प्रयागराज: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र व कोचिंग संचालक के बीच हुई मारपीट को लेकर के गुरुवार को विश्वविद्यालय के छात्र सामूहिक उपवास पर चले गए. छात्र संघ भवन पर उपवास पर बैठे छात्रों की मांग है कि आरोपित कोचिंग संचालक को गिरफ्तार किया जाए और उसकी संस्था को सीज किया जाए.
सोमवार को इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विधि के छात्रों और शहर के मनमोहन पार्क पर स्थित एक कोचिंग संचालक के बीच विवाद हो गया था. जिसको लेकर प्रतियोगी छात्रों के द्वारा कर्नलगंज थाने में कोचिंग संचालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं कोचिंग संचालक की गिरफ्तारी को लेकर कल शहर में छात्रों के दो गुट आमने-सामने आ गए थे. कोचिंग संचालक के ऊपर कोई कार्यवाही न होने पर विश्वविद्यालय के छात्र सामूहिक उपवास पर चले गए. उपवास पर बैठे छात्रों का कहना था कि कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां सभी संस्थान बंद हैं फिरभी कोचिंग संस्थान धड़ल्ले से चल रहे हैं, और जिला प्रशासन आंख मूंद कर बैठा है.
उपवास पर बैठे छात्र नेता नीरज प्रताप सिंह ने बताया कि वह कोचिंग संचालक के विरोध में उपवास पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि हम एक जनवरी को सभी छात्र पदाधिकारी रणनीति तय करेंगे और आने वाली दो जनवरी को सभी पार्टियों से जुड़े छात्रों की सभा बुलाई जाएगी. जिसमे ऐसे कोचिंग संचालकों के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा. साथ ही साथ जिला प्रशासन अगर कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर उसके संस्थाओं को सीज नहीं करता तो अनिश्चितकाल के लिए सभी छात्र पदाधिकारी आमरण अनशन पर जाएंगे और वह तब तक नहीं अनशन तोड़ेंगे जब तक कोचिंग संस्थान सीज नहीं कर दिए जाते.
कोचिंग संचालक के खिलाफ सामूहिक उपवास पर बैठे छात्र, जानिए वजह - कोचिंग संचालक
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विधि के छात्रों और शहर के मनमोहन पार्क पर स्थित एक कोचिंग संचालक के बीच हुए विवाद के बाद विश्वविद्यालय के छात्र सामूहिक उपवास पर बैठ गए. उपवास पर बैठे छात्रों का कहना है कि जिला प्रशासन अगर कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर उसके संस्थाओं को सीज नहीं करता तो अनिश्चितकाल के लिए सभी छात्र आमरण अनशन पर जाएंगे
प्रयागराज: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र व कोचिंग संचालक के बीच हुई मारपीट को लेकर के गुरुवार को विश्वविद्यालय के छात्र सामूहिक उपवास पर चले गए. छात्र संघ भवन पर उपवास पर बैठे छात्रों की मांग है कि आरोपित कोचिंग संचालक को गिरफ्तार किया जाए और उसकी संस्था को सीज किया जाए.
सोमवार को इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विधि के छात्रों और शहर के मनमोहन पार्क पर स्थित एक कोचिंग संचालक के बीच विवाद हो गया था. जिसको लेकर प्रतियोगी छात्रों के द्वारा कर्नलगंज थाने में कोचिंग संचालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं कोचिंग संचालक की गिरफ्तारी को लेकर कल शहर में छात्रों के दो गुट आमने-सामने आ गए थे. कोचिंग संचालक के ऊपर कोई कार्यवाही न होने पर विश्वविद्यालय के छात्र सामूहिक उपवास पर चले गए. उपवास पर बैठे छात्रों का कहना था कि कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां सभी संस्थान बंद हैं फिरभी कोचिंग संस्थान धड़ल्ले से चल रहे हैं, और जिला प्रशासन आंख मूंद कर बैठा है.
उपवास पर बैठे छात्र नेता नीरज प्रताप सिंह ने बताया कि वह कोचिंग संचालक के विरोध में उपवास पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि हम एक जनवरी को सभी छात्र पदाधिकारी रणनीति तय करेंगे और आने वाली दो जनवरी को सभी पार्टियों से जुड़े छात्रों की सभा बुलाई जाएगी. जिसमे ऐसे कोचिंग संचालकों के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा. साथ ही साथ जिला प्रशासन अगर कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर उसके संस्थाओं को सीज नहीं करता तो अनिश्चितकाल के लिए सभी छात्र पदाधिकारी आमरण अनशन पर जाएंगे और वह तब तक नहीं अनशन तोड़ेंगे जब तक कोचिंग संस्थान सीज नहीं कर दिए जाते.