प्रतापगढ़ : पॉक़्सो कोर्ट ने दो हत्यारोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. इनमें एक राजेश सिंह और दूसरा नौशाद शामिल है जिन्हें एक मामले में दोषी पाए जाने पर यह सजा सुनाई गई है. इनके अलावा पांच अन्य हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. यही नहीं, कोर्ट ने हत्यारोपियों पर दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया है.
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यह सजा प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र हत्याकांड मामले में सुनाई गई. बता दें कि 14 जुलाई 2012 को प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की घर में घुसकर गोलीमार हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शिक्षक समेत सात आरोपियों को परिजनों ने नामजद किया था. विशेष न्यायाधीश पॉक़्सो कोर्ट पंकज श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई.
बता दें कि लगभग आठ साल पहले 14 जुलाई 2012 की रात प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की उस समय अजीतनगर स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह बरामदे में बैठकर कुछ शिक्षकों के साथ बातचीत कर रहे थे. शिक्षक नेता की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने शिक्षक राजेश सिंह निवासी सेतापुर, प्रदीप सिंह व अशोक मिश्र समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी.
विवेचना के दौरान पुलिस ने यह दावा किया कि घटना की साजिश जेल में बंद भानु दुबे ने रची थी. घटना को भानु के छोटे भाई अनुज दुबे, नौशाद उर्फ डीएम, अरुण तिवारी उर्फ लोटा तिवारी ने अंजाम दिया था. इस तरह विवेचना में भानु दुबे, अनुज दुबे, नौशाद, अरुण तिवारी का नाम भी प्रकाश में आ गया.
तीन माह तक शांत रही कोतवाली पुलिस अचानक उस समय सक्रिय हो गई जब एसपी ने आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्यवाही करने का फरमान सुनाया. फौरन गैंगेस्टर चार्ट तैयार करके सीओ के यहां भेज दिया गया.
केस का ट्रायल होने के बाद विशेष न्यायधीश पॉक़्सो कोर्ट पंकज श्रीवास्तव ने आरोपियों को कड़ी सजा सुनाते हुए दो लोगों को फांसी और पांच व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मुकदमे की पैरवी अनिल कुमार मिश्र शासकीय फौजदारी के अधिवक्ता द्वारा की गई. कोर्ट के फांसी की सजा के इस फैसले के बाद प्रतापगढ़ में चर्चा तेज हो गई.
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