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प्रतापगढ़ में बारिश न होने से धान किसान परेशान

प्रतापगढ़ जिले में बारिश न होने से धान किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि आषाढ़ का पूरा महीना सूखा बीत गया है. सावन में भी अभी तक बारिश नहीं हुई है.

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धान किसान
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Published : Jul 16, 2022, 10:18 PM IST

प्रतापगढ़ः इस बार यूपी के कई जिलों में बारिश औसत से कम हुई है. इसका सीधा असर खेती पर पड़ा है. धान लगाने वाले कई किसानों ने तो मौसम का मिजाज देखकर अपने कदम ही पीछे खींच लिए है. प्रतापगढ़ जिले के देवसरा थाना क्षेत्र के तीबीपुर गांव में ईटीवी भारत की टीम ने धान किसानों से बात की. किसानों का कहना है कि बारिश न होने की वजह से धान की खेती नहीं हो पाएगी. आषाढ़ का पूरा महीना सूखा बीत गया है. सावन में भी अभी तक बारिश नहीं हुई है. इसे लेकर वे चिंतित हैं.

धान किसान ये बोले.

बता दें कि आषाढ़ माह से बारिश शुरू होती थी, इस बार आषाढ़ में बारिश ही नहीं हुई. इसी बारिश में धान की रोपाई के साथ ही बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग और अरहर की बुआई किसान करते हैं लेकिन आषाढ़ माह में हल्की बूंदा-बांदी ही हुई. वहीं, सावन का महीना शुरू होने के बावजूद अभी तक बारिश नहीं हुई है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है.

पढ़ेंः लखीमपुर खीरी में सूखा बीता आसाढ़, धान किसान परेशान

आसमान से बरसती आग के बीच किसानों को खेतों में काम करना पड़ रहा है. धान की नर्सरी जैसे-तैसे तैयार करके किसी तरह से ट्यूबवेल से पानी भरकर धान की रोपाई इस उम्मीद पर कर दी कि आज नहीं तो कल बारिश जरूर होगी लेकिन अब धान के खेतों की जमीन चटक गई है, क्योंकि इस महंगाई में ट्यूबवेल से सिंचाई करना मुश्किल है. वहीं, न तो पानी बरस रहा है और न ही नहरों से पानी आ रहा है. किसान चिंतित हैं कि आखिर उन्हें इस समस्या से कब निजात मिलेगी?

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प्रतापगढ़ः इस बार यूपी के कई जिलों में बारिश औसत से कम हुई है. इसका सीधा असर खेती पर पड़ा है. धान लगाने वाले कई किसानों ने तो मौसम का मिजाज देखकर अपने कदम ही पीछे खींच लिए है. प्रतापगढ़ जिले के देवसरा थाना क्षेत्र के तीबीपुर गांव में ईटीवी भारत की टीम ने धान किसानों से बात की. किसानों का कहना है कि बारिश न होने की वजह से धान की खेती नहीं हो पाएगी. आषाढ़ का पूरा महीना सूखा बीत गया है. सावन में भी अभी तक बारिश नहीं हुई है. इसे लेकर वे चिंतित हैं.

धान किसान ये बोले.

बता दें कि आषाढ़ माह से बारिश शुरू होती थी, इस बार आषाढ़ में बारिश ही नहीं हुई. इसी बारिश में धान की रोपाई के साथ ही बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग और अरहर की बुआई किसान करते हैं लेकिन आषाढ़ माह में हल्की बूंदा-बांदी ही हुई. वहीं, सावन का महीना शुरू होने के बावजूद अभी तक बारिश नहीं हुई है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है.

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आसमान से बरसती आग के बीच किसानों को खेतों में काम करना पड़ रहा है. धान की नर्सरी जैसे-तैसे तैयार करके किसी तरह से ट्यूबवेल से पानी भरकर धान की रोपाई इस उम्मीद पर कर दी कि आज नहीं तो कल बारिश जरूर होगी लेकिन अब धान के खेतों की जमीन चटक गई है, क्योंकि इस महंगाई में ट्यूबवेल से सिंचाई करना मुश्किल है. वहीं, न तो पानी बरस रहा है और न ही नहरों से पानी आ रहा है. किसान चिंतित हैं कि आखिर उन्हें इस समस्या से कब निजात मिलेगी?

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