ETV Bharat / state

हनुमान जयंती पर ऐसे करें पूजा, मिलेगा बजरंग बली का आशीर्वाद - राम भक्त हनुमान

प्रयागराज में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्तजन मंदिरों में अपने आराध्य देव के दर्शन करने और उनका आशीष लेने जाते हैं. यहां पढ़ें कि हनुमान जी की पूजा कैसे करने से आशीर्वाद मिलेगा.

हनुमान जयंती पर ले बजरंग बली का आशीर्वाद
हनुमान जयंती पर ले बजरंग बली का आशीर्वाद
author img

By

Published : Apr 27, 2021, 10:58 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 11:03 AM IST

प्रयागराज : हिंदू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्तजन अपने आराध्य देव हनुमान के लिए उपवास भी रखते हैं. पवनपुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है. प्रयागराज दरियाबाद हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित उदय तिवारी ने बताया कि हनुमान का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था. भक्तों का मंगल करने के लिए प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान धरती पर अवतरित हुए थे. इस बार यह तिथि 27 अप्रैल दिन मंगलवार को है. हनुमान जयंती के दिन पूजा-पाठ करने से शत्रु पर विजय होने के साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है.

इस तरह मनाएं हनुमान जन्मोत्सव

पंडित उदय तिवारी ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन उपवास रखने वाले को एक दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है. इस दिन भक्तजन मंदिरों में अपने आराध्य देव के दर्शन करने और उनका आशीष लेने जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिए उन्हें जनेऊ भी पहनाया जाता है और इनकी मूर्तियों पर सिंदूर के साथ चांदी का वर्क भी चढ़ाते हैं.

कहा जाता है कि राम की लंबी उम्र के लिए हनुमान अपने शरीर पर सिंदूर लगा लिए थे और इसी कारण उन्हें भक्तों का सिंदूर चढ़ाना बहुत अच्छा लगता है. संध्या के समय दक्षिणमुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर चमत्कारी मंत्रों का भी जाप किया जाए तो यह बहुत फलदाई होता है. हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा और रामचरितमानस के सुंदरकांड पाठ को पढ़ने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं.

धरती पर सशरीर हैं बजरंगबली

राम नाम की महिमा का वर्णन और उनके काम के लिए हनुमान आज भी पृथ्वी पर सशरीर विराजमान हैं. पंडित उदय तिवारी कहते हैं कि इस बात का प्रमाण महाभारत में मिलता है. हनुमान कलियुग के अंत तक धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर रहेंगे. बजरंगबली चिरायु हैं. भगवान राम ने इन्हें वरदान दिया है. कहते हैं कि धरती पर जहां भी रामकथा का आयोजन होता है, वहां हनुमानजी किसी न किसी रूप में मौजूद होते हैं. इसलिए राम की पूजा में हनुमान की पूजा जरूर होती है.

हनुमान की जन्म कथा

समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने भगवान विष्णु का मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की थी, जो उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुरों को दिखाया था. उनकी इच्छा का पालन करते हुए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर लिया. भगवान विष्णु का आकर्षक रूप देखकर शिवजी कामातुर हो गए और उन्होंने अपना वीर्यपात कर दिया. पवनदेव ने शिवजी के वीर्य को वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट करा दिया. इस तरह अंजना के गर्भ से वानर के रूप हनुमान का जन्म हुआ. उन्हें शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है.

इस तरह करें हनुमान की पूजा

अभिजित मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है. सबसे पहले उत्तर-पूर्व दिशा में एक चौकी रखें. उसके बाद उस पर लाल कपड़ा रखें. इसके बाद हनुमान के साथ राम के चित्र की स्थापना करें. हनुमान को लाल और राम को पीले फूल अर्पित करें. साथ ही लड्डुओं के साथ तुलसी भी अर्पित करें. राम के मंत्र 'राम रामाय नमः' का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र 'ॐ हं हनुमते नमः' का जाप करें.

कर्जों से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए हनुमान के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. साथ ही गुड़ का भोग भी लगाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें. संभव हो तो इस दिन मीठी चीजों का दान भी करें.

इसे भी पढ़ें-कोरोना महामारी में भी नहीं रुका राम मंदिर का निर्माण कार्य लेकिन गति हुई धीमी

प्रयागराज : हिंदू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्तजन अपने आराध्य देव हनुमान के लिए उपवास भी रखते हैं. पवनपुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है. प्रयागराज दरियाबाद हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित उदय तिवारी ने बताया कि हनुमान का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था. भक्तों का मंगल करने के लिए प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान धरती पर अवतरित हुए थे. इस बार यह तिथि 27 अप्रैल दिन मंगलवार को है. हनुमान जयंती के दिन पूजा-पाठ करने से शत्रु पर विजय होने के साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है.

इस तरह मनाएं हनुमान जन्मोत्सव

पंडित उदय तिवारी ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन उपवास रखने वाले को एक दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है. इस दिन भक्तजन मंदिरों में अपने आराध्य देव के दर्शन करने और उनका आशीष लेने जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिए उन्हें जनेऊ भी पहनाया जाता है और इनकी मूर्तियों पर सिंदूर के साथ चांदी का वर्क भी चढ़ाते हैं.

कहा जाता है कि राम की लंबी उम्र के लिए हनुमान अपने शरीर पर सिंदूर लगा लिए थे और इसी कारण उन्हें भक्तों का सिंदूर चढ़ाना बहुत अच्छा लगता है. संध्या के समय दक्षिणमुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर चमत्कारी मंत्रों का भी जाप किया जाए तो यह बहुत फलदाई होता है. हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा और रामचरितमानस के सुंदरकांड पाठ को पढ़ने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं.

धरती पर सशरीर हैं बजरंगबली

राम नाम की महिमा का वर्णन और उनके काम के लिए हनुमान आज भी पृथ्वी पर सशरीर विराजमान हैं. पंडित उदय तिवारी कहते हैं कि इस बात का प्रमाण महाभारत में मिलता है. हनुमान कलियुग के अंत तक धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर रहेंगे. बजरंगबली चिरायु हैं. भगवान राम ने इन्हें वरदान दिया है. कहते हैं कि धरती पर जहां भी रामकथा का आयोजन होता है, वहां हनुमानजी किसी न किसी रूप में मौजूद होते हैं. इसलिए राम की पूजा में हनुमान की पूजा जरूर होती है.

हनुमान की जन्म कथा

समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने भगवान विष्णु का मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की थी, जो उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुरों को दिखाया था. उनकी इच्छा का पालन करते हुए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर लिया. भगवान विष्णु का आकर्षक रूप देखकर शिवजी कामातुर हो गए और उन्होंने अपना वीर्यपात कर दिया. पवनदेव ने शिवजी के वीर्य को वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट करा दिया. इस तरह अंजना के गर्भ से वानर के रूप हनुमान का जन्म हुआ. उन्हें शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है.

इस तरह करें हनुमान की पूजा

अभिजित मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है. सबसे पहले उत्तर-पूर्व दिशा में एक चौकी रखें. उसके बाद उस पर लाल कपड़ा रखें. इसके बाद हनुमान के साथ राम के चित्र की स्थापना करें. हनुमान को लाल और राम को पीले फूल अर्पित करें. साथ ही लड्डुओं के साथ तुलसी भी अर्पित करें. राम के मंत्र 'राम रामाय नमः' का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र 'ॐ हं हनुमते नमः' का जाप करें.

कर्जों से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए हनुमान के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. साथ ही गुड़ का भोग भी लगाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें. संभव हो तो इस दिन मीठी चीजों का दान भी करें.

इसे भी पढ़ें-कोरोना महामारी में भी नहीं रुका राम मंदिर का निर्माण कार्य लेकिन गति हुई धीमी

Last Updated : Apr 27, 2021, 11:03 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.