पीलीभीत: नेपाल सीमांत गांव में बीते 1 महीने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गया. शुक्रवार की सुबह तेंदुए के पिंजरे में होने की खबर तेजी से फैल गई. जानकारी होने पर वन कर्मियों की टीम उसे बंद करने मौके पर पहुंच गए. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है.
नेपाल सीमा पर बसे गांव नोजलहा नकटाह में 1 महीने से तेंदुए का आतंक फैला हुआ था. तेंदुए के खेतों पर चहलकदमी करने से लोग खेतों पर जाने से भी डरते थे. तेंदुआ लगातार रात में गांव आकर पालतू पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा था.
टाइगर रिजर्व के डीएफओ आदर्श कुमार ने तेंदुए को पकड़ने के लिए निर्देश दिए गए थे. जिस पर बराही वन क्षेत्र के डिप्टी रेंजर गिरीश चंद श्रीवास्तव के नेतृत्व में बीते गुरुवार को एक पिंजड़ा बालूमठ और एक पिंजरा वन चौकी के पीछे लगाया गया था. तेंदुए को कैद करने के लिए दोनों पिंजौर में बकरे भी बांधे गए थे. देर रात तक तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया, लेकिन सुबह जब वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों पिंजरों को चेक किया तो वन चौकी के पास वाले पिंजरे में तेंदुआ पाया गया.
फिलहाल तेंदुए को बरही रेंज में पहुंचा दिया गया. गिरफ्त में आया तेंदुआ मादा बताया जा रहा है. उसकी उम्र 5 साल बताई जा रही है. विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर उसे जंगल में ही छोड़ दिया जाएगा.