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दुष्कर्म के आरोपी BSP सांसद अतुल राय को हाईकोर्ट से झटका, जमानत अर्जी खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अतुल राय घोसी से बसपा के सांसद हैं. उनके के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में एक युवती ने मुकदमा दर्ज कराया है. अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज है.

BSP MP Atul Rai
बसपा सांसद अतुल राय
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Published : Jun 23, 2021, 3:35 AM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की द्वितीय जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता, गवाहों के बयान और केस के ट्रायल की स्थिति को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने का कोई आधार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओमप्रकाश दिया है.

सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी का कहना था कि याची के खिलाफ राजनीतिक रंजिश के कारण दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है. इससे पहले प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता सहित कई गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं, लेकिन अब पीड़िता और सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. वकील ने कहा कि " अतुल राय को पीड़िता, अंगद राय और सत्यम प्रकाश ने साजिश करके फंसाया है, ताकि वह घोसी सीट से चुनाव न लड़ सकें.

इसे भी पढ़ें- सपा नेता छविनाथ यादव को मिली जमानत, नौ महीने बाद जेल से आएंगे बाहर

वरिष्ठ अधिवक्ता का यह भी कहना था कि याची के मामले में क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी थी कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है. यह रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई और दुबारा एसपी सिटी वाराणसी से जांच करवाई गई. अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता, अंगद राय और सत्यम प्रकाश की ऑडियो टेप क्लिपिंग से भी साबित है कि याची को फंसाया गया है.

इसका विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय का कहना था कि याची का लंबा आपराधिक इतिहास है. इस मामले में अभी ट्रायल पूरा नहीं हुआ है और महत्पवूर्ण गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं. ऐसे में जमानत देने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की द्वितीय जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता, गवाहों के बयान और केस के ट्रायल की स्थिति को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने का कोई आधार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओमप्रकाश दिया है.

सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी का कहना था कि याची के खिलाफ राजनीतिक रंजिश के कारण दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है. इससे पहले प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता सहित कई गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं, लेकिन अब पीड़िता और सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. वकील ने कहा कि " अतुल राय को पीड़िता, अंगद राय और सत्यम प्रकाश ने साजिश करके फंसाया है, ताकि वह घोसी सीट से चुनाव न लड़ सकें.

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वरिष्ठ अधिवक्ता का यह भी कहना था कि याची के मामले में क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी थी कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है. यह रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई और दुबारा एसपी सिटी वाराणसी से जांच करवाई गई. अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता, अंगद राय और सत्यम प्रकाश की ऑडियो टेप क्लिपिंग से भी साबित है कि याची को फंसाया गया है.

इसका विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय का कहना था कि याची का लंबा आपराधिक इतिहास है. इस मामले में अभी ट्रायल पूरा नहीं हुआ है और महत्पवूर्ण गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं. ऐसे में जमानत देने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए द्वितीय जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया है.

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