पीलीभीत: जिले की सदर तहसील के गजरौला से समाज कल्याण विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमे विभाग ने राज्यपाल नामित 20 एकड़ सरकारी जमीन का बिना साक्ष्य के आधार पर फर्जी तरह से पट्टा कर दिया. जब इसकी सूचना जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की हुई तो समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया और जवाब मांगने पर विभाग के अधिकारियों के हांथ पांव फूल गए. इसके बाद जिलाधिकारी ने एसडीएम को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा-
इस फर्जीवाड़ा का मामला तब सामने आया जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ जिले में शहर से 10 किलोमीटर के बीच मेडिकल कॉलेज के लिए जगह ढूंढ रहे थे. जिसको लेकर एसडीएम वंदना त्रिवेदी गजरौला में सरकारी जमीन देखने गई थीं. वहां जाकर देखा तो पता चला कि सरकारी जमीन पर ग्रामीण खेती कर रहे हैं. जब एसडीएम ने खेती कर रहे ग्रामीणों से जानकारी ली तो पता चला कि समाज कल्याण विभाग ने 20 एकड़ जमीन 19 ग्रामीणों को 99 साल के लिए पट्टा कर दी है.
डीएम ने लिया संज्ञान-
जब समाज कल्याण विभाग से पट्टा करने के दस्तावेज मांगे तो समाज कल्याण विभाग ने दस्तावेज दिखाए. इस पर एसडीएम वंदना त्रिवेदी ने पूछा कि आपने किस आधार पर पट्टा कर दिया. तो समाज कल्याण विभाग जवाब न दे सका. इसके बाद एसडीएम ने मामले की जानकारी डीएम वैभव श्रीवास्तव को दी, डीएम ने मामले का संज्ञान लेकर एसडीम को जांच के आदेश जांच दिए.
मामले की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि एसडीएम ने मामले की जानकारी दी थी. जिसकी अभी पत्रावली चेक कराई जा रही है, मामले की जांच एसडीएम को दे दी गई है.