प्रयागराज: पिछले साल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को काला झंडा दिखाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा की विषय बनी नेहा यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया है. एक साल बाद हुए निलंबन को नेहा यादव ने मोदी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत बताया है.
मोदी सरकार और विवि प्रशासन की मिलीभगत
रिसर्च स्कॉलर नेहा यादव पर विवि प्रशासन ने अनुशासनहीनता जैसे कई आरोप लगाए हैं. इन्हीं आरोपों के आधार पर विवि प्रशासन ने नोटिस जारी करते हुए नेहा को निलंबित कर दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नेहा यादव ने कहा कि इलाहबाद विश्विद्यालय से मेरा भरोशा उठ चुका है. विश्विद्यालय मेरे साथ कैदियों जैसा सलूक कर रहा है. कुलपति तमाम आरोपों से घिरे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. एक साल पहले ही यह प्लान कर लिया गया था कि जैसे ही मोदी सरकार 2.0 आएगी, मेरा निलंबन कर दिया जाएगा. एक साल बाद जिस तरह से मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई है उससे साफ है कि विवि प्रशासन सरकार के इशारे पर एक्शन ले रहा है.
एक तरफा हुई कार्रवाई
नेहा यादव का आरोप है कि जब प्रदर्शन में कई छात्र और छात्राएं थीं तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सिर्फ मेरे ऊपर कार्रवाई क्यों की. इस प्रदर्शन में पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, वर्तमान अध्यक्ष उदय यादव, पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह जैसे तमाम छात्र नेता थे लेकिन सिर्फ उन पर कार्रवाई करते हुए निलंबन का लेटर पकड़ा दिया गया. नेहा कहती हैं कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का बहुत नाम सुना था लेकिन यहां आने के बाद यहां की असलियत से रूबरू हुई हूं. विवि में सिर्फ और सिर्फ तानाशाही और भ्रष्टाचार चल रहा है. अगर विवि प्रशासन के खिलाफ कोई कुछ बोलता है तो उसे तुरंत नोटिस थमा दिया जाता है.
कैदियों की तरह पेश आ रहा है विवि प्रशासन
नेहा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेरे निलंबन को बहाल तो किया, लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है. मुझे जीवनभर के लिए विवि में हॉस्टल नहीं मिलेगा और इसके लिए मैं फार्म भी नहीं भर सकती हूं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के किसी भी डिपार्टमेंट में बिना चीफ प्रॉक्टर के परमिशन नहीं जा सकती और जब तक लिखित परमिशन नहीं मिलेगी, मैं किसी भी डिपार्टमेंट में नहीं जा सकती. गर्ल्स हॉस्टल में जाने के लिए पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. मैं विश्वविद्यालय में सिर्फ और सिर्फ अपने डिपार्टमेंट आकर अपनी रिसर्च पूरी कर सकती हूं. इसके बाद भी हर 15 दिन के अंदर मुझे रिसर्च के सारे रिपोर्ट चीफ प्रॉक्टर को भेजना होगा.