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शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर हाईकोर्ट वकीलों ने निकाला वाहन जुलूस

यूपी के प्रयागराज में सोमवार को हाईकोर्ट के वकीलों ने शिक्षा सेवा अधिकरण का गठन लखनऊ में होने का पुरजोर विरोध किया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने बाइक रैली निकालकर सरकार का वाहन जुलूस निकाला.

वकीलों ने निकाला वाहन जुलूस
वकीलों ने निकाला वाहन जुलूस
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Published : Mar 9, 2021, 3:50 AM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने शिक्षा सेवा अधिकरण गठन के विरोध में वाहन जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. हाईकोर्ट चौराहे से लेकर पुराने शहर से होते हुए जनपद न्यायालय तक वकीलों ने वाहन जुलूस निकाला. इस दौरान वकील लगातार प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इसी के साथ ही मंगलवार नौ मार्च को वकीलों ने प्रयागराज बंद कराने की घोषणा भी की है. वकीलों के इस आंदोलन का दूसरे संगठनों ने भी समर्थन किया है.

जारी रहेगा अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन.

योगी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे वकील
शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया था. वकील इस अधिकरण की प्रधान पीठ लखनऊ में बनाये जाने से भी नाराज हैं. उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट की प्रधानपीठ प्रयागराज में है तो शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधानपीठ लखनऊ में बनाकर यूपी सरकार ने तानाशाही करने वाला फैसला किया है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने हड़ताल को वकीलों के हक में धर्मयुद्ध बताया है. योगी सरकार के इस फैसले का इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतवानी दी है कि सरकार जब तक अपना फैसला वापस नहीं लेती तब तक अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

दूसरे संगठनों ने भी दिया समर्थन
इलाहाबाद हाईकार्ट के अधिवक्ताओं की हड़ताल का छात्र संगठनों के साथ ही सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन किया है. अधिवक्ताओं द्वारा निकाले गए वाहन जुलूस में पुराने शहर के व्यापारी भी पैदल शामिल हो गए. व्यापारियों के संगठन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को वाहन जुलूस के दौरान ही पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान भी किया गया. इसके साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के कई छात्र संगठनों ने भी अधिवक्ताओं के हड़ताल और आंदोलन का समर्थन पहले दिन से ही कर दिया है.

हड़ताल की मुख्य वजह
यूपी सरकार द्वारा शिक्षा सेवा अधिकरण के कार्य शुरू करने के बाद उसका सीधा असर इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर पड़ेगा क्योंकि अधिकरण के गठन के बाद शिक्षा विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई अधिकरण में होने लगेगी. जिससे यहां के वकीलों के पास केस कम हो जाएंगे और उनका आर्थिक नुकसान होगा. इलाहबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का साफ कहना है कि इस अधिकरण के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से पौने तीन लाख से ज्यादा केस चले जायेंगे. जिसका सीधा खामियाजा हाईकोर्ट के वकीलों को भुगतना पड़ेगा. भविष्य में शिक्षा से जुड़े मुकदमें हाईकोर्ट में दाखिल भी नहीं होंगे. जिससे नुकसान सिर्फ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले आम वकीलों को होगा.

नौ मार्च को अधिवक्ता प्रयागराज करेंगे बंद
शिक्षा सेवा अधिकरण बिल पास किये जाने के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया था. अब इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सरकार से आरपार की लड़ाई करने का मन बना चुके हैं. 23 फरवरी से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल लगातार जारी है. सोमवार को वाहन जुलूस निकालने के साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नौ मार्च मंगलवार को प्रयागराज बंद किये जाने की घोषणा कर दी है.

यह भी पढ़ेंः शिक्षा अधिकरण विधेयक के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने शिक्षा सेवा अधिकरण गठन के विरोध में वाहन जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. हाईकोर्ट चौराहे से लेकर पुराने शहर से होते हुए जनपद न्यायालय तक वकीलों ने वाहन जुलूस निकाला. इस दौरान वकील लगातार प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इसी के साथ ही मंगलवार नौ मार्च को वकीलों ने प्रयागराज बंद कराने की घोषणा भी की है. वकीलों के इस आंदोलन का दूसरे संगठनों ने भी समर्थन किया है.

जारी रहेगा अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन.

योगी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे वकील
शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया था. वकील इस अधिकरण की प्रधान पीठ लखनऊ में बनाये जाने से भी नाराज हैं. उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट की प्रधानपीठ प्रयागराज में है तो शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधानपीठ लखनऊ में बनाकर यूपी सरकार ने तानाशाही करने वाला फैसला किया है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने हड़ताल को वकीलों के हक में धर्मयुद्ध बताया है. योगी सरकार के इस फैसले का इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतवानी दी है कि सरकार जब तक अपना फैसला वापस नहीं लेती तब तक अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

दूसरे संगठनों ने भी दिया समर्थन
इलाहाबाद हाईकार्ट के अधिवक्ताओं की हड़ताल का छात्र संगठनों के साथ ही सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन किया है. अधिवक्ताओं द्वारा निकाले गए वाहन जुलूस में पुराने शहर के व्यापारी भी पैदल शामिल हो गए. व्यापारियों के संगठन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को वाहन जुलूस के दौरान ही पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान भी किया गया. इसके साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के कई छात्र संगठनों ने भी अधिवक्ताओं के हड़ताल और आंदोलन का समर्थन पहले दिन से ही कर दिया है.

हड़ताल की मुख्य वजह
यूपी सरकार द्वारा शिक्षा सेवा अधिकरण के कार्य शुरू करने के बाद उसका सीधा असर इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर पड़ेगा क्योंकि अधिकरण के गठन के बाद शिक्षा विभाग से जुड़े मामलों की सुनवाई अधिकरण में होने लगेगी. जिससे यहां के वकीलों के पास केस कम हो जाएंगे और उनका आर्थिक नुकसान होगा. इलाहबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का साफ कहना है कि इस अधिकरण के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से पौने तीन लाख से ज्यादा केस चले जायेंगे. जिसका सीधा खामियाजा हाईकोर्ट के वकीलों को भुगतना पड़ेगा. भविष्य में शिक्षा से जुड़े मुकदमें हाईकोर्ट में दाखिल भी नहीं होंगे. जिससे नुकसान सिर्फ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले आम वकीलों को होगा.

नौ मार्च को अधिवक्ता प्रयागराज करेंगे बंद
शिक्षा सेवा अधिकरण बिल पास किये जाने के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया था. अब इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सरकार से आरपार की लड़ाई करने का मन बना चुके हैं. 23 फरवरी से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल लगातार जारी है. सोमवार को वाहन जुलूस निकालने के साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नौ मार्च मंगलवार को प्रयागराज बंद किये जाने की घोषणा कर दी है.

यह भी पढ़ेंः शिक्षा अधिकरण विधेयक के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

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