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प्रतापगढ़ में कोरोना कहर, श्मशान घाट पर एकसाथ जले 7 शव

यूपी के प्रतापगढ़ में श्मशान घाट पर पहले दिन भर में एक दो चिताएं जला करती थीं. लेकिन, कोरोना काल में आलम यह है कि यहां शनिवार को 7 चिताएं एकसाथ जलीं. इनमें से ज्यादातर शव कोरोना संक्रमित मरीजों के बताए जा रहे हैं.

श्मशान घाट पर एकसाथ जले 7 शव
श्मशान घाट पर एकसाथ जले 7 शव
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Published : May 2, 2021, 6:13 PM IST

प्रतापगढ़: कोरोना से पूरे देश में हाहाकार कर मचा हुआ है. लगातार कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को जिले के श्मशान घाट पर कोरोना मरीजों के 7 शव जलाए गए हैं. एक महीने पहले तक इस श्मशान घाट पर इक्का-दुक्का लाशें जला करती थी, वहीं अब रोज श्मशान घाट पर लाशों का तांता लगा रहता है. आलम यह है कि यहां शवों को जलाने के लिए जगह तक कम पड़ जा रही है.

लगा रहता है अंतिम संस्कार करने वालों का तांता
श्मशान घाट पर शव जलाने वाले से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले यहां पर इक्का-दुक्का चिताएं जला करती थीं. आज हालात यह कि यहां शव के अंतिम संस्कार करने वालों का तांता लगा रहता है. ज्यादातर शव कोरोना संक्रमण से मौत वाले आते हैं. उन्होंने बताया कि आज इस घाट पर 7 चिताएं जली हैं. जिनमें से 3 कोरोना संक्रमण से मौत वाले बताए जा रहे हैं और 4 शवों का चोरी से ही अंतिम संस्कार करा दिया गया है उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने बताया कि 29 तारीख को यहां पर 12 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था.

एक शव का अंतिम संस्कार करने आए युवक ने कहा कि कोरोना ने बहुत भयंकर रूप ले लिया है. इस दौरान चार कंधे भी न मिलने से लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए उन्हें ट्रैक्टर, ट्राली और टैंपो से लेकर आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- अस्पताल में मरीजों के बीच 4 दिन तक बेड पर पड़ा रहा शव, वीडियो वायरल

प्रतापगढ़: कोरोना से पूरे देश में हाहाकार कर मचा हुआ है. लगातार कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को जिले के श्मशान घाट पर कोरोना मरीजों के 7 शव जलाए गए हैं. एक महीने पहले तक इस श्मशान घाट पर इक्का-दुक्का लाशें जला करती थी, वहीं अब रोज श्मशान घाट पर लाशों का तांता लगा रहता है. आलम यह है कि यहां शवों को जलाने के लिए जगह तक कम पड़ जा रही है.

लगा रहता है अंतिम संस्कार करने वालों का तांता
श्मशान घाट पर शव जलाने वाले से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले यहां पर इक्का-दुक्का चिताएं जला करती थीं. आज हालात यह कि यहां शव के अंतिम संस्कार करने वालों का तांता लगा रहता है. ज्यादातर शव कोरोना संक्रमण से मौत वाले आते हैं. उन्होंने बताया कि आज इस घाट पर 7 चिताएं जली हैं. जिनमें से 3 कोरोना संक्रमण से मौत वाले बताए जा रहे हैं और 4 शवों का चोरी से ही अंतिम संस्कार करा दिया गया है उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने बताया कि 29 तारीख को यहां पर 12 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था.

एक शव का अंतिम संस्कार करने आए युवक ने कहा कि कोरोना ने बहुत भयंकर रूप ले लिया है. इस दौरान चार कंधे भी न मिलने से लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए उन्हें ट्रैक्टर, ट्राली और टैंपो से लेकर आ रहे हैं.

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