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बेसिक शिक्षा निदेशक दो हफ्ते में जवाब दें या खुद हाजिर हों-हाईकोर्ट - backward class women quota

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने शिक्षा निदेशक बेसिक उप्र लखनऊ डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने या स्वयं हाजिर होकर सफाई देने का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : Mar 29, 2022, 9:22 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर सख्त रूख अपनाया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग महिला कोटे में निर्धारित क्वालिटी प्वाइंट अंक से कम अंक होने के आधार पर याची को अलीगढ़ में तैनात करने से इंकार कर दिया. याची से कम अंक पाने वाली कई महिलाओं को अलीगढ़ में ही तैनाती दी गई है. याची को कासगंज आवंटित किया गया है.

कोर्ट ने इसे गलत करार दिया है और शिक्षा निदेशक बेसिक उप्र लखनऊ डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने या स्वयं हाजिर होकर सफाई देने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंजू सिंह की याचिका पर दिया है. गौरतलब है कि भर्ती परीक्षा में सफल होने के बाद याची ने अलीगढ़ में तैनाती की अर्जी दी.

इसे भी पढ़ेंः प्रयागराज में राज्य जीएसटी अधिकरण और प्रदेश में 4 एरिया पीठों के गठन का मुद्दा वृहद पीठ के सुपुर्द

बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह कहते हुए अलीगढ़ में तैनात करने से इंकार कर दिया कि पिछड़ा वर्ग महिला कोटे का क्वालिटी प्वाइंट अंक 71.47 है और याची को 70.08 अंक ही मिले हैं. अलीगढ़ में तैनात महिला अभ्यर्थियों की सूची दाखिल की गई, जिसमें कई 70 अंक से कम पाने वाली महिलाओं को अलीगढ़ में तैनाती की गई है. जिस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो हफ्ते में जवाब मांगा है और कहा कि जवाब नहीं देते तो हाजिर हों.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी पर सख्त रूख अपनाया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग महिला कोटे में निर्धारित क्वालिटी प्वाइंट अंक से कम अंक होने के आधार पर याची को अलीगढ़ में तैनात करने से इंकार कर दिया. याची से कम अंक पाने वाली कई महिलाओं को अलीगढ़ में ही तैनाती दी गई है. याची को कासगंज आवंटित किया गया है.

कोर्ट ने इसे गलत करार दिया है और शिक्षा निदेशक बेसिक उप्र लखनऊ डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने या स्वयं हाजिर होकर सफाई देने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंजू सिंह की याचिका पर दिया है. गौरतलब है कि भर्ती परीक्षा में सफल होने के बाद याची ने अलीगढ़ में तैनाती की अर्जी दी.

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बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह कहते हुए अलीगढ़ में तैनात करने से इंकार कर दिया कि पिछड़ा वर्ग महिला कोटे का क्वालिटी प्वाइंट अंक 71.47 है और याची को 70.08 अंक ही मिले हैं. अलीगढ़ में तैनात महिला अभ्यर्थियों की सूची दाखिल की गई, जिसमें कई 70 अंक से कम पाने वाली महिलाओं को अलीगढ़ में तैनाती की गई है. जिस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो हफ्ते में जवाब मांगा है और कहा कि जवाब नहीं देते तो हाजिर हों.

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