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सरसों के तेल ने छीनी दीपावली की रोशनी - prayagraj diyas deamand less

सरसों के तेल की बढ़ी कीमतों ने दीपावली के त्योहार को बुरी तरह प्रभावित किया है. 200 रुपये लीटर बिक रहे तेल ने दीपावली त्योहार की रंगत फीकी कर दी है. ऐसे में लोगों ने मिट्टी के दीयों को खरीदना भी कम कर दिया है, जिससे दुकानदारों में मायूसी है.

तेल ने छीनी दीपावली की रोशनी
तेल ने छीनी दीपावली की रोशनी
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Published : Nov 3, 2021, 9:55 AM IST

प्रयागराज: इस बार दीपावली त्योहार की रंगत फीकी पड़ने वाली है. आसमान छूते सरसों के तेल के दामों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. रोशनी के त्योहार दीपावली में पूजा-पाठ के साथ पूरे घर में तेल का दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है. ऐसे में दो सौ रुपये लीटर बिक रहे तेल ने त्योहार के रंग में भंग डालने का काम किया है. महंगे हुए तेल की वजह से दीपावली के पर्व पर दीयों की रोशनी कम हो सकती है.

प्रयागराज में दीपावली से पहले मिट्टी के दीयों का बाजार सज चुका है. महंगाई की मार मिट्टी के दीयों पर भी पड़ रही है. मिट्टी के दीयों की कीमत पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है तो वहीं पिछले साल के मुकाबले सरसों के तेल के दाम भी आसमान छू रहे हैं. तेल की बढ़ी कीमत का असर भी दीपावली पर पड़ता दिख रहा है. लिहाजा दीये की बिक्री भी कम हो गई है. लोग महज औपचारिकता निभाने के लिए दीवाली का सीमित सामान खरीद रहे हैं.

तेल ने छीनी दीपावली की रोशनी
बाजार में ठेले पर मिट्टी के दीये रखे ग्राहकों की राह देख रही महिला दुकानदार का कहना है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले दीये की बिक्री घट गई है. जो लोग पिछले साल तक सौ दीये खरीद कर ले गए थे. इस बार वह दस से बीस दीये ही खरीद कर ले जा रहे हैं. जहां लोग मिट्टी के दीये के महंगा होने से परेशान हैं, वहीं तेल की बढ़ी हुई कीमत की वजह से मिट्टी के दीये कम खरीद रहे हैं. दीपावली के पर्व पर बाजारों में दीये खरीदने निकले लोगों का साफ कहना है कि इस साल दीपावली के पर्व पर बेकाबू महंगाई की मार पड़ चुकी है.
तेल के दोगुने हुए दाम की वजह से दीपावली पर दीपों की रोशनी फीकी पड़ सकती है. लोगों का कहना है कि महंगे हुए तेल की कीमत की वजह से बजट नियंत्रित करने के लिए दीयों की संख्या कम कर दी गई है, क्योंकि कम दीये खरीदेंगे तो उसे जलाने में तेल की खपत भी कम होगी. यही वजह है कि लोगों ने तेल की बढ़ी हुई कीमतों के असर को कम करने के लिए दीयों के खरीदने की संख्या को ही कम कर दिया है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

वहीं विपक्ष ने अब सरकार पर रोशनी के त्योहार की रोशनी को फीका करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता ने दीपावली के पर्व पर पेट्रोल-डीजल से लेकर सरसों के तेल की बढ़ी हुई कीमतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरसों के तेल की कीमत इतनी ज्यादा है कि लोग दीपों के पर्व पर दीप तक नहीं जला पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश अब तक की सबसे महंगी और फीकी दीपावली मनाने जा रहा है.

दीपावली पर दीपों से होने वाली रोशनी की सजावट को करने में लोग तेल के दीयों की जगह मोमबत्ती का भी इस्तेमाल करेंगे. लोगों का कहना है कि दीप जलाकर पर्व मनाने की परंपरा है, इसलिए दीपों को जलाना जरूरी है, लेकिन पिछले साल जहां सौ से दो सौ दीपक जलाए थे. अब तेल और दीये की बढ़ी हुई कीमत की वजह से दीयों की जगह मोमबत्ती जलाएंगे. कुछ दीये जरूर जलाकर पर्व की परम्परा को जारी रखेंगे.

इसे भी पढ़ें-विश्व रिकार्ड बनाएगा दीपोत्सव कार्यक्रम, 7.50 लाख दीयों से जगमग होगी रामनगरी

प्रयागराज: इस बार दीपावली त्योहार की रंगत फीकी पड़ने वाली है. आसमान छूते सरसों के तेल के दामों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. रोशनी के त्योहार दीपावली में पूजा-पाठ के साथ पूरे घर में तेल का दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है. ऐसे में दो सौ रुपये लीटर बिक रहे तेल ने त्योहार के रंग में भंग डालने का काम किया है. महंगे हुए तेल की वजह से दीपावली के पर्व पर दीयों की रोशनी कम हो सकती है.

प्रयागराज में दीपावली से पहले मिट्टी के दीयों का बाजार सज चुका है. महंगाई की मार मिट्टी के दीयों पर भी पड़ रही है. मिट्टी के दीयों की कीमत पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है तो वहीं पिछले साल के मुकाबले सरसों के तेल के दाम भी आसमान छू रहे हैं. तेल की बढ़ी कीमत का असर भी दीपावली पर पड़ता दिख रहा है. लिहाजा दीये की बिक्री भी कम हो गई है. लोग महज औपचारिकता निभाने के लिए दीवाली का सीमित सामान खरीद रहे हैं.

तेल ने छीनी दीपावली की रोशनी
बाजार में ठेले पर मिट्टी के दीये रखे ग्राहकों की राह देख रही महिला दुकानदार का कहना है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले दीये की बिक्री घट गई है. जो लोग पिछले साल तक सौ दीये खरीद कर ले गए थे. इस बार वह दस से बीस दीये ही खरीद कर ले जा रहे हैं. जहां लोग मिट्टी के दीये के महंगा होने से परेशान हैं, वहीं तेल की बढ़ी हुई कीमत की वजह से मिट्टी के दीये कम खरीद रहे हैं. दीपावली के पर्व पर बाजारों में दीये खरीदने निकले लोगों का साफ कहना है कि इस साल दीपावली के पर्व पर बेकाबू महंगाई की मार पड़ चुकी है.
तेल के दोगुने हुए दाम की वजह से दीपावली पर दीपों की रोशनी फीकी पड़ सकती है. लोगों का कहना है कि महंगे हुए तेल की कीमत की वजह से बजट नियंत्रित करने के लिए दीयों की संख्या कम कर दी गई है, क्योंकि कम दीये खरीदेंगे तो उसे जलाने में तेल की खपत भी कम होगी. यही वजह है कि लोगों ने तेल की बढ़ी हुई कीमतों के असर को कम करने के लिए दीयों के खरीदने की संख्या को ही कम कर दिया है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

वहीं विपक्ष ने अब सरकार पर रोशनी के त्योहार की रोशनी को फीका करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता ने दीपावली के पर्व पर पेट्रोल-डीजल से लेकर सरसों के तेल की बढ़ी हुई कीमतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरसों के तेल की कीमत इतनी ज्यादा है कि लोग दीपों के पर्व पर दीप तक नहीं जला पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश अब तक की सबसे महंगी और फीकी दीपावली मनाने जा रहा है.

दीपावली पर दीपों से होने वाली रोशनी की सजावट को करने में लोग तेल के दीयों की जगह मोमबत्ती का भी इस्तेमाल करेंगे. लोगों का कहना है कि दीप जलाकर पर्व मनाने की परंपरा है, इसलिए दीपों को जलाना जरूरी है, लेकिन पिछले साल जहां सौ से दो सौ दीपक जलाए थे. अब तेल और दीये की बढ़ी हुई कीमत की वजह से दीयों की जगह मोमबत्ती जलाएंगे. कुछ दीये जरूर जलाकर पर्व की परम्परा को जारी रखेंगे.

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