी भी सुधरती है, जो मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मददगार होती है.

उन्होंने बताया कि इसे खाने से दिमाग भी तेज चलता है और स्ट्रेस-डिप्रेशन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. इस खाने से आलस कम आता है और शरीर एक्टिव बना रहता है. बता दें कि विशेष तौर पर मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान करने का विशेष महत्व माना जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे में खिचड़ी के अनेकों फायदे शरीर के लिए हैं. कहा भी जाता है जैसा रहे तन वैसा रहे मन. जब खिचड़ी का सेवन करके शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन स्वतः ही स्वस्थ रहेगा.


यह भी पढ़ें : Makar Sankranti 2023: काशी के इस मंदिर में प्रतिदिन 3 कुंतल चावल से बनती है खिचड़ी, श्रद्धालुओं का लगता है तांता - व्यवस्थापक संजय महाराज

मेरठ : 14 जनवरी 2025 को पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. देश भर में अलग-अलग नाम से इस पर्व को मनाने की संस्कृति है. त्योहार पर खिचड़ी का सेवन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या वजह है जो दाल और चावल के कॉम्बिनेशन से बनने वाली खिचड़ी को देश के बाहर भी 'सुपर फूड' माना है.

मेरठ आईएमए की अध्यक्ष अनुपम सिरोही बताती हैं कि पहले से ही हम सभी जानते हैं कि चाहे छोटे बच्चे हों या फिर बड़े लोग सभी के लिए खिचड़ी बेहद ही उपयोगी होती है, यह चबाने और खाने में भी आसान है, डाइजेस्ट भी जल्द हो जाती है. वह कहती हैं कि खिचड़ी प्रमुख रूप से दो चीजों दाल और चावल से बनती है. वह कहती हैं कि खिचड़ी बहुत ही पौष्टिक होती है. वह कहती हैं कि यूएन ने हाल ही में यह स्वीकार किया है कि खिचड़ी सबसे ज्यादा पौष्टिक आहार है. दाल और चावल के साथ पकने से बहुत से पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं. किसी भी व्यक्ति जो खुद को फिट रखना चाहता है ऐसे लोगों के लिए खिचड़ी बेहद ही खास हो जाती है. उन्होंने बताया कि जब किसी शिशु को भोजन खिलाना शुरु करते हैं तो खिचड़ी से ही शुरुआत भी की जाती है, ताकि उसे सभी पोषक तत्व आहार में मिल सके.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय सिंह ने बताया कि दाल और चावल का जो कॉम्बिनेशन है वह अनेकों पोषक तत्वों का ऐसा संगम है, जिससे न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि चाहे बड़े हों या बच्चे यह आसानी से डाइजेस्ट कर लेते हैं. यह एक संतुलित आहार है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में भी एक संस्था ने इस भारतीय व्यंजन को पौष्टिक आहार माना है. वह कहते हैं कि दुनिया ने भी दाल और चावल को सबसे पौष्टिक भोजन मान लिया है..बाकायदा इसका एलान किया गया है, जबकि हमारे देश में तो हर वर्ष खिचड़ी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया ही जाता है.

उन्होंने बताया कि चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है. कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ कार्बोहाइड्रेट ऐसे होते हैं जो तेजी से काम करते हैं, जबकि कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे काम करते हैं और वह शरीर के लिए अच्छे होते हैं. खिचड़ी के सेवन से शरीर को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, विटामिन-B1, विटामिन-C, विटामिन-K और एंटीऑक्सीडेंट मिल जाते हैं. इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे खाने से शरीर को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, विटामिन-B1, विटामिन-C, विटामिन-K और एंटीऑक्सीडेंट शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं.


उन्होंने बताया कि डाइटिशियन का यह भी कहना है कि दाल और चावल खाने से कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं तो दूर होती ही हैं, दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. इतना ही नहीं इससे वजन भी मेंटेन रहता है. यही कारण है कि यूएस न्यूट्रिशन कॉन्फ्रेंस ने दाल-चावल को दुनिया का सबसे पौष्टिक खाना बताया है. अमेरिका के एक न्यूट्रीशन कॉन्फ्रेस में सबसे पौष्टिक खाना माना है. दावा है कि यह हल्का और पौष्टिक दोनों होता है. इसे खाने से कई सारी समस्याएं दूर रहती हैं. इसमें कई बेहद पावरफुल पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं. दाल-चावल की थोड़ी सी मात्रा भी काफी अच्छी होती है. इसका टेस्ट भी लाजवाब होता है.


मेरठ आईएमए के सचिव डॉ. सुमित उपाध्याय ने बताया कि दाल और चावल में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है. इसमें फाइबर भी खूब पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को हेल्दी रखने का काम करता है. दाल और चावल में विटामिन बी, विटामिन E, आयरन, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. दाल और चावल में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो वजन कम करने में मदद करता है. इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है. दाल-चावल में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है. दाल में फोलेट पाया जाता है, जो हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर दिल को हेल्दी रखने का काम करता है. दाल और चावल खाने से नींद की क्वालिटी भी सुधरती है, जो मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मददगार होती है.

उन्होंने बताया कि इसे खाने से दिमाग भी तेज चलता है और स्ट्रेस-डिप्रेशन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. इस खाने से आलस कम आता है और शरीर एक्टिव बना रहता है. बता दें कि विशेष तौर पर मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान करने का विशेष महत्व माना जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे में खिचड़ी के अनेकों फायदे शरीर के लिए हैं. कहा भी जाता है जैसा रहे तन वैसा रहे मन. जब खिचड़ी का सेवन करके शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन स्वतः ही स्वस्थ रहेगा.


यह भी पढ़ें : Makar Sankranti 2023: काशी के इस मंदिर में प्रतिदिन 3 कुंतल चावल से बनती है खिचड़ी, श्रद्धालुओं का लगता है तांता - व्यवस्थापक संजय महाराज

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