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हाईकोर्ट ने मां और बेटी को कल कोर्ट में पेश होने का दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज को मुट्ठीगंज की निवासी माधुरी श्रीवास्तव को बालिग बेटी बैष्णवी के साथ तीन मार्च को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है. इसका कारण यह है कि बैष्णवी पिता प्रवीण कुमार श्रीवास्तव से मिल सके.

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Published : Mar 2, 2021, 6:06 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज को मुट्ठीगंज की निवासी माधुरी श्रीवास्तव को बालिग बेटी बैष्णवी के साथ तीन मार्च को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है. इसका कारण यह है कि बैष्णवी पिता प्रवीण कुमार श्रीवास्तव से मिल सके. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने माधुरी श्रीवास्तव और बैष्णवी की याचिका पर दिया है.

परिवार न्यायालय ने पिता को अपनी बेटी से माह के हर दूसरे रविवार को मिलने की छूट दी थी. इसकी अवहेलना करने पर मां याची के खिलाफ परिवार न्यायालय में अनुपालन कार्यवाही चल रही है. इसी कार्यवाही को रद्द करने की याचिका में मांग की गई है. अब बेटी बालिग है और मां के साथ रह रही है.

पढ़ें: 'शिक्षा सेवा अधिकरण न्याय व्यवस्था को कमजोर करने का तंत्र'

याची का कहना है कि उसकी शादी 1998 में हुई थी. दो साल बाद बेटी बैष्णवी हुई. पति प्रताड़ित करने लगा और तलाक व साथ रखने दोनों केस कायम किए, जो आंशिक रूप से स्वीकार हुआ. पिता को बेटी से मिलने की छूट दी गई. पालन न करने पर आदेश 39 नियम 2 सीपीसी के तहत अर्जी दी गई. अब वह बालिग है. ऐसे में कार्यवाही रद्द की जाय. इस पर कोर्ट ने बैष्णवी को मां के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज को मुट्ठीगंज की निवासी माधुरी श्रीवास्तव को बालिग बेटी बैष्णवी के साथ तीन मार्च को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है. इसका कारण यह है कि बैष्णवी पिता प्रवीण कुमार श्रीवास्तव से मिल सके. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने माधुरी श्रीवास्तव और बैष्णवी की याचिका पर दिया है.

परिवार न्यायालय ने पिता को अपनी बेटी से माह के हर दूसरे रविवार को मिलने की छूट दी थी. इसकी अवहेलना करने पर मां याची के खिलाफ परिवार न्यायालय में अनुपालन कार्यवाही चल रही है. इसी कार्यवाही को रद्द करने की याचिका में मांग की गई है. अब बेटी बालिग है और मां के साथ रह रही है.

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याची का कहना है कि उसकी शादी 1998 में हुई थी. दो साल बाद बेटी बैष्णवी हुई. पति प्रताड़ित करने लगा और तलाक व साथ रखने दोनों केस कायम किए, जो आंशिक रूप से स्वीकार हुआ. पिता को बेटी से मिलने की छूट दी गई. पालन न करने पर आदेश 39 नियम 2 सीपीसी के तहत अर्जी दी गई. अब वह बालिग है. ऐसे में कार्यवाही रद्द की जाय. इस पर कोर्ट ने बैष्णवी को मां के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.

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