प्रयागराज: जिले में माघ मेला का प्रथम स्नान पर्व 15 जनवरी को है. लेकिन, उससे पहले गंगा जल का रंग लाल होने लगा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि माघ मेला के स्नान पर्व से पहले गंगा में पर्याप्त जल की व्यवस्था करवाएं. जिससे मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को आचमन और स्नान के लिए शुद्ध गंगा जल मिल सके.
प्रतिदिन गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रयागराज में धर्म और आस्था का महापर्व माघ मेला शुरू होने वाला है. इस महापर्व से पहले गंगा में जलस्तर की कमी के साथ ही जल का रंग भी लाल होने लगा है. कानपुर और अन्य स्थानों से प्रदूषित पानी गंगा में छोड़े जाने की वजह से गंगा जल का रंग बदल गया है. ऐसे में प्रतिदिन स्नान करने वाले गंगा भक्तों के मन को ठेस पहुंच रही है. स्नान करने आने वाले श्रद्धालु कह रहे हैं कि 15 दिन पहले तक गंगा में जल निर्मल और स्वच्छ था. लेकिन, अचानक से अब गंगा का जल खराब हो गया है. लेकिन गंगा में आस्था की वजह से लोग आचमन और स्नान करते हैं.
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स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने की सरकार से अपील: श्रद्धालुओं का कहना है कि हर साल माघ मेला से पहले गंगा जल का रंग बदलने के साथ ही उसका जल स्तर भी कम हो जाता है.ऐसे में शासन कि सरकार और प्रशासन गंगा में पर्याप्त जल छोड़ा जाए. जिससे कि माघ मेला में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को पर्याप्त और स्वच्छ जल मिल सके.
मेला प्रशासन का दावा, स्नान पर्व पर मिलेगा पर्याप्त गंगा जल: माघ मेला के मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद का कहना है कि माघ मेला के पहले स्नान पर्व से पहले गंगा में पर्याप्त गंगा जल मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि नरोरा से 8 हजार क्यूसेक से अधिक गंगा जल छोड़ा जा चुका है, जो 14 जनवरी तक प्रयागराज में पहुंच जाएगा. मेलाधिकारी ने गंगा जल के रंग लाल होने के सवाल को टालते हुए बताया कि पहाड़ों से छोड़ा गया गंगा जल प्रयागराज पहुंच जाएगा.जिससे 15 जनवरी को मेला में स्नान करने वाले स्नानार्थियों को स्वच्छ और पर्याप्त गंगाजल मिलेगा.
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