प्रयागराज: जिले में अस्पताल में भर्ती कर कोविड मरीज के इलाज के बदले मनमाना बिल बनाने वाले निजी अस्पताल के संचालक के खिलाफ सीएमओ ने मुकदमा दर्ज करवाया है. महिला के इलाज के बदले 3 लाख 77 हजार 226 रुपये का बिल मांगने पर डॉक्टर के खिलाफ एपेडमिक डिजीज और महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, जिले के भाजपा नेता ने इस आपदा को अवसर मानकर कोरोना मरीजों को ही कमाई का जरिया बना लिया. जिसके बाद नेता के अस्पताल में सरकारी गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए 9 दिन के इलाज के बदले 3 लाख 77 हजार 226 रुपये का बिल थमा दिया गया.
इलाज के बाद थमाया बिल
प्रयागराज की रहने वाली किरण मिश्रा में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद उन्हें जार्ज टाउन थाना क्षेत्र स्थित ओझा हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. यहां पर इलाज के बदले डॉक्टर ने 3 लाख 77 हजार 226 रुपये का बिल बना दिया. महिला के पति आर.के. मिश्रा ने जब बिल में कुछ कमी करने की मांग की तो अस्पताल प्रशासन ने साफ मना कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने डीएम को बिल के साथ लेटर भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई. डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने बिल की जांच के बाद ओझा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एल.एस. ओझा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया.
एक ही जांच एक दिन में दो बार करवाई
निजी अस्पताल में महिला के भर्ती होने के साथ ही डॉक्टर परिजनों से पैसे की वसूली करने लगे. एक ही जांच को दिन में दो बार करवाया गया. दवाओं और इंजेक्शन के साथ ही डॉक्टरों के पहनने के लिए ग्लव्स तक का पैसा मरीज के बिल में जोड़ दिया गया. डॉक्टरों के 2 हजार प्रति विजिट के रेट से 60 हजार डॉक्टरों की फीस का बिल बनाया गया. कोविड मरीज के लिए फिजियोथेरेपी का चार्ज 7 हजार लिया गया और 5 हजार 546 रुपये बाइपैप मास्क के लिए गए हैं. सरकार द्वारा कोविड मरीज के परिजनों से लिए रेट तय करने के बावजूद अस्पताल प्रशासन मरीज के परिजनों से पौने चार रुपये से ज्यादा ऐंठने के चक्कर मे लगे हुए थे.
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सीएमओ की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
मामले का खुलासा होने के बाद सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय ने अस्पताल के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी. इसके बाद पुलिस ने अस्पताल के संचालक डॉ. एल.एस. ओझा के खिलाफ एपेडमिक डिजीज और महामारी एक्ट समेत चार धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. बता दें कि अस्पताल के संचालक डॉ. एल.एस. ओझा की गिनती शहर के कद्दावर भाजपा नेताओं में होती है. डॉ. एल.एस. ओझा महापौर और विधायकी के चुनाव में कई बार टिकट की दावेदारी कर चुके हैं. हालांकि, अभी तक पार्टी की तरफ से उन्हें टिकट नहीं दिया गया है.