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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जेल से अदालत ले जाने के दौरन सुरक्षा देने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को जेल से पेशी पर अदालत ले जाने ले आने के दौरान पर्याप्त सुरक्षा देने का निर्देश दिया है.जेल से पेशी पर ले जाने के दौरान आवांछित लोगों और मीडिया को दूर रखने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है.

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मुख्तार अंसारी
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Published : May 3, 2023, 9:45 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को जेल से पेशी पर अदालत ले जाने ले आने के दौरान पर्याप्त सुरक्षा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हालिया घटनाओं को देखते हुए मुख्तार अंसारी को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए. उसके पेशी पर आने-जाने के दौरान काफिले के नजदीक जाने से अवांछित लोगों व मीडिया को रोका जाए.

मुख्तार अंसारी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में अपनी पत्नी आफसा अंसारी के माध्यम से वर्ष 2022 में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर न्यायमूर्ति केजे ठाकर और न्यायमूर्ति शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने डीजी जेल को मुख्तार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्तार की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा.

कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार के काफिले को कहीं पर भी रास्ते में रोका न जाए. याचिका में कहा गया है कि याची को आशंका है कि जेल से बाहर पेशी पर ले जाने ले आने के दौरान उसकी हत्या की जा सकती है. इसे लेकर के सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. इस पर वर्ष 2022 में आफसा अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की थी.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो जाने के बाद भी प्रदेश के माफियाओं को अपनी हत्या हो जाने का और भी ज्यादा डर सताने लगा है. इसी के मद्देनजर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार ने अपनी सुरक्षा कड़ी किए जाने की गुहार लगाई है. कोर्ट ने याचिका आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

पढ़ेंः मुख्तार और अफजाल की सजा पर बोले सीएम योगी, अब कोई माफिया सीना तानकर नहीं चलेगा

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को जेल से पेशी पर अदालत ले जाने ले आने के दौरान पर्याप्त सुरक्षा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हालिया घटनाओं को देखते हुए मुख्तार अंसारी को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए. उसके पेशी पर आने-जाने के दौरान काफिले के नजदीक जाने से अवांछित लोगों व मीडिया को रोका जाए.

मुख्तार अंसारी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में अपनी पत्नी आफसा अंसारी के माध्यम से वर्ष 2022 में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर न्यायमूर्ति केजे ठाकर और न्यायमूर्ति शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने डीजी जेल को मुख्तार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्तार की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा.

कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार के काफिले को कहीं पर भी रास्ते में रोका न जाए. याचिका में कहा गया है कि याची को आशंका है कि जेल से बाहर पेशी पर ले जाने ले आने के दौरान उसकी हत्या की जा सकती है. इसे लेकर के सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. इस पर वर्ष 2022 में आफसा अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की थी.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो जाने के बाद भी प्रदेश के माफियाओं को अपनी हत्या हो जाने का और भी ज्यादा डर सताने लगा है. इसी के मद्देनजर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार ने अपनी सुरक्षा कड़ी किए जाने की गुहार लगाई है. कोर्ट ने याचिका आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

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