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प्रयागराज : बुद्ध पूर्णिमा पर संगम तट पर जुटी स्नानार्थियों की भीड़

प्रयागराज में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान किया. मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

जुटी स्नानार्थियों की भीड़.
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Published : May 18, 2019, 9:12 PM IST

प्रयागराज : संगम तट पर वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भारी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने स्नान और दान किया. बुद्ध पूर्णिमा के चलते श्रद्धालु यहां पर सुबह से ही संगम स्नान कर देव मंदिरों में दर्शन-पूजन किया. मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

प्रयागराज में जुटी स्नानार्थियों की भीड़.

लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

  • ग्रह, संयोग और तिथियों पर पढ़ने वाली आज बुद्ध पूर्णिमा काफी फलदाई मानी जाती है.
  • मान्यता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर स्नान और दान करने से साधकों की समस्त मनोकामना पूर्ण होती है.
  • साथ ही साथ इस स्थिति पर बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान बुध के साथ मां पुष्पा देवी की जयंती भी मनाई जाती है.
  • बहुत से श्रद्धालु इस अवसर पर व्रत रखकर संगम स्नान करते हैं और भगवान विष्णु का पूजन करने वाले साधकों को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • पूर्णिमा की तिथि शनिवार को भोर में 3:34 से लेकर रात में 2:26 बजे तक रहेगी.
  • लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर संगम में स्नान किया, तत्पश्चात उपस्थित लेटे हनुमान जी का दर्शन-पूजन भी किया.

बुद्ध पूर्णिमा पर होने वाले संगम स्नान के चलते मेला प्रशासन द्वारा साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था की गई है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से असुविधा का सामना न करना पड़े. वहीं डीप वाटर बैरिकेडिंग के माध्यम से गहरे जल में श्रद्धालुओं को जाने से मनाही की गई है.

प्रयागराज : संगम तट पर वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भारी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने स्नान और दान किया. बुद्ध पूर्णिमा के चलते श्रद्धालु यहां पर सुबह से ही संगम स्नान कर देव मंदिरों में दर्शन-पूजन किया. मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

प्रयागराज में जुटी स्नानार्थियों की भीड़.

लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

  • ग्रह, संयोग और तिथियों पर पढ़ने वाली आज बुद्ध पूर्णिमा काफी फलदाई मानी जाती है.
  • मान्यता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर स्नान और दान करने से साधकों की समस्त मनोकामना पूर्ण होती है.
  • साथ ही साथ इस स्थिति पर बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान बुध के साथ मां पुष्पा देवी की जयंती भी मनाई जाती है.
  • बहुत से श्रद्धालु इस अवसर पर व्रत रखकर संगम स्नान करते हैं और भगवान विष्णु का पूजन करने वाले साधकों को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • पूर्णिमा की तिथि शनिवार को भोर में 3:34 से लेकर रात में 2:26 बजे तक रहेगी.
  • लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर संगम में स्नान किया, तत्पश्चात उपस्थित लेटे हनुमान जी का दर्शन-पूजन भी किया.

बुद्ध पूर्णिमा पर होने वाले संगम स्नान के चलते मेला प्रशासन द्वारा साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था की गई है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से असुविधा का सामना न करना पड़े. वहीं डीप वाटर बैरिकेडिंग के माध्यम से गहरे जल में श्रद्धालुओं को जाने से मनाही की गई है.

Intro:प्रयागराज के संगम तट पर यूं तो हर दिन यहां परेशान होता है लेकिन आज पड़ने वाली वैशाख और बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भाग संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचे और स्नान दान किया बुद्ध पूर्णिमा के चलते श्रद्धालु यहां पर भोर से ही संगम स्नान कर प्रतिष्ठित देव मंदिरों में दर्शन व पूजन अर्चन किया। जेठ मांस के प्रारंभ और भाई साहब मार के समापन पर पड़ने वाली स्टोरी मा का आध्यात्मिक महत्व भी है मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष फल की प्राप्ति होती है।


Body:ग्रह संयोग और तिथियों पढ़ने वाली आज बुद्ध पूर्णिमा काफी फलदाई मानी जाती है मान्यता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान करने से साधकों की समस्त मनोकामना पूर्ण होती है साथ ही साथ इस स्थिति पर बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान बुध के साथ मां पुष्पा देवी की जयंती भी मनाई जाती है बहुत से श्रद्धालु इस अवसर पर व्रत रखकर संगम स्नान करते हैं और भगवान विष्णु का पूजन करने वाले साधकों को अश्वमेध यज्ञ के समान पूण्य की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा की तिथि आज भोर में 3:34 से लेकर रात में 2:26 तक रहेगी इससे पूर्णिमा का प्रभाव शनिवार को पूरे दिल रहेगा जिसके चलते आज संगम पर सुबह से ही भक्तों का रेला लगा था प्रयागराज सहित आसपास के जनपदों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर संगम में स्नान किया तत्पश्चात उपस्थित लेटे वाले हनुमान जी का दर्शन पूजन भी किया।


Conclusion:बुद्ध पूर्णिमा पर होने वाले संगम स्नान के चलते मेला प्रशासन के द्वारा वहां पर साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था की गई थी जिस दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से असुविधा का सामना ना करना पड़े वहीं डीप वाटर बैरिकेडिंग के माध्यम से गहरे जल में श्रद्धालुओं को जाने से मना ही की गई थी।
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