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सूर्य ग्रहण के बाद संगम नगरी में उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़ - सूर्य ग्रहण के बाद स्नान का विशेष महत्व

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने संगम नगरी में आस्था की डुबकी लगाई. संगम तट पर आए लोगों ने स्नान के बाद दान-पुण्य किया.

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उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़.
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Published : Dec 26, 2019, 7:23 PM IST

प्रयागराजः गुरुवार को सूर्य ग्रहण लगने के बाद हजारों की संख्या में लोग आस्था की डुबकी लगाने संगम नगरी पहुंचे. पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद भी संगम नगरी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद स्नान का विशेष महत्व माना जाता है.

उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़.

सूर्य ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सूर्य ग्रहण के बाद पुण्य और लाभ की कामना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के संगम सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के बाद संगम स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है.

गुरुवार को संगम पर माघ मेले और कुंभ मेला जैसा नजारा देखने को मिला. तापमान 10 डिग्री तक होने के बावजूद भी आस्था में कहीं से कोई कमी नहीं देखने को मिली.

संगम तट पर आए लोगों ने स्नान के बाद दान-पुण्य का भी कार्य किया. वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद वैदिक मंत्रोचार और आरती के बाद मंदिरों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

सूर्य ग्रहण के बाद सूतक काल
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसके चलते मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. साथ ही साथ इस दौरान लोग अन्न और जल भी ग्रहण नहीं करते और न ही देवी और देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करते हैं. हालांकि बच्चों और वृद्धों के लिए यह निषेध नहीं है.

प्रयागराजः गुरुवार को सूर्य ग्रहण लगने के बाद हजारों की संख्या में लोग आस्था की डुबकी लगाने संगम नगरी पहुंचे. पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद भी संगम नगरी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद स्नान का विशेष महत्व माना जाता है.

उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़.

सूर्य ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सूर्य ग्रहण के बाद पुण्य और लाभ की कामना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के संगम सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के बाद संगम स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है.

गुरुवार को संगम पर माघ मेले और कुंभ मेला जैसा नजारा देखने को मिला. तापमान 10 डिग्री तक होने के बावजूद भी आस्था में कहीं से कोई कमी नहीं देखने को मिली.

संगम तट पर आए लोगों ने स्नान के बाद दान-पुण्य का भी कार्य किया. वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद वैदिक मंत्रोचार और आरती के बाद मंदिरों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

सूर्य ग्रहण के बाद सूतक काल
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसके चलते मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. साथ ही साथ इस दौरान लोग अन्न और जल भी ग्रहण नहीं करते और न ही देवी और देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करते हैं. हालांकि बच्चों और वृद्धों के लिए यह निषेध नहीं है.

Intro:आग लगे सूर्य ग्रहण के बाद पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद संगम नगरी प्रयागराज में डुबकी लगाने वालों की भीड़ जमकर उंगली ग्रहण समाप्ति के बाद संगम के घाटों पर स्नान क्योंकि भीड़ देखने को मिली भीड़ देखकर नजारा माघ मेले या कुंभ मेले जैसा प्रतीत हो रहा था।


Body:गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती में आस्था की डुबकी लगा पुण्य लाभ की कामना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के संगम सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के बाद संगम स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है इसी कामना से आज संगम पर माघ मेले और कुंभ मेले जैसा नजारा देखने को लगा तापमान 10 डिग्री तक होने के बावजूद भी आस्था में कहीं से कोई कमी नहीं देखने को मिली। तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद स्नान का विशेष महत्व है।



Conclusion:सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है जिसके चलते मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं साथ ही साथ इस दौरान लोग अन्य व जल भी ग्रहण नहीं करते हैं नहीं देवी और देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करते हैं हालांकि बच्चों और वृद्धों के लिए यह निषेध नहीं है संगम तट पर लोग स्नान के बाद दान पुण्य भी किए। ग्रहण समाप्त होने के बाद वैदिक मंत्रोचार और आरती के बाद मंदिरों के कपाट भी दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए।

नोट: केबल खराब होने के चलते बाईट में आवाज नही आई।

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
9044173173
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