प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने दिव्यांग पेंशन पाने वाले लोगों की मौत के बाद अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लोगों को पेंशन भुगतान जारी रखने के मामले को लेकर कायम आपराधिक केस में चार माह में फैसला करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा (Civil Judge Junior Division Mathura) से कहा है कि धारा 156(3) के तहत दाखिल अर्जी को दोनों पक्षों को सुनकर कोई वैधानिक अड़चन न हो तो नियत समय में विचारण पूरा करें.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने माधव सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची अधिवक्ता धर्मेंद्र सिंह का कहना था कि याची ने मथुरा के गोवर्धन विकास खंड में थाना भगोरा ग्राम बछगांव के निवासी ओंकार, भागीरथ, प्रेमवती और होतीलाल के खिलाफ फर्जी दिव्यांग पेंशन लेने के आरोप में अर्जी दी है.
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उसकी शिकायत पर जांच में फर्जी लोगों द्वारा पेंशन लेने की पुष्टि हुई और 29 जनवरी 2018 से पेंशन बंद कर दी गई. इस संबंध में जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी ने बैंक को वसूली कार्रवाई करने का पत्र लिखा है. कुछ वसूली भी की गई है. 23जुलाई 2019 को कोर्ट में दाखिल अर्जी पर कोई निर्णय न कर उसे लटकाए रखा गया है, जिसे तय करने का कोर्ट ने निर्देश दिया है.