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हत्या के चार आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा के बेहरू थाना क्षेत्र में 18 साल पहले हुई एक शख्स की हत्या के चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी है.

हत्या के चार आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार
हत्या के चार आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार
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Published : Jan 7, 2022, 10:59 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा के बेहरू थाना क्षेत्र में 18 साल पहले हुई एक सुरेश नामक शख्स की हत्या के चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी है. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें आयुध अधि‌नियम के तहत सुनाई गई सजा से बरी कर दिया है.

यह फैसला न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश सिंह की खंड पीठ ने मकरंद सिंह व अन्य की सजा के खिलाफ अपील पर दिया है.

मालूम हो कि वीरेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 6 अक्टूबर 2003 को शाम 6 बजे वह अपने पुत्र सुरेश सिंह व सुधर सिंह सहित कुछ अन्य लोगों के साथ गांव की ओर वापस लौट रहा था. पुलिया के पास पहले से घात लगाए बैठे मकरंद सिंह, रामजीत सिंह, रामकप्तान सिंह और ऋषिकेस सिंह अचानक सामने आ गए. सभी के हाथों में राइफल, बंदूक और तमंचा जैसे असलहे थे. चारों ने एक साथ सुरेश पर गोलियां दागनी शुरू कर दी. जिससे सुरेश की मौके पर ही मौत हो गई. उसे सात गोलियां लगीं. इसके बाद अभियुक्तगण मौके से भाग गए.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़ पुलिस पर आरोप: पुलिसकर्मी ने ढाबे के बर्तन किये चोरी, वारदात CCTV में कैद

सेशन कोर्ट ने अभियुक्तोंं को हत्या में उम्रकैद और शस्त्र अधिनियम में दो वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनाई. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने हत्या के जुर्म में सुनाई गई सजा बरकार रखा.

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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा के बेहरू थाना क्षेत्र में 18 साल पहले हुई एक सुरेश नामक शख्स की हत्या के चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी है. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें आयुध अधि‌नियम के तहत सुनाई गई सजा से बरी कर दिया है.

यह फैसला न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश सिंह की खंड पीठ ने मकरंद सिंह व अन्य की सजा के खिलाफ अपील पर दिया है.

मालूम हो कि वीरेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 6 अक्टूबर 2003 को शाम 6 बजे वह अपने पुत्र सुरेश सिंह व सुधर सिंह सहित कुछ अन्य लोगों के साथ गांव की ओर वापस लौट रहा था. पुलिया के पास पहले से घात लगाए बैठे मकरंद सिंह, रामजीत सिंह, रामकप्तान सिंह और ऋषिकेस सिंह अचानक सामने आ गए. सभी के हाथों में राइफल, बंदूक और तमंचा जैसे असलहे थे. चारों ने एक साथ सुरेश पर गोलियां दागनी शुरू कर दी. जिससे सुरेश की मौके पर ही मौत हो गई. उसे सात गोलियां लगीं. इसके बाद अभियुक्तगण मौके से भाग गए.

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सेशन कोर्ट ने अभियुक्तोंं को हत्या में उम्रकैद और शस्त्र अधिनियम में दो वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनाई. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने हत्या के जुर्म में सुनाई गई सजा बरकार रखा.

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