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ओडिशा के नयागढ़ में मूल्यवान लिथियम की खोज, सर्वे के दौरान सुराग मिले - GSI DISCOVERS PRESENCE OF LITHIUM

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के एक अध्ययन में ओडिशा के कुछ जिलों में लिथियम के भंडार होने के संकेत मिले हैं.

GSI DISCOVERS PRESENCE OF LITHIUM
प्रतीकात्मक तस्वीर (GETTY IMAGE)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 3:25 PM IST

Updated : Jan 20, 2025, 4:28 PM IST

नयागढ़, ओडिशा: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने ओडिशा में एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिससे राज्य में लिथियम के भंडार होने की संभावना जताई जा रही है. जीएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में यह जानकारी दी है कि नयागढ़ जिले में हुए सर्वेक्षण के दौरान लिथियम की मौजूदगी के कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं. लिथियम एक महत्वपूर्ण धातु है, जिसका उपयोग बैटरी, एल्यूमीनियम उत्पादों और सीसा उत्पादन में व्यापक रूप से किया जाता है, यदि ओडिशा में लिथियम के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

नयागढ़ में मिले संकेत: केंद्रीय खान सचिव वी.एल. कांता ने बताया कि अभी तक कोई बड़ी खोज नहीं हुई है, लेकिन लिथियम की मौजूदगी के कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं. उन्होंने कहा कि भूगर्भीय रूप से पूर्वी घाट इलाके, जैसे नयागढ़ में कुछ संकेत मिले हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभी शुरुआती चरण है और इस पर कोई भी दावा करना जल्दबाजी होगी.

ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को मिल सकता है बढ़ावा: यदि ओडिशा में लिथियम के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. लिथियम बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसका स्थानीय उपलब्धता से उत्पादन लागत में कमी आ सकती है. इससे ओडिशा एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्र के रूप में उभर सकता है.

खनन कार्य में तकनीकी प्रगति: जीएसआई नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके ओडिशा में खनिज भंडारों का सर्वेक्षण कर रहा है. केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने बताया कि जीएसआई ड्रोन के साथ-साथ एआई का भी उपयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन आधारित प्रौद्योगिकियों के उपयोग से सर्वेक्षण कार्य आसान और तेज हो गया है. राजस्थान और ओडिशा के मयूरभंज जिले में प्रायोगिक आधार पर दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं.

ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए आदर्श: वी.एल कांता राव ने कहा कि ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गया है. उन्होंने बताया कि ओडिशा देश में खनिजों का लगभग 50 प्रतिशत योगदान देता है. उन्होंने यह भी कहा कि उन जिलों में खनिज सर्वेक्षण गतिविधियां तेज की जाएंगी जहां कई सालों से खनन कार्य बंद पड़ा है.

खान मंत्रियों का सम्मेलन: केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPI) की 64वीं बैठक में वीएल कांता राव ने सहयोग को बढ़ावा देने और भूविज्ञान को आगे बढ़ाने में मंच की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने खान मंत्रालय की प्रमुख पहलों को भी रेखांकित किया, जो ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ और अपतटीय खनन पर हाल की दो महत्वपूर्ण बजटीय घोषणाओं के अनुरूप हैं.

यह भी पढ़ें- NDDB ने तिरुमाला में उप्लब्ध कराए नए इक्विपमेंट, प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता होगी सुनिश्चित

नयागढ़, ओडिशा: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने ओडिशा में एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिससे राज्य में लिथियम के भंडार होने की संभावना जताई जा रही है. जीएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में यह जानकारी दी है कि नयागढ़ जिले में हुए सर्वेक्षण के दौरान लिथियम की मौजूदगी के कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं. लिथियम एक महत्वपूर्ण धातु है, जिसका उपयोग बैटरी, एल्यूमीनियम उत्पादों और सीसा उत्पादन में व्यापक रूप से किया जाता है, यदि ओडिशा में लिथियम के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

नयागढ़ में मिले संकेत: केंद्रीय खान सचिव वी.एल. कांता ने बताया कि अभी तक कोई बड़ी खोज नहीं हुई है, लेकिन लिथियम की मौजूदगी के कुछ शुरुआती संकेत मिले हैं. उन्होंने कहा कि भूगर्भीय रूप से पूर्वी घाट इलाके, जैसे नयागढ़ में कुछ संकेत मिले हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभी शुरुआती चरण है और इस पर कोई भी दावा करना जल्दबाजी होगी.

ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को मिल सकता है बढ़ावा: यदि ओडिशा में लिथियम के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. लिथियम बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसका स्थानीय उपलब्धता से उत्पादन लागत में कमी आ सकती है. इससे ओडिशा एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्र के रूप में उभर सकता है.

खनन कार्य में तकनीकी प्रगति: जीएसआई नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके ओडिशा में खनिज भंडारों का सर्वेक्षण कर रहा है. केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने बताया कि जीएसआई ड्रोन के साथ-साथ एआई का भी उपयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन आधारित प्रौद्योगिकियों के उपयोग से सर्वेक्षण कार्य आसान और तेज हो गया है. राजस्थान और ओडिशा के मयूरभंज जिले में प्रायोगिक आधार पर दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं.

ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए आदर्श: वी.एल कांता राव ने कहा कि ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गया है. उन्होंने बताया कि ओडिशा देश में खनिजों का लगभग 50 प्रतिशत योगदान देता है. उन्होंने यह भी कहा कि उन जिलों में खनिज सर्वेक्षण गतिविधियां तेज की जाएंगी जहां कई सालों से खनन कार्य बंद पड़ा है.

खान मंत्रियों का सम्मेलन: केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPI) की 64वीं बैठक में वीएल कांता राव ने सहयोग को बढ़ावा देने और भूविज्ञान को आगे बढ़ाने में मंच की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने खान मंत्रालय की प्रमुख पहलों को भी रेखांकित किया, जो ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ और अपतटीय खनन पर हाल की दो महत्वपूर्ण बजटीय घोषणाओं के अनुरूप हैं.

यह भी पढ़ें- NDDB ने तिरुमाला में उप्लब्ध कराए नए इक्विपमेंट, प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता होगी सुनिश्चित

Last Updated : Jan 20, 2025, 4:28 PM IST
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