प्रयागराज: दुष्कर्म मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद ने हाईकोर्ट में पेरोल के लिए अर्जी दाखिल की है. चिन्मयानंद की नियमित जमानत पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित है. फैसला आने में हो रहे विलंब के चलते उन्होंने पेरोल के लिए अर्जी दाखिल कर कुछ समय के लिए जेल से रिहा किए जाने की मांग की है. वहीं कोर्ट ने आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की एक याचिका में पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज कर दी है.
अर्जी में चिन्मयानंद के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कहा गया है कि इनको इलाज कराने के लिए कुछ समय के लिए जेल से रिहा किया जाए. अर्जी पर 27 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपी चिन्मयानंद लंबे समय से जेल में बंद हैं. उनकी जमानत सेशन कोर्ट से खारिज हो चुकी है. हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी पर 16 नवंबर को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. फैसला अभी आया नहीं है. इस बीच रिहाई की मांग को लेकर उन्होंने यह अर्जी दाखिल की है.
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शाहजहांपुर की छात्रा से दुराचार के मामले की मॉनिटरिंग कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की याचिका मे पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि विवेचना कर रही एसआईटी ने चार्ज सीट दाखिल कर दी है. कोर्ट मुकदमे की सुनवाई कर रहा है. पक्षकार बनने की अर्जी अर्थहीन हो चुकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि वह पीड़िता, परिवार की सुरक्षा और एक मामले में जरूरी आदेश पारित करने के लिए मॉनिटरिंग कर रहा है.