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ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत नेशनल हाईवे निर्माण के खिलाफ याचिका खारिज - प्रयागराज की खबरें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर-पीलीभीत सेक्शन में हो रहे नेशनल हाईवे निर्माण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया. नेशनल हाईवे का निर्माण ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत ढांचा तैयार करने, मरम्मत, चौड़ीकरण, आदि को लेकर किया जा रहा है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : May 19, 2022, 11:03 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर-पीलीभीत सेक्शन में हो रहे नेशनल हाईवे निर्माण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया. नेशनल हाईवे का निर्माण ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत ढांचा तैयार करने, मरम्मत, चौड़ीकरण, आदि को लेकर किया जा रहा है. याचिका को खारिज कर कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय महत्त्व का प्रोजेक्ट होने के नाते अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने जयंती देवी व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए पारित किया.

याचिका दाखिल कर प्रोजेक्ट के लिए जारी 16 जुलाई 2012 व 22 दिसंबर 2021 की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी और इसे रद्द करने की कोर्ट से मांग की गई थी. अधिसूचना नेशनल हाईवे एक्ट के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा जारी की गई थी. कोर्ट ने अपने पारित आदेश में कहा कि याची ने नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 3 ए की अधिसूचना जारी होने के बाद कोई आपत्ति नहीं की. बल्कि 3 डी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपत्ति की.

पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्टः सहायक अध्यापक दोबारा दे सकते हैं सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा

याचिका का कहना था कि टोल प्लाजा का निर्माण औद्योगिक क्षेत्र से 5 किलोमीटर के अंदर नहीं किया जा सकता. वहीं ये भी कहा गया था कि याचीगण की भूमि औद्योगिक क्षेत्र के 5 किलोमीटर की परिधि में है. हाई कोर्ट ने इस दलील को सही नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर-पीलीभीत सेक्शन में हो रहे नेशनल हाईवे निर्माण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया. नेशनल हाईवे का निर्माण ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत ढांचा तैयार करने, मरम्मत, चौड़ीकरण, आदि को लेकर किया जा रहा है. याचिका को खारिज कर कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय महत्त्व का प्रोजेक्ट होने के नाते अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने जयंती देवी व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए पारित किया.

याचिका दाखिल कर प्रोजेक्ट के लिए जारी 16 जुलाई 2012 व 22 दिसंबर 2021 की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी और इसे रद्द करने की कोर्ट से मांग की गई थी. अधिसूचना नेशनल हाईवे एक्ट के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा जारी की गई थी. कोर्ट ने अपने पारित आदेश में कहा कि याची ने नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 3 ए की अधिसूचना जारी होने के बाद कोई आपत्ति नहीं की. बल्कि 3 डी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपत्ति की.

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याचिका का कहना था कि टोल प्लाजा का निर्माण औद्योगिक क्षेत्र से 5 किलोमीटर के अंदर नहीं किया जा सकता. वहीं ये भी कहा गया था कि याचीगण की भूमि औद्योगिक क्षेत्र के 5 किलोमीटर की परिधि में है. हाई कोर्ट ने इस दलील को सही नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.

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