प्रयागराज : लखीमपुर खीरी जाने से कांग्रेस नेताओं को रोकने के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. इसी कड़ी में प्रयागराज में कांग्रेसियों ने सरकार का विरोध करते हुए सिविल लाइंस में सड़क पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को वहां से हटाने के लिए उठाना शुरू किया तो पुलिस वालों और कांग्रेस नेताओं के बीच कहासुनी के बाद धक्कामुक्की भी हुई. इस दौरान पुलिस ने करीब 20 कांग्रेस नेताओं को पुलिस वैन में भरकर पुलिस लाइन भेज दिया.
लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद वहां जाने से पहले ही सरकार ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाडरा समेत तमाम नेताओं को रोक दिया था. इसके बाद से ही कांग्रेसी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रयागराज में सिविल लाइंस में धरना स्थल चौकी के पास कांग्रेसी विरोध-प्रदर्शन करने के बाद सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे.
सड़क जाम किए जाने के बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को जबरन सड़क से उठाना शुरू किया तो पुलिस वालों की कांग्रेसियों से नोकझोंक शुरू हो गयी. पुलिस ने कांग्रेसियों को हिरासत में लेते हुए पुलिस वैन में भरना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिसवालों और कांग्रेस नेताओं के बीच धक्कामुक्की शुरू हो गयी. पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सड़क पर बैठे कांग्रेसियों को जबरन उठाकर पुलिस वैन में भर दिया. पुलिस लाइन ले गयी.
विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही पुलिस पर विरोध करने वाले कांग्रेसियों के साथ धक्का-मुक्की के अलावा मारपीट करने का भी आरोप लगाया. उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया. कहा कि यूपी सरकार विपक्षी नेताओं को विरोध भी नहीं करने दे रही है. इसका नतीजा आने वाले 2022 के चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा.
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बिजनौर में भी कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
प्रियंका गांधी वाडरा की गिरफ्तारी को लेकर व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री व उनके बेटे के खिलाफ पुलिस के कार्रवाई न करने से नाराज कांग्रेसियों ने आज बिजनौर के कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक अनोखा प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस के अंदर लेट कर प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों का साफ कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी जाने को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाडरा को हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया गया. प्रियंका गांधी वाडरा की रिहाई की मांग करते हुए कांग्रेसियों ने सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव लखीमपुर खीरी प्रकरण में मृतक किसानों के परिजनों से मिलने जा रहीं थीं. तभी उन्हें 3 दिन पहले लखनऊ से पुलिस हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद से पुलिस ने उन्हें नजर बंद कर दिया. इससे नाराज कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
बिजनौर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शेरबाज पठान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विपक्षियों को लगातार दबाने में लेने की कोशिश की है. उन्होंने प्रियंका गांधी वाडरा की जल्द रिहाई की मांग की है. उधर, जिला अध्यक्ष शेरबाज पठान ने कहा कि अगर जल्द ही प्रियंका गांधी वाडरा को और लखीमपुर प्रकरण में आरोपी गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस के कार्यकर्ता आत्महत्या कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा.
लखीमपुर में राहुल को किसानों से मिलने दे सरकार
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार जो भी कहे, हम लोग गांधीवादी हैं. हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़े. कहा कि धारा-144 के अनुसार नियम अनुरूप राहुल के साथ पांच से कम लोग आ रहे हैं. राहुल गांधी ने तीन लोगों को ही अपने साथ लिया है. सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है. दूसरी पार्टियों के लोग किसानों से मिलकर आ रहे हैं. वहीं, प्रियंका गांधी को जेल में डाला जा रहा है. यह ठीक नहीं है. राहुल गांधी को जरूर सरकार को किसान परिवारों से मिलने देना चाहिए. हमें अपेक्षा है कि सरकार राहुल गांधी को रोकेगी नहीं. बाहर राहुल गांधी के समर्थकों को रोका जा रहा है. कहा कि तानाशाह डरपोक होता है. वह छोटी सी असहमति से घबराता है. कहा कि सरकार को न्याय करना चाहिए.
राहुल गांधी के खिलाफ लगीं होर्डिंग, लिखा नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति
लखनऊ. लखीमपुर जाने के लिए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली से लखनऊ आने का फैसला लिया है. तकरीबन 1:30 बजे वे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे. राहुल के आगमन को लेकर एयरपोर्ट पर जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए वहीं राहुल के समर्थक एयरपोर्ट पर जमा हो रहे हैं. इसी बीच राहुल के विरोध में आलमबाग और एयरपोर्ट के करीब होर्डिंग भी लगाई गईं हैं. उन्हें सिखों का विरोधी बताया गया है.
राहुल गांधी के खिलाफ लगाई गई होर्डिंग में लिखा है कि नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति. यह होर्डिंग राजेंद्र सिंह बग्गा की तरफ से लगाई गई है. इसमें लिखा है कि राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ..
रविंद्र पाल सिंह गुरु नानक वाटिका कमेटी आलमबाग के अध्यक्ष हैं. तीसरी होर्डिंग लगी है जिसमें लिखा है, 'नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति...'
बलरामपुर में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत दर्जनों गिरफ्तार
उधर, बलरामपुर में कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ता महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी को लेकर धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे. कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुज सिंह दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ जैसे ही धरने के लिए निकले कि पुलिस वहां पहुंच गई. कांग्रेस जिला अध्यक्ष के घर को कोतवाली नगर पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया. कुछ ही देर बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया.
गिरफ्तारी के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष लगातार खुद की गिरफ्तारी का कारण पूछते रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. गिरफ्तारी के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ताओं ने कोतवाली नगर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की. हालांकि पुलिस ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष को घसीट कर पुलिस वैन में डाल दिया. इसके बाद दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता भी पुलिस वैन में सवार हो गए. सभी को पुलिस कोतवाली नगर में रखा गया. कुछ देर बाद गृह विभाग द्वारा प्रियंका गांधी को छोड़ने और राहुल गांधी समेत 5 नेताओं को मिलने की परमिशन देने की ख़बर के बाद सभी को छोड़ दिया गया.
पुलिस वैन की खिड़की से बोलते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनुज सिंह ने कहा कि लखीमपुर में किसानों की जो हत्या हुई है, वह भारतीय जनता पार्टी के एक मंत्री ने की है. अभी कल देश के प्रधानमंत्री आए हुए थे लेकिन मृतक किसानों की संवेदना में उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी वाडरा को जल्द रिहा करने की मांग की.
उधर, सीओ सिटी वरुण मिश्र ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताया गया था कि एक निश्चित स्थान पर इकट्ठा होकर आप ज्ञापन दें. इसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ता अन्यत्र प्रदर्शन की योजना बना रहे थे. शांति भंग न हो इसलिए सभी कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया. इनकी संख्या तकरीबन 60 के आसपास है. सभी का शांतिभंग की धाराओं में चालान कर न्यायालय भेजा जा रहा है.
बीजेपी प्रवक्ता का पलटवार, कहा-लखीमपुर कांड पर सियासी पर्यटन करने जा रहे राहुल और प्रियंका गांधी !
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी आज बस्ती जनपद में मंडलीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने भाजपा के मंडल मीडिया प्रभारीओं के साथ एक बैठक कर उन्हें सरकार की चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच कैसे समन्वय बैठाकर पहुंचाना है, इस पर चर्चा की. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी मीडिया से बात करते हुए बताया कि ढ़ाई करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं, संगठनात्मक ढांचा, 84 सांसद, कई जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष, 300 से अधिक विधायक की फौज है जिन्हें सरकार की उपलब्धियां को आम जनता तक पहुंचाना है.
इसके लिए यूपी के 18 मंडलों पर पहली बार मीडिया प्रभारी का गठन किया जा रहा है जो सरकार के कामों को मीडिया के माध्यम से जनता के बीच लेकर जाएंगे. सवाल के जवाब में राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पिछली सरकारों में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरीके से बेलगाम थी. अधिकारी सरकार की पार्टी विशेष के लिए काम करते थे. इससे पहले यूपी में सपा और बसपा की सरकार में ब्यूरोक्रेसी का राजनीतिकरण हो जाता है लेकिन योगी सरकार में ब्यूरोक्रेट्स जनता के हित के लिए काम कर रहे है. पहले जातियों के आधार पर अधिकारियों के पोस्टिंग होते थे जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था. हालांकि अब सब कुछ बदल गया है.
लखीमपुर कांड को लेकर राकेश त्रिपाठी ने कहां की कुछ राजनीतिक दलों ने सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए घटनाक्रम को दूसरे तरीके से पेश किया. सरकार लखीमपुर कांड को लेकर बेहद गंभीर है और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए एक एसआईटी का गठन कर दिया है जो दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा. दावा किया कि इस घटना के किसी भी दोषी को सरकार छोड़ने वाली नही है और दोषी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे.
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर राकेश त्रिपाठी ने कहा कि ये लोग मौके पर जाकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने चाहते है लेकिन सरकार उन्हें सियासी पर्यटन करने की इजाजत बिलकुल नहीं देगी.
अब माहौल थोड़ा सामान्य है जिसके बाद किसी भी नेता को सीमित संख्या और प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाजत दी जा रही है. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी ने एनसीआरबी की रिपोर्ट शायद पढ़ा नहीं है. वे कांग्रेस सहित राज्य पर बोलने से बचते है. यूपी में पिछली सरकारों में बड़े अपराध पर राहुल कुछ नही बोलते, इसलिए अब राहुल गांधी के बयानों को लेकर ना तो सरकार गंभीर होती है और न ही जनता गंभीर दिखती है.