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राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक भर्ती : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सफल अभ्यर्थी का नाम चयन सूची में क्यों नहीं

राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक पद पर हुई भर्ती के मामले में एक अभ्यर्थी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि सफल अभ्यर्थी का नाम अंतिम चयन सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया.

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Published : Aug 3, 2021, 12:44 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अनुदेशक पद पर हुई भर्ती में सफल अभ्यर्थी का नाम अंतिम चयन सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने इस मामले में 24 अगस्त तक सरकार से जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने प्रयागराज के कुमार किशोर की याचिका पर दिया है.

इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा और सर्वेश्वरी प्रसाद ने बहस की. इनका कहना है कि वर्कशाप कैलकुलेशन एण्ड साइंस, इंजीनियरिंग ड्राइंग, ड्राफ्टमैन, पेंटर, सर्वेयर, प्लंबर आदि की योग्यता वाले अनुदेशकों की भर्ती परीक्षा में याची सफल हुआ. उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. राजधानी लखनऊ के अलीगंज में हुए साक्षात्कार में जब वह शामिल हुआ, लेकिन बावजूद इसके जब चयन सूची जारी की गई तो उसका नाम नहीं था. साक्षात्कार और शैक्षिक योग्यता के लिए अलग से अंक नहीं दिए गए थे. परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को चयनित किया गया. लेकिन, सफल होने के बावजूद उसका चयन नहीं किया गया. इसके बाद याची ने प्रत्यावेदन भेजा और आरटीआई के माध्यम से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उसका कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद याची ने याचिका दायर की है. याची का कहना है कि जब वह परीक्षा में सफल है तो उसे नियुक्ति पाने का हक है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अनुदेशक पद पर हुई भर्ती में सफल अभ्यर्थी का नाम अंतिम चयन सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने इस मामले में 24 अगस्त तक सरकार से जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने प्रयागराज के कुमार किशोर की याचिका पर दिया है.

इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा और सर्वेश्वरी प्रसाद ने बहस की. इनका कहना है कि वर्कशाप कैलकुलेशन एण्ड साइंस, इंजीनियरिंग ड्राइंग, ड्राफ्टमैन, पेंटर, सर्वेयर, प्लंबर आदि की योग्यता वाले अनुदेशकों की भर्ती परीक्षा में याची सफल हुआ. उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. राजधानी लखनऊ के अलीगंज में हुए साक्षात्कार में जब वह शामिल हुआ, लेकिन बावजूद इसके जब चयन सूची जारी की गई तो उसका नाम नहीं था. साक्षात्कार और शैक्षिक योग्यता के लिए अलग से अंक नहीं दिए गए थे. परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को चयनित किया गया. लेकिन, सफल होने के बावजूद उसका चयन नहीं किया गया. इसके बाद याची ने प्रत्यावेदन भेजा और आरटीआई के माध्यम से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उसका कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद याची ने याचिका दायर की है. याची का कहना है कि जब वह परीक्षा में सफल है तो उसे नियुक्ति पाने का हक है.

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