प्रयागराजः बुद्ध पूर्णिमा के दिन संगम तट पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. मंगल कामना और पाप से मुक्ति के लिए त्रिवेणी तट पर सुबह से ही श्रद्धालु यहां गंगा स्नान के लिए पहुंचे. कोरोना की दूसरी लहर के बीच भी लोग आस्था के चलते संगम में डूबकी लगाई, साथ ही दान-पुण्य भी किया.
बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान
बता दें कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा के पर्व का विशेष महत्व है. इसको बुद्ध पूर्णिमा, सिद्धिविनायक पूर्णिमा एवं सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस अवसर पर श्रद्धालु मोक्ष और पाप मुक्ति के लिए धार्मिक कार्य, व्रत और अनुष्ठान करते हैं. इसी उपलक्ष्य में प्रयागराज समेत तमाम शहरों में लोग गंगा स्नान करते हैं.
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बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा के दिन प्रातः स्नान कर पूरे दिन का उपवास रखना चाहिए. रात के समय फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ आदि से चंद्रमा की पूजा कर उन्हें जल चढ़ाना चाहिए. पूजा के बाद श्रेष्ठ ब्राह्मण को जल से भरा हुआ घड़ा और विभिन्न प्रकार के पकवान दान करना चाहिए. इसके अलावा स्वच्छ जल से भरे हुए घड़े के साथ ब्राह्मण को सोना दान करना बहुत शुभ माना जाता है. बुद्ध पूर्णिमा से कई सारी मान्यताएं जुड़ी हैं. बताया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने अपना 9वां अवतार लिया था. ये अवतार भगवान बुद्ध के नाम से लोकप्रिय है.