प्रतापगढ़: अभी तक प्रतापगढ़ में 243 डेंगू के मरीज सामने आ चुके है. जबकि शुक्रवार को डेंगू के 15 नए मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. जिले में डेंगू का कहर इस कदर है कि मेडिकल कालेज में डेंगू के बने वार्ड हाउस फुल हैं. जिसके चलते डेंगू के नए मरीज भर्ती तक नहीं हो पा रहे हैं.
वहीं, प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज में 2 वार्ड मात्र 20 बेड के बने हैं. दोनो वार्ड डेंगू के मरीज से फुल हैं. वही डेंगू के मरीजों और उनके परिजनों ने मेडिकल कालेज प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. मरीजों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. डेंगू के मरीजों से बाहर से मेडिकल स्टोर से दवा मंगवाकर इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में बस कुछ मामूली दवाएं ही मिल रही है. यहां तक वार्ड में मच्छरदानी और मच्छर भागने की दवा तक नहीं है. शाम होते ही वार्ड में मच्छर का कहर शुरू हो जाता है, लेकिन मेडिकल कालेज के अफसर और डॉक्टर भगवान भरोसे ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
गौरतलब है कि समुचित इलाज नहीं होने से मरीज एक-एक हफ्ते से सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. वहीं, डेंगू के मरीजों के घर और गांव में फॉगिंग और दवा का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते ठंड की दस्तक होने के बाद भी डेंगू का प्रकोप घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है. वहीं, करोड़ों रुपये डेंगू महामारी में फूंकने वाला स्वास्थ्य महकमा सिर्फ कागजों में डेंगू से निपटने का दम भर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत बहुत ही दयनीय और खराब है.
मेडिकल कालेज के सीएमएस सुरेश सिंह प्रशासन की ये लापरवाही नजर नहीं आ रही है. उनका कहना है की डेंगू के मरीजों के आरोप में कोई दम नहीं है. उनके दावे में कोई दम नहीं है. अस्पताल की ओर से सभी को दवा और मच्छर दानी दी गई है. मरीजों के आरोप को झूठा बताने वाले सीएमएस को पड़ताल को देखना चाहिए क्योंकि तस्वीरे कभी झूठ नहीं बोलती हैं. जहां तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा कि न वार्ड में किसी भी मरीज के पास मच्छर दानी है और न ही मच्छर से बचाव के लिए दवा, बाहर से दवा लाकर सभी मरीज इलाज कराने वाला चीख चीख कर अपना दर्द बयां कर रहे हैं. अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य महकमा इन लापरवाह अफसरों पर कब एक्शन लेता है.
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