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नैनी सेंट्रल जेल में वार्डर और जेल अधीक्षक के बीच टकराव, ये है कारण - ail Superintendent

प्रयागराज में केंद्रीय कारागार नैनी में जेल अधीक्षक और वार्डर आमने-सामने आ गए. इस दौरान दोनों गुटों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए.

जांच में जुटी पुलिस.
जांच में जुटी पुलिस.
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Published : Jun 13, 2021, 10:50 PM IST

प्रयागराज: केंद्रीय कारागार नैनी में एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां जेल अधीक्षक और वार्डर आमने-सामने आ गए. जेल अधीक्षक ने वार्डर पर आरोप लगाया कि वे जेल के अंदर माफियाओं को अवैध सामान पहुंचाते हैं. वहीं वार्डर ने जेल अधीक्षक पर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया है.

जेल अधीक्षक ने आरोप लगाया कि दिनेश मीना और अभय सिंह नाम के वार्डर दो दिन पहले नशे की हालत में मेरे सरकारी आवास में जबरदस्ती घुस गये और अभद्रता करने लगे. दोनों को इस उदंडता के लिये शो केस नोटिस दिया गया.

अभय सिंह का ट्रांसफर ऑर्डर पेंडिंग था. उसी क्रम में उसका ट्रांसफर कर दिया गया है. रिकार्ड अच्छा न होने के कारण दिनेश सिंह का भी स्थानातरण किया गया है. एक और जांच चल रही है. जिसमें फर्जी प्रमाणपत्र का आरोप है. इस प्रकरण में मेरे द्वारा कठोर कार्रवाई कराई जा रही है.

वहीं दोनों वार्डर का आरोप है कि जेल अधीक्षक और जेलर धर्मपाल उन दोनों को रसूखदारों से मोटी रकम लेकर गांजा, शराब जैसी अवैध सामान भिजवाते थे. जब उन्होंने मना कर दिया तो उन लोगों का ट्रांसफर बाहर अस्पताल में कर दिया गया. यही बात करने उनके बंगले पर गए थे तो हमें गालियां देकर भगा दिया गया.

इसे भी पढे़ं- सिपाही भर्ती 2013 में फर्जीवाड़ा: 48 सिपाहियों की नौकरी होगी निरस्त, पढ़िए पूरा मामला..

प्रयागराज: केंद्रीय कारागार नैनी में एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां जेल अधीक्षक और वार्डर आमने-सामने आ गए. जेल अधीक्षक ने वार्डर पर आरोप लगाया कि वे जेल के अंदर माफियाओं को अवैध सामान पहुंचाते हैं. वहीं वार्डर ने जेल अधीक्षक पर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया है.

जेल अधीक्षक ने आरोप लगाया कि दिनेश मीना और अभय सिंह नाम के वार्डर दो दिन पहले नशे की हालत में मेरे सरकारी आवास में जबरदस्ती घुस गये और अभद्रता करने लगे. दोनों को इस उदंडता के लिये शो केस नोटिस दिया गया.

अभय सिंह का ट्रांसफर ऑर्डर पेंडिंग था. उसी क्रम में उसका ट्रांसफर कर दिया गया है. रिकार्ड अच्छा न होने के कारण दिनेश सिंह का भी स्थानातरण किया गया है. एक और जांच चल रही है. जिसमें फर्जी प्रमाणपत्र का आरोप है. इस प्रकरण में मेरे द्वारा कठोर कार्रवाई कराई जा रही है.

वहीं दोनों वार्डर का आरोप है कि जेल अधीक्षक और जेलर धर्मपाल उन दोनों को रसूखदारों से मोटी रकम लेकर गांजा, शराब जैसी अवैध सामान भिजवाते थे. जब उन्होंने मना कर दिया तो उन लोगों का ट्रांसफर बाहर अस्पताल में कर दिया गया. यही बात करने उनके बंगले पर गए थे तो हमें गालियां देकर भगा दिया गया.

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