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गोवंश का असुरक्षित परिवहन अपराध है- इलाहाबाद हाईकोर्ट - यूपी में ट्रक से गोवंश परिवहन

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने गोवंश के असुरक्षित परिवहन को अपराध बताया है. आइए जानते है कि किस मामले में कोर्ट ने ये बात कही है...

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 2, 2022, 7:51 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने कहा कि यूपी के भीतर गायों का असुरक्षित परिवहन जिससे गोवंश का जीवन को खतरे में पड़ जाए, गौहत्या अधिनियम की धारा 5 बी के तहत एक अपराध है.

मो. यासिर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. मामले के अनुसार यासिर के ट्रक से गोवंश का परिवहन किया जा रहा था. पुलिस ने ट्रक रोका तो उसमे बड़ी संख्या में गोवंश लादे गए थे. पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468, 471 I.P.C और 3/5-ए/5-बी/8 यू.पी. गोहत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान, यह पाया गया कि जब्त वाहन का मालिक यासिर था. उसके खिलाफ 1955 के अधिनियम की धारा 5बी के साथ पठित धारा 5ए के तहत कार्यवाही शुरू की गई थी.

यासिर ने ट्रक छोड़ने के लिए जिलाधिकारी के समक्ष अर्जी दी. ट्रक को छोड़ने के आवेदन को जिला मजिस्ट्रेट ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि वाहन मालिक अपने वाहन के अवैध उपयोग से बचने के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहा है. इसके आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

यह भी पढ़ें: पैसे बांटने की मशीन बनकर रह गया है क्लीन गंगा मिशन: हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने कहा कि यूपी के भीतर गायों का असुरक्षित परिवहन जिससे गोवंश का जीवन को खतरे में पड़ जाए, गौहत्या अधिनियम की धारा 5 बी के तहत एक अपराध है.

मो. यासिर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. मामले के अनुसार यासिर के ट्रक से गोवंश का परिवहन किया जा रहा था. पुलिस ने ट्रक रोका तो उसमे बड़ी संख्या में गोवंश लादे गए थे. पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468, 471 I.P.C और 3/5-ए/5-बी/8 यू.पी. गोहत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान, यह पाया गया कि जब्त वाहन का मालिक यासिर था. उसके खिलाफ 1955 के अधिनियम की धारा 5बी के साथ पठित धारा 5ए के तहत कार्यवाही शुरू की गई थी.

यासिर ने ट्रक छोड़ने के लिए जिलाधिकारी के समक्ष अर्जी दी. ट्रक को छोड़ने के आवेदन को जिला मजिस्ट्रेट ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि वाहन मालिक अपने वाहन के अवैध उपयोग से बचने के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहा है. इसके आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

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