प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान की याचिका पर रामपुर के डिस्ट्रिक्ट जज और राज्य सरकार से 10 दिन में जवाब मांगा है. याचिका में रामपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में चल रहे छह मुकदमों की सुनवाई किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर करने की मांग की गई है.
यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने आजम खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, और विवेक तन्खा को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनकर दिया है. याचिका पर अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट से आजम खान को नहीं मिली थी राहत
उच्चतम न्यायालय ने रामपुर की एक विशेष अदालत में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को कथित 'उत्पीड़न' के आधार पर उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने से चार जनवरी को इनकार कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एस. ए. नज़ीर और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा था कि खान के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को स्थानांतरित करने के लिए अधिक ठोस कारणों की जरूरत है. खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उनके हवाले से कहा, 'मुझे राज्य में न्याय नहीं मिलेगा. मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है...यह न्यायाधीश के बारे में नहीं... यह राज्य के बारे में है. राज्य में कहीं भी स्थिति ऐसी ही रहेगी.' पीठ ने कहा, 'हमें कोई मामला स्थानांतरित करने के लिए और ठोस कारण चाहिए होते हैं. बहरहाल, हम आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की अनुमति देते हैं.'
समाजवादी पार्टी के नेता ने रामपुर में एक विशेष सुनवाई अदालत में उनके खिलाफ चल रहे कई आपराधिक मामलों को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था. खान को हाल ही में आपत्तिजनक भाषण से संबंधित एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था और राज्य विधानसभा में एक विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.