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यूपी में 111 अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालयों का किया गया गठन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी-पत्नी के बीच बढ़ते विवादों के मद्देनजर सूबे में 111 अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालयों का गठन किया है. बता दें कि राज्य सरकार ने 2016 में पारिवारिक न्यायालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Aug 4, 2019, 1:59 PM IST

प्रयागराज: पत्नी-पत्नी के बीच बढ़ते विवादों के मद्देनजर सूबे में 111 अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालयों का गठन किया गया है. हाईकोर्ट प्रशासन ने इनके गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. यहां जिला न्यायालय में भी में पति-पत्नी के झगड़े निपटाने के लिए चार अदालतें और स्थापित की गई हैं.

प्रयागराज में अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर की कुल छह अदालतें हो गई हैं. इन नवगठित अदालतों में से दो में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो चुकी है और कार्यभार भी ग्रहण कर लिया गया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुनव्वर जहां और नेहा आनंद को अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय का पीठासीन नियुक्त किया गया है. राज्य सरकार ने 2016 में पारिवारिक न्यायालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था.

प्रधान पारिवारिक न्यायालय, जहां मुकदमे दाखिल होते हैं, वह 1990 के पूर्व से कार्यरत है. वर्ष 2001 में एक अतिरिक्त अदालत स्थापित हुई थी. अब चार अतिरिक्त अदालतें और स्थापित कर दी गई हैं. प्रदान पारिवारिक न्यायालय में रामकेश और अतिरिक्त न्यायालय में आशीष वर्मा पहले से पीठासीन अधिकारी हैं.

प्रयागराज: पत्नी-पत्नी के बीच बढ़ते विवादों के मद्देनजर सूबे में 111 अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालयों का गठन किया गया है. हाईकोर्ट प्रशासन ने इनके गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. यहां जिला न्यायालय में भी में पति-पत्नी के झगड़े निपटाने के लिए चार अदालतें और स्थापित की गई हैं.

प्रयागराज में अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर की कुल छह अदालतें हो गई हैं. इन नवगठित अदालतों में से दो में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो चुकी है और कार्यभार भी ग्रहण कर लिया गया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुनव्वर जहां और नेहा आनंद को अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय का पीठासीन नियुक्त किया गया है. राज्य सरकार ने 2016 में पारिवारिक न्यायालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था.

प्रधान पारिवारिक न्यायालय, जहां मुकदमे दाखिल होते हैं, वह 1990 के पूर्व से कार्यरत है. वर्ष 2001 में एक अतिरिक्त अदालत स्थापित हुई थी. अब चार अतिरिक्त अदालतें और स्थापित कर दी गई हैं. प्रदान पारिवारिक न्यायालय में रामकेश और अतिरिक्त न्यायालय में आशीष वर्मा पहले से पीठासीन अधिकारी हैं.

प्रयागराज। विधि संवाददाता 
पत्नी-पत्नी के बीच बढ़ते विवादों के मद्देनजर सूबे में 111 अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालयों का गठन किया गया है। हाईकोर्ट प्रशासन ने इनके गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। यहां जिला न्यायालय में भी में पति-पत्नी के झगड़े निपटाने के लिए चार अदालतें और स्थापित की गई हैं। 
प्रयागराज में अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर की कुल छह अदालतें हो गई हैं। इन नवगठित अदालतों में से दो में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो चुकी है और कार्यभार भी ग्रहण कर लिया गया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुनव्वर जहां व नेहा आनंद को अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय का पीठासीन नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार ने 2016 में पारिवारिक न्यायालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था।
प्रधान पारिवारिक न्यायालय, जहां मुकदमे दाखिल होते हैं, वह 1990  के पूर्व से कार्यरत है। वर्ष 2001 में एक अतिरिक्त अदालत स्थापित हुई थी। अब चार अतिरिक्त अदालतें और स्थापित कर दी गई हैं। प्रदान पारिवारिक न्यायालय में रामकेश व अतिरिक्त न्यायालय में आशीष वर्मा पहले से पीठासीन अधिकारी हैं।
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