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प्रयागराज: इलाहाबाद बैंक की खत्म हुई 154 साल पुरानी पहचान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इलाहाबाद के नाम से मशहूर बैंक अब अपनी पहचान खोने जा रहा है. इलाहाबाद बैंक जो इसी नाम से पूरा देश-विदेश में अपनी जगह बनाई अब वह इंडियन बैंक के नाम से जाना जाएगा.

इलाहाबाद बैंक खो रहा अपनी पहचान.
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Published : Aug 31, 2019, 9:30 PM IST

प्रयागराज: जिले की पहचान को लेकर लोगों की ओर से शुरू संघर्ष के बीच शहर वासियों को एक और झटका लगा है. इलाहाबाद बैंक की 154 वर्ष पुरानी पहचान अब खत्म होने जा रही है. देश में नहीं विदेश में भी इस बैंक के माध्यम से जिले का नाम जाना जाता है. लेकिन देश में सबसे पुराने बैंकों में शामिल इलाहाबाद बैंक अब इंडियन बैंक के नाम से जाना जाएगा. इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जी भवन से हुई थी, जिसके कैशियर बच्चा जी थे.

इलाहाबाद बैंक खो रहा अपनी पहचान.


इलाहाबाद बैंक खो रहा अपनी पहचान-

  • इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जी भवन से हुई थी.
  • स्थानीय व्यापारियों और अफसरों ने इस बैंक की शुरुआत की थी.
  • ऐसा माना जाता है कि इसी बैंक के साथ ही देश में भी बैंकिंग सेवा की शुरुआत हुई थी.
  • इसके बाद बैंक सिविल लाइन शाखा में शिफ्ट हो गया.
  • इसी तरह सिविल लाइन बैंक की पहली शाखा बनी, जिसके बाद बैंक की शाखाएं देश के हर कोने में खुल गई.
  • पुराने उपभोक्ताओं की माने तो देश के चार प्रमुख बैंकों में इलाहाबाद बैंक शामिल है.
  • इलाहाबाद बैंक नाम शहर वासियों के द्वारा ही रखा गया था.
  • जो बाद में जाकर इलाहाबाद के नाम से पूरे देश में छा गया.
  • बच्चा जी के बेटों की माने तो बैंक में पैसा इन्हीं के परिवार के द्वारा डाला जाता था.
  • पैसा कम हो या फिर ज्यादा सब कुछ बच्चा जी ही देखते थे.
  • लेकिन आज 154 साल बाद इलाहाबाद बैंक अपनी पहचान खोने जा रहा है.

प्रयागराज: जिले की पहचान को लेकर लोगों की ओर से शुरू संघर्ष के बीच शहर वासियों को एक और झटका लगा है. इलाहाबाद बैंक की 154 वर्ष पुरानी पहचान अब खत्म होने जा रही है. देश में नहीं विदेश में भी इस बैंक के माध्यम से जिले का नाम जाना जाता है. लेकिन देश में सबसे पुराने बैंकों में शामिल इलाहाबाद बैंक अब इंडियन बैंक के नाम से जाना जाएगा. इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जी भवन से हुई थी, जिसके कैशियर बच्चा जी थे.

इलाहाबाद बैंक खो रहा अपनी पहचान.


इलाहाबाद बैंक खो रहा अपनी पहचान-

  • इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जी भवन से हुई थी.
  • स्थानीय व्यापारियों और अफसरों ने इस बैंक की शुरुआत की थी.
  • ऐसा माना जाता है कि इसी बैंक के साथ ही देश में भी बैंकिंग सेवा की शुरुआत हुई थी.
  • इसके बाद बैंक सिविल लाइन शाखा में शिफ्ट हो गया.
  • इसी तरह सिविल लाइन बैंक की पहली शाखा बनी, जिसके बाद बैंक की शाखाएं देश के हर कोने में खुल गई.
  • पुराने उपभोक्ताओं की माने तो देश के चार प्रमुख बैंकों में इलाहाबाद बैंक शामिल है.
  • इलाहाबाद बैंक नाम शहर वासियों के द्वारा ही रखा गया था.
  • जो बाद में जाकर इलाहाबाद के नाम से पूरे देश में छा गया.
  • बच्चा जी के बेटों की माने तो बैंक में पैसा इन्हीं के परिवार के द्वारा डाला जाता था.
  • पैसा कम हो या फिर ज्यादा सब कुछ बच्चा जी ही देखते थे.
  • लेकिन आज 154 साल बाद इलाहाबाद बैंक अपनी पहचान खोने जा रहा है.
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इलाहाबाद बैंक के साथ खत्म हुई 154 साल पुरानी पहचान

प्रयागराज की पहचान को लेकर लोगों की ओर से शुरू संघर्ष के बीच शहर वासियों को एक और झटका लगा है इलाहाबाद बैंक की 154 वर्ष पुरानी पहचान अब खत्म होने जा रही है देश में नहीं विदेश में भी इस बैंक के माध्यम से जिले का नाम पहुंचा है लेकिन देश में सबसे पुराने बैंकों में शामिल इलाहाबाद बैंक अब इंडियन बैंक के नाम से जाना जाएगा इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जी भवन से हुई थी बच्चा जी ही बैंक के कैशियर थे


Body: इलाहाबाद बैंक की शुरुआत चौक स्थित बच्चा जीवन से हुई थी स्थानीय व्यापारियों ने और अफसरों ने इस बैंक की शुरुआत की थी ऐसा माना जाता है कि इसी के साथ ही देश में भी बैंकिंग सेवा की शुरुआत हुई थी बाद में बैंक सिविल लाइन शाखा मैं शिफ्ट हो गया इसी तरह से सिविल लाइन बैंक की पहली शाखा बनी इसके बाद बैंक की शाखाएं देश के हर कोने में खुल गई पुराने उपभोक्ताओं की माने तो देश के चार प्रमुख बैंकों में इलाहाबाद बैंक शामिल है इलाहाबाद बैंक शहर वासियों के द्वारा ही नाम रखा गया जो बाद में जाकर इलाहाबाद का नाम पूरे देश में छा गया बच्चा जी की के बेटों की माने तो बैंक में पैसा इन्हीं का परिवार के द्वारा डाला जाता था पैसा कम हो या फिर ज्यादा इसका मतलब बच्चा जी ही देखते थे लेकिन आज 154 साल बाद इलाहाबाद बैंक अपनी पहचान होने जा रहा है कहने को तो इसके मुख्य शाखा कोलकाता में है लेकिन जन्म इसका इलाहाबाद में हुआ है लेकिन इंडियन बैंक हो जाने से यहां के उपभोक्ता काफ़ी दुखी है

बाइट ----- बाबा अभय अवस्थी(वरिष्ठ बैंक उपभोक्ता)
बाइट ---- सुरेश चंद टण्डन(बच्चा जी बेटे)


Conclusion: अभी तक तो शहरवासियों के लिए प्रयागराज का नाम एक मुद्दा बना हुआ था और बाद में इलाहाबाद से प्रयागराज हो गया लेकिन बची हुई इलाहाबाद की पहचान इलाहाबाद बैंक भी अब इंडियन बैंक के नाम से जाना जाएगा तो ऐसे में माना जाए तो इलाहाबाद का नाम अब पन्नों से भी गायब हो गया है
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