प्रयागराज: प्रयागराज मेला प्रशासन ने 2019 में हुए कुंभ मेले में धोखाधड़ी के मामले में 24 लोगों पर दारागंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. मेला प्रशासन ने 1 करोड़ 9 लाख 85 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें टेंट के ठेकेदार लल्लू जी एंड संस पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है, जो कि पूरे मेले में टेंट का वर्षों से काम देख रहे थे. इसमें मेला प्राधिकरण के कर्मचारियों पर भी जांच बैठ गई है. उनके शामिल होने की बात सामने आ रही है.
प्रयागराज में 5 वर्षों में लगने वाले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ में इस बड़े घोटाले ने मेला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. इसमें भुगतान के लिए मेला प्राधिकरण के कर्मचारियों के हस्ताक्षर की कूट रचना कर दस्तावेजों को तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं. अब पूरा मामला पुलिस के हाथ में आ गया है. पुलिस परत दर परत मामले को खंगाल रही है.
मेले की तैयारी में लगे सामानों में हुआ फर्जीवाड़ा
मेसर्स लल्लू जी एंड संस को पिछले कई वर्षों से मेले की तैयारी के लिए टेंट टिन और फर्नीचर की आपूर्ति करने को दी जाती रही है. 15 जनवरी 2019 से शुरू हुए कुंभ मेले की तैयारी में लगे सामानों के बिल में लगभग 1 करोड़ नौ लाख 85 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. लल्लू जी द्वारा अलग-अलग कई बिल पेश किए गए, जिसमें कुछ बिलों पर प्राधिकरण द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है.
एजेंसी को किया ब्लैक लिस्ट
जिला प्रशासन ने एजेंसी को नोटिस देते हुए एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. क्योंकि प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार का पूरा जोर इस आयोजन को सफल बनाने पर रहता है. मेले को सफल बनाने के लिए हर कोशिश मेला प्रशासन की तरफ से की जाती है. 2019 का महाकुंभ बहुत सफल रहा है. पूरे विश्व में इस आयोजन की चर्चा भी हुई, लेकिन इस धोखाधड़ी की बात सामने आने से इसे गंभीरता से लिया जा रहा है.
कई अन्य एजेंसियों के शामिल होने की आशंका
इतने बड़े धार्मिक मेले में ऐसी और भी एजेंसी हैं, जो फर्जीवाड़े के दायरे में आ सकती हैं. उन पर जांच बैठ गई है. बिना मेला कर्मचारियों के मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता. इसलिए इससे जुड़े हर कर्मचारी से गहनता से पूछताछ की जा रही है, उनके रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.
फर्जीवाड़े से कुंभ पर दाग
भले ही 2019 के कुंभ की चर्चा पूरे विश्व में फैली हो, लेकिन इस तरह के फर्जीवाड़े की बात सामने आने से मेले में दाग जैसी स्थिति बन जाती है. इस फर्जीवाड़े के खुलने से एक बात तो जरूर सामने आई है कि ऐसे ही फर्जीवाड़े पिछले मेलों में भी होते रहे होंगे.