प्रयागराज: एमपी/एमएलए कोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर हुए मुकदमे की सुनवाई की गई. कोर्ट के विशेष जज पवन तिवारी ने मामले की सुनवाई की. जज ने सुनवाई के दौरान 20 वर्ष पूर्व तलत अज़ीज़ के गनर सत्य प्रकाश यादव की हत्या के आरोप में सीजेएम महराजगंज द्वारा तलबी आदेश खारिज किए जाने के विरुद्ध दाखिल निगरानी विशेष जज एमपी/एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व विधायक लुइस खुर्शीद की ओर से दाखिल 17 अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों में से 16 को भी न्यायालय में सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया गया है.
11 फरवरी 99 को थाना कोतवाली महराजगंज में योगी आदित्यनाथ की ओर से एक एफआईआर लिखाई गई कि उनको रास्ते में रोककर विशेष समुदाय के लोगों ने उनपर हमला किया. जिसमें कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं तलत अज़ीज़ की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि तात्कालिक सांसद योगी आदित्यनाथ अपने समर्थकों के साथ आए और उन्होंने उन लोगों पर फायर कर दिया. तलत अज़ीज़ के गनर के सर में चोट लगी और उसकी मौत हो गई. इसमें कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
इस मामले के खिलाफ निगरानी दाखिल की गई. दोनों ही निगरानी में सीजेएम के आदेश को सही ठहराते हुए कोर्ट ने निगरानीकर्ता के वकीलों और अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता, वीरेंद्र सिंह, जय गोविंद, हरि ओंकार सिंह, राधा कृष्ण मिश्र, लाल चंदन को सुनकर निगरानी खारिज कर दी. साथ ही योगी पक्ष से तलत अज़ीज़ आदि के खिलाफ़ दाखिल निगरानी भी खारिज कर दी है. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ को हत्या जैसे गंभीर मामले में कोर्ट से राहत मिल गई है.
अधिवक्ता एसएन नाशीम ने बताया कि डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को लेकर अलग-अलग जिलों में एफआईआर लिखे गए थे. सभी मामले की सुनवाई करते हुए आज एमपी/एमएलए कोर्ट ने अग्रिम जमानत पार्थना पत्र खारिज कर दिया है. 17 अग्रिम पार्थना पत्र में से 16 पत्र खारिज कर दिए हैं. जमानत पत्र में से एक नैनी थाना से जुड़ा हुआ मामला था. जिसकी सुनवाई कोर्ट कल करेगी.