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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची की ओएमआर सीट की दोबारा जांच के लिए रखी शर्त, जमा करने होंगे 5 हजार रुपये

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में एक अभ्यर्थी की ओएमआर शीट की दोबारा जांच कराने के लिए तलब की है. कोर्ट ने इसके लिए अभ्यर्थी को 5 हजार रूपये जमा कराने को कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुरादाबाद की मधुरानी की याचिका पर दिया है.

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हाईकोर्ट.
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Published : Jun 5, 2020, 3:58 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की एक अभ्यर्थी की ओएमआर शीट 5 हजार रूपये जमा करने की शर्त पर तलब की है. कोर्ट ने कहा है कि यदि ओएमआर सीट की जांच में मिले अंकों में अंतर नहीं पाया गया तो याची द्वारा जमा की राशि को हर्जाने के रूप में जब्त कर लिया जाएगा.

याची का कहना था कि उसे लिखित परीक्षा में 90 अंक मिलने चाहिए थे, किन्तु 89 अंक ही मिले हैं. एक अंक की कमी से वह चयनित होने से वंचित रह गई है. इस पर कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी थी. अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि याची की ओएमआर सीट की दोबारा जांच करने पर उसमें कोई त्रुटि नहीं पाई गई है. उसे मिले अंक सही हैं. इस पर याची के अधिवक्ता ने मांग की है कि मूल ओएमआर सीट कोर्ट में मंगा कर देख लिया जाए.

कोर्ट ने याची की यह मांग इस शर्त के साथ स्वीकार कर ली कि उसे पांच हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट महानिबंधक के पक्ष में जमा करना होगा. यदि ओएमआर सीट में गलती नहीं पाई जाती है तो यह राशि हर्जाने के तौर पर जब्त कर ली जाएगी. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुरादाबाद की मधुरानी की याचिका पर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की एक अभ्यर्थी की ओएमआर शीट 5 हजार रूपये जमा करने की शर्त पर तलब की है. कोर्ट ने कहा है कि यदि ओएमआर सीट की जांच में मिले अंकों में अंतर नहीं पाया गया तो याची द्वारा जमा की राशि को हर्जाने के रूप में जब्त कर लिया जाएगा.

याची का कहना था कि उसे लिखित परीक्षा में 90 अंक मिलने चाहिए थे, किन्तु 89 अंक ही मिले हैं. एक अंक की कमी से वह चयनित होने से वंचित रह गई है. इस पर कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी थी. अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि याची की ओएमआर सीट की दोबारा जांच करने पर उसमें कोई त्रुटि नहीं पाई गई है. उसे मिले अंक सही हैं. इस पर याची के अधिवक्ता ने मांग की है कि मूल ओएमआर सीट कोर्ट में मंगा कर देख लिया जाए.

कोर्ट ने याची की यह मांग इस शर्त के साथ स्वीकार कर ली कि उसे पांच हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट महानिबंधक के पक्ष में जमा करना होगा. यदि ओएमआर सीट में गलती नहीं पाई जाती है तो यह राशि हर्जाने के तौर पर जब्त कर ली जाएगी. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुरादाबाद की मधुरानी की याचिका पर दिया है.

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