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प्रयागराज पहुंची गुरु नानक महाराज की 550 वर्षीय प्रकाश उत्सव पर्व की यात्रा

श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 वर्ष के प्रकाश उत्सव की यात्रा कर्नाटक गुरुद्वारा से शुरु हुई थी, जो अब प्रयागराज पहुंची हैं. गुरु ग्रंथ साहिब की गाड़ी पर लोगों ने सर झुकाकर आशीर्वाद लिया.

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Published : Jul 6, 2019, 1:15 PM IST

गुरु नानक देव कि प्रकाश उत्सव यात्रा में उमड़े श्रद्धालु.

प्रयागराज: जिले में सिख धर्म गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 550 वर्ष प्रकाश उत्सव पर्व मनाया जा रहा है. जगह-जगह गुरु नानक जी के संदेश और उनकी झांकियां लोगों के बीच लेकर अनुयायी जा रहे हैं. प्रकाश उत्सव पर्व को मनाने के लिए प्रकाश पर्व यात्रा का आयोजन किया गया है.

गुरु नानक देव की प्रकाश उत्सव यात्रा में उमड़े श्रद्धालु.
  • प्रयागराज में निकाली गई श्री गुरु नानक देव जी महाराज की प्रकाश पर्व यात्रा.
  • 550 वर्ष पूर्ण होनें पर लोगों ने मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश उत्सव पर्व.
  • गुरु नानक प्रकाश पर्व यात्रा इसी क्रम में प्रयागराज पहुंची है.
  • गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व सन 1469 में ननकाना साहिब में हुआ था.
  • गुरु नानक ने हमेशा आडंबर, अनाचार, छुआछूत का विरोध और एक प्रभु की आराधना का संदेश दिया.
  • गुरु नानक ने सीख दी थी कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है.

इस जगह से शुरू हुई यह यात्रा
यह यात्रा गुरु नानक झिरा साहिब वेदर कर्नाटक गुरुद्वारा से दो जून को शुरू हुई थी, जो कई राज्यों से होते हुए प्रयागराज पहुची है. प्रयागराज पहुंचने पर गुरु सिंह महासभा ने बहुत ही भव्य रूप से इसका स्वागत किया. गुरु ग्रंथ साहिब की इस यात्रा में दो पहिया और चार पहिया वाहनों को फूलों से सजाया गया था. इस यात्रा के दौरान उनके अनुयायी उनके संदेशो को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार की सामग्रियों का सहारा लिया. यात्रा का काफिला प्रयागराज के अलोपीबाग से शहर में प्रवेश किया और खुल्दाबाद स्थित गुरुद्वारा होते हुए वह रायबरेली के लिए रवाना हो गया. इस दौरान रास्ते से गुजरते लोग गुरु ग्रंथ साहिब की गाड़ी पर सर झुकाकर आशीर्वाद और प्रसाद ग्रहण किया.



प्रयागराज: जिले में सिख धर्म गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 550 वर्ष प्रकाश उत्सव पर्व मनाया जा रहा है. जगह-जगह गुरु नानक जी के संदेश और उनकी झांकियां लोगों के बीच लेकर अनुयायी जा रहे हैं. प्रकाश उत्सव पर्व को मनाने के लिए प्रकाश पर्व यात्रा का आयोजन किया गया है.

गुरु नानक देव की प्रकाश उत्सव यात्रा में उमड़े श्रद्धालु.
  • प्रयागराज में निकाली गई श्री गुरु नानक देव जी महाराज की प्रकाश पर्व यात्रा.
  • 550 वर्ष पूर्ण होनें पर लोगों ने मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश उत्सव पर्व.
  • गुरु नानक प्रकाश पर्व यात्रा इसी क्रम में प्रयागराज पहुंची है.
  • गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व सन 1469 में ननकाना साहिब में हुआ था.
  • गुरु नानक ने हमेशा आडंबर, अनाचार, छुआछूत का विरोध और एक प्रभु की आराधना का संदेश दिया.
  • गुरु नानक ने सीख दी थी कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है.

इस जगह से शुरू हुई यह यात्रा
यह यात्रा गुरु नानक झिरा साहिब वेदर कर्नाटक गुरुद्वारा से दो जून को शुरू हुई थी, जो कई राज्यों से होते हुए प्रयागराज पहुची है. प्रयागराज पहुंचने पर गुरु सिंह महासभा ने बहुत ही भव्य रूप से इसका स्वागत किया. गुरु ग्रंथ साहिब की इस यात्रा में दो पहिया और चार पहिया वाहनों को फूलों से सजाया गया था. इस यात्रा के दौरान उनके अनुयायी उनके संदेशो को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार की सामग्रियों का सहारा लिया. यात्रा का काफिला प्रयागराज के अलोपीबाग से शहर में प्रवेश किया और खुल्दाबाद स्थित गुरुद्वारा होते हुए वह रायबरेली के लिए रवाना हो गया. इस दौरान रास्ते से गुजरते लोग गुरु ग्रंथ साहिब की गाड़ी पर सर झुकाकर आशीर्वाद और प्रसाद ग्रहण किया.



Intro:सिख धर्म गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 वर्षीय प्रकाशोत्सव पर्व मनाया जा रहा है जिस के उपलक्ष में जगह-जगह गुरु नानक जी के संदेश और उनकी झांकियां लोगों के बीच लेकर अनुयाई जा रहे हैं उनके इस प्रकाश उत्सव पर्व को मनाने के लिए प्रकाश पर्व यात्रा का आयोजन किया जा रहा है गुरु नानक प्रकाश पर्व यात्रा इसी क्रम में प्रयागराज पहुंची है।


Body:गुरु नानक देव जी के 550 वर्ष प्रकाश उत्सव के पूर्ण होने पर शुरू हुई यह यह यात्रा गुरु नानक झिरा साहिब वेदर कर्नाटक गुरुद्वारा से दो जून को शुरू हुई है जो कई राज्यों से होते हुए प्रयागराज पहुची है। जिसका स्वागत भव्य रूप से गुरु सिंह महासभा प्रयागराज ने बहुत ही भव्य रूप से किया। गुरु ग्रंथ साहिब की यह इस यात्रा में दो पहिया और चार पहिया वाहन फ़ूलों से सजाई गई थी। इस यात्रा के दौरान उनके अनुयायी उनके संदेशो को जन जन तक पहुचाने के लिए प्रचार प्रसार की सामग्रियों का सहारा लें रहे थे। यात्रा का काफिला प्रयागराज के अलोपीबाग से शहर में प्रवेश किया और खुल्दाबाद स्थित गुरुद्वारा होते हुए वह रायबरेली के लिए रवाना हो गया। इस दौरान रास्ते से गुजरते लोग गुरु ग्रंथ साहिब की गाड़ी पर सर झुकाकर आशीर्वाद और प्रसाद ग्रहण करते है।


Conclusion:बता दे कि गुरु नानक जी का प्रकाश सन 1469 में ननकाना साहिब जो अब वर्तमान में पाकिस्तान में है में हुआ था।उन्होने हमेशा आडम्बर , अनाचार, व छुआछूत का विरोध किया और एक प्रभु की आराधना का संदेश दिया। उन्होंने मानवता को यह संदेश दिया कि धर्म चाहे जो भी हो वह यही सीख देता है कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है और इसे मानने के बाद ही इंसान वास्तव में इंसान कहलाता है।

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