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क्या हनुमान जी ने लंका में किया था सर्जिकल स्ट्राइक, नए सिलेबस में होगा क्लियर - डिफेंस स्टडी कोर्स

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी(Allahabad Central University) में डिफेंस स्टडी (Defense studies) विभाग के छात्र युद्ध नीति के गुर सीख रहे हैं. डिफेंस स्टडी के कोर्स में छात्रों को रामायण-महाभारत काल से लेकर आधुनिक युद्ध नीति की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस को अपडेट किया जा रहा है, जिसमें युद्ध निति से जुड़ी अवधारणाओं को विस्तार से समझाया जाएगा.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिफेंस स्टडी के छात्र सीख रहे युद्ध नीति के गुर
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिफेंस स्टडी के छात्र सीख रहे युद्ध नीति के गुर
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Published : Sep 8, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 7:28 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी(Allahabad Central University) में डिफेंस स्टडी (Defense studies) विभाग के छात्र त्रेता युग की युद्ध नीति से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक के बारे में अध्ययन करेंगे. डिफेंस स्टडी सेंटर की प्रोफेसर भारती दास ने बताया कि बदलते वक्त में साथ पाठ्यक्रम को अपग्रेड करके छात्रो को शिक्षा दी जाती है. अभी यूनिवर्सिटी स्तर पर कोर्स में सर्जिकल स्ट्राइक को पढ़ाया जा रहा है. नई शिक्षा नीति (New education policy) के तहत आने वाले दिनों में इसे यूजीसी के कोर्स में भी शामिल कर लिया जाएगा.

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिफेंस स्टडी विभाग (Defense Studies Department) की प्रोफेसर भारती दास छात्रों को त्रेता युग से लेकर वर्तमान समय के युद्ध के बारे में अध्यन करातीं हैं. प्रोफेसर का कहना है कि रक्षा डिफेंस स्टडी विभाग के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन से लेकर शोध तक के छात्रों को पढ़ाया जाता है. इन छात्रों को रामायण और महाभारत काल के दौरान हुए युद्ध के बारे में बताया जाता है. वहीं, मध्यकालीन इतिहास के तहत मौर्य से लेकर मुगल काल और अंग्रेजी शासनकाल के दौरान हुए युद्ध के बारे में भी पढ़ाया जाता है. लेकिन इसके साथ ही अब इन छात्रों को वर्तमान समय में बने हालात और युद्ध के बारे में बताया जा रहा है. इसके तहत इन छात्रों को पिछले दिनों हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में भी पढ़ाया जाने लगा है.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिफेंस स्टडी के छात्र सीख रहे युद्ध नीति के गुर
पहले होता था सीधा युद्ध अब होता है प्रॉक्सी वॉर
छात्रों को युद्ध से जुड़ी शिक्षा देने वाली प्रोफेसर का कहना है पहले सीधा युद्ध होता था. अब प्रॉक्सी वॉर (Proxy war policy) का जमाना आ गया है. यही वजह है कि छात्रों को हर तरह से युद्ध की जानकारी दी जा रही है. अब पुलवामा जैसी घटनाओं को भी दुश्मन मुल्क साजिश करके अप्रत्यक्ष लड़ाई लड़ते हैं. मौजूदा दौर में दूसरे देशों में साजिश के तहत आतंकी घटना और दूसरे छिपे हुए हमले करवाए जाते हैं. जबकि रामायण-महाभारत काल के समय सीधा युद्ध होता था.

डिफेंस स्टडी कोर्स के तहत छात्रों को भारत पाकिस्तान और दूसरे मुल्कों के साथ हुए युद्ध की बारीकियों के बारे में भी बताया जाता है. प्रोफेसर भारती दास ने बताया कि आने वाले दिनों में यूजीसी के अपडेट सिलेबस में भी सर्जिकल स्ट्राइक के पाठ को वर्तमान नीति के तहत जोड़ा जाएगा. बदलते वक्त के साथ देशों के बीच चल रहे प्रॉक्सी वॉर की जानकारी होना भी जरूरी है. इसलिए छात्रों को प्राचीन काल के युद्ध नीति से लेकर वर्तमान समय के प्रॉक्सी वॉर तक के बारे में जानकारी दी जा रही है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिफेंस स्टडी (Defense studies) के छात्रों का कहना है कि समय-समय पर विश्वविद्यालय स्तर से कोर्स को अपडेट किया जाता है. इस अपडेटेड कोर्स का सीधा लाभ छात्रों को मिलता है.

इसे पढ़ें- अराजक तत्वों ने मस्जिद के गेट पर गेरूए रंग से लिखा जय श्रीराम

प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी(Allahabad Central University) में डिफेंस स्टडी (Defense studies) विभाग के छात्र त्रेता युग की युद्ध नीति से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक के बारे में अध्ययन करेंगे. डिफेंस स्टडी सेंटर की प्रोफेसर भारती दास ने बताया कि बदलते वक्त में साथ पाठ्यक्रम को अपग्रेड करके छात्रो को शिक्षा दी जाती है. अभी यूनिवर्सिटी स्तर पर कोर्स में सर्जिकल स्ट्राइक को पढ़ाया जा रहा है. नई शिक्षा नीति (New education policy) के तहत आने वाले दिनों में इसे यूजीसी के कोर्स में भी शामिल कर लिया जाएगा.

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिफेंस स्टडी विभाग (Defense Studies Department) की प्रोफेसर भारती दास छात्रों को त्रेता युग से लेकर वर्तमान समय के युद्ध के बारे में अध्यन करातीं हैं. प्रोफेसर का कहना है कि रक्षा डिफेंस स्टडी विभाग के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन से लेकर शोध तक के छात्रों को पढ़ाया जाता है. इन छात्रों को रामायण और महाभारत काल के दौरान हुए युद्ध के बारे में बताया जाता है. वहीं, मध्यकालीन इतिहास के तहत मौर्य से लेकर मुगल काल और अंग्रेजी शासनकाल के दौरान हुए युद्ध के बारे में भी पढ़ाया जाता है. लेकिन इसके साथ ही अब इन छात्रों को वर्तमान समय में बने हालात और युद्ध के बारे में बताया जा रहा है. इसके तहत इन छात्रों को पिछले दिनों हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में भी पढ़ाया जाने लगा है.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिफेंस स्टडी के छात्र सीख रहे युद्ध नीति के गुर
पहले होता था सीधा युद्ध अब होता है प्रॉक्सी वॉर
छात्रों को युद्ध से जुड़ी शिक्षा देने वाली प्रोफेसर का कहना है पहले सीधा युद्ध होता था. अब प्रॉक्सी वॉर (Proxy war policy) का जमाना आ गया है. यही वजह है कि छात्रों को हर तरह से युद्ध की जानकारी दी जा रही है. अब पुलवामा जैसी घटनाओं को भी दुश्मन मुल्क साजिश करके अप्रत्यक्ष लड़ाई लड़ते हैं. मौजूदा दौर में दूसरे देशों में साजिश के तहत आतंकी घटना और दूसरे छिपे हुए हमले करवाए जाते हैं. जबकि रामायण-महाभारत काल के समय सीधा युद्ध होता था.

डिफेंस स्टडी कोर्स के तहत छात्रों को भारत पाकिस्तान और दूसरे मुल्कों के साथ हुए युद्ध की बारीकियों के बारे में भी बताया जाता है. प्रोफेसर भारती दास ने बताया कि आने वाले दिनों में यूजीसी के अपडेट सिलेबस में भी सर्जिकल स्ट्राइक के पाठ को वर्तमान नीति के तहत जोड़ा जाएगा. बदलते वक्त के साथ देशों के बीच चल रहे प्रॉक्सी वॉर की जानकारी होना भी जरूरी है. इसलिए छात्रों को प्राचीन काल के युद्ध नीति से लेकर वर्तमान समय के प्रॉक्सी वॉर तक के बारे में जानकारी दी जा रही है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिफेंस स्टडी (Defense studies) के छात्रों का कहना है कि समय-समय पर विश्वविद्यालय स्तर से कोर्स को अपडेट किया जाता है. इस अपडेटेड कोर्स का सीधा लाभ छात्रों को मिलता है.

इसे पढ़ें- अराजक तत्वों ने मस्जिद के गेट पर गेरूए रंग से लिखा जय श्रीराम

Last Updated : Sep 8, 2022, 7:28 PM IST
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