प्रतापगढ़ः NRLM योजना के तहत प्रशिक्षित ICRP टीमों को 6 ब्लाकों के लिए सोमवार को हरी झंडी दिखाकर डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने रवाना किया. इस योजना के तहत 24 टीमों को 6 ब्लाकों के लिए भेजा गया है. अब यह टीमें एनआरएलएम योजनान्तर्गत ग्रामीण गरीब निर्धन परिवारों को वीआईपी सूची में शामिल करेंगी. इस दौरान गांवों में एक महिलाओं का समूह तैयार होगा और आपसी मदद से एक-दूसरे को आर्थिक सहयोग मिलेगा. इन टीमों को आज कैम्प कार्यालय से विकास खण्ड गौरा, शिवगढ़, सण्ड़वा चन्द्रिका, सदर, लक्ष्मणपुर एवं लालगंज के लिये रवाना किया गया.
कोविड-19 के कारण आईसीआरपी टीमों के स्वरूप को छोटा कर प्रत्येक टीम में 3 महिलाओं (2 एसएम, 1 बीके) को रखा गया है. ये वही गरीब महिलायें हैं जो लगभग 1 वर्ष पूर्व समूहों से जुड़कर पंचसूत्र का पालन करते हुये आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं. अब इनको प्रशिक्षित करके 6 विकास खण्डों में समूह गठन एवं प्रशिक्षण के लिये भेजा गया है. इनके द्वारा आगामी 45 दिनों में लगभग 576 नये समूहों का गठन कर लगभग 6500 ग्रामीण निर्धन परिवारों को योजना के अंतर्गत जोड़ा जाएगा.
क्या है एनआरएलएम
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) - ग्रामीण विकास मंत्रालय का उददेश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करना है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने जून, 2011 में आजीविका-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की शुरूआत की थी. आजीविका-एनआरएलएम का मुख्य उद्देश्य गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वृद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाना और उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है. इसके लिए मंत्रालय को विश्व बैंक से आर्थिक सहायता मिलती है.