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बिजनौर सीजेएम कोर्ट में हुए गोली कांड पर HC सख्त, होगी सुनवाई

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Published : Jan 2, 2020, 2:03 PM IST

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की सीजेएम कोर्ट में हुए शूटआउट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने 15 जनवरी तक अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन का आदेश दिया है. वहीं कोर्ट के अंदर हुए इस गोली कांड की घटना की गुरुवार को सुनवाई होगी.

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बिजनौर सीजेएम कोर्ट में हुई गोली कांड पर HC सख्त.

प्रयागराज: बिजनौर जिला अदालत में पेशी पर आये कैदी पर फायरिंग कर हत्या के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट के अंदर हुई इस दुस्साहस पूर्ण घटना की गुरुवार को HC में सुनवाई होगी. सीजेएम कोर्ट के अंदर हुई हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी तक अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन का आदेश दिया है. साथ ही तीन माह में इन सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित कर तैनाती देने को कहा है.

न्यायालयों में सुरक्षा के लिए विषेश बल का हो गठन-HC

HC का कहना है कि अदालतों की बाउंड्री बनाने एवं CCTV कैमरों को क्रियाशील रखा जाए और हाईकोर्ट में 31 जनवरी तक बायोमेट्रिक कार्ड की रूपरेखा पेश की जाए. वहीं महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराएं और सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करें. वहीं कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए 2 जनवरी को मुख्य सचिव से उठाये गये कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है.

गृह सचिव और ADG सुरक्षा को अगली तिथि पर हाजिर होने का हुक्म

कोर्ट ने गृह सचिव और एडीजी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है. वहीं राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नहीं कर रहे हैं. गेट संख्या तीन वकीलों के प्रवेश के लिए नहीं है, जब उन्हें प्रवेश से रोका गया तो वह विरोध कर कोर्ट की बाउंड्रीवाल को तोड़ डाला. इस मामले में कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि एसपी पर आखिरकार अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

प्रयागराज: बिजनौर जिला अदालत में पेशी पर आये कैदी पर फायरिंग कर हत्या के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट के अंदर हुई इस दुस्साहस पूर्ण घटना की गुरुवार को HC में सुनवाई होगी. सीजेएम कोर्ट के अंदर हुई हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी तक अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन का आदेश दिया है. साथ ही तीन माह में इन सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित कर तैनाती देने को कहा है.

न्यायालयों में सुरक्षा के लिए विषेश बल का हो गठन-HC

HC का कहना है कि अदालतों की बाउंड्री बनाने एवं CCTV कैमरों को क्रियाशील रखा जाए और हाईकोर्ट में 31 जनवरी तक बायोमेट्रिक कार्ड की रूपरेखा पेश की जाए. वहीं महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराएं और सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करें. वहीं कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए 2 जनवरी को मुख्य सचिव से उठाये गये कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है.

गृह सचिव और ADG सुरक्षा को अगली तिथि पर हाजिर होने का हुक्म

कोर्ट ने गृह सचिव और एडीजी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है. वहीं राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नहीं कर रहे हैं. गेट संख्या तीन वकीलों के प्रवेश के लिए नहीं है, जब उन्हें प्रवेश से रोका गया तो वह विरोध कर कोर्ट की बाउंड्रीवाल को तोड़ डाला. इस मामले में कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि एसपी पर आखिरकार अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

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बिजनौर जिला अदालत की सी जे एम् कोर्ट में पेशी पर आये वन्दियो फायरिंग कर हत्या मामले में सुनावाई आज





यागराज 20 दिसम्बर



बिजनौर जिला अदालत की सी जे एम् कोर्ट में पेशी पर आये वन्दियो फायरिंग कर हत्या मामले में सुनावाई आज होगी। बिजनौर जिला अदालत की सी जे एम् कोर्ट में पेशी पर आये वन्दियो फायरिंग कर हत्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 20 तक अदालतों की सुरक्षा के विशेष बल के गठन का आदेश दिया है और कहा है कि अगले 3 माह में प्रशिक्षित कर तैनाती की जाय।



अदालतों की बाउंड्री बनाने एवं सी सी कैमरों को क्रियाशील रखा जाय।हाई कोर्ट में 31 जनवरी 20 तक बायोमेट्रिक कार्ड की रुपरेखा पेश की जाय।



महानिबंधक सभी जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कराये।सुरक्षा जांच में सभी वकील सहयोग करे।



कोर्ट ने 2 जनवरी को मुख्य सचिव से उठाये गये कदमो की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है।सुनवाई 2 जनवरी को होगी।



यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है।कोर्ट में हाजिर गृह सचिव व् ए डी जी सुरक्षा को अगली तिथि को भी मौजूद रहने का आदेश दिया है।



कोर्ट ने अदालतों व् जजो की सुरक्षा के लिए सी आई एस ऍफ़ की तर्ज पर प्रशिक्षित पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है और कहा है कि कैमरों की निगरानी तकनीकी पुलिस को दी जाय।



राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर के वकील सहयोग नही कर रहे।गेट संख्या 3 वकीलों के प्रवेश के लिए नही है।रोकने पर विरोध किया।बाउंड्रीवाल तोड़ डाली।



उन्होंने बताया कि लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है।



और विशेष बल गठित कर अदालतों में तैनात किया जायेगा।



कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि एस पी पर कार्यवाही क्यों नही की गयी।



सुरक्षा बैठक के बाद  अधिकारी कोई कार्यवाही नही करते।जिला बने 20 साल बीते ,सरकार अदालत के लिए जमीन नही दे सकी ।मेले के लिए करोड़ो बजट मिल जाता है।किंतु कोर्ट के लिये धन नही मिलता।



ऑनलाइन बायो मेट्रिक कार्ड 80 रूपये में मिल रहा है।सरकार 6 सौ रूपये का प्रस्ताव दे रही ।सरकार का दूसरा विभाग धन नही होने का बहाना ले योजना फेल करने में लगे है।बिना कमीशन कोई काम नही होता।कोर्ट की सुरक्षा में  हीलाहवाली हो रही है।



 कोर्ट ने उठाये गये कदमो के ब्यौरे के साथ मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है।सुनवाई 2 जनवरी को होगी।


Conclusion:
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