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पीलीभीत: एक महीने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में कैद, लोगों ने ली राहत सांस

शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पिंजरे में कैद करने में सफलता हासिल की. तेंदुआ पिछले एक महीने से क्षेत्र में कई शिकार कर चुका था.

तेंदुआ
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Published : Feb 15, 2019, 11:34 PM IST

पीलीभीत: नेपाल सीमांत गांव में बीते 1 महीने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गया. शुक्रवार की सुबह तेंदुए के पिंजरे में होने की खबर तेजी से फैल गई. जानकारी होने पर वन कर्मियों की टीम उसे बंद करने मौके पर पहुंच गए. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है.

पिजरें में कैद तेंदुआ.
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नेपाल सीमा पर बसे गांव नोजलहा नकटाह में 1 महीने से तेंदुए का आतंक फैला हुआ था. तेंदुए के खेतों पर चहलकदमी करने से लोग खेतों पर जाने से भी डरते थे. तेंदुआ लगातार रात में गांव आकर पालतू पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा था.

टाइगर रिजर्व के डीएफओ आदर्श कुमार ने तेंदुए को पकड़ने के लिए निर्देश दिए गए थे. जिस पर बराही वन क्षेत्र के डिप्टी रेंजर गिरीश चंद श्रीवास्तव के नेतृत्व में बीते गुरुवार को एक पिंजड़ा बालूमठ और एक पिंजरा वन चौकी के पीछे लगाया गया था. तेंदुए को कैद करने के लिए दोनों पिंजौर में बकरे भी बांधे गए थे. देर रात तक तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया, लेकिन सुबह जब वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों पिंजरों को चेक किया तो वन चौकी के पास वाले पिंजरे में तेंदुआ पाया गया.

फिलहाल तेंदुए को बरही रेंज में पहुंचा दिया गया. गिरफ्त में आया तेंदुआ मादा बताया जा रहा है. उसकी उम्र 5 साल बताई जा रही है. विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर उसे जंगल में ही छोड़ दिया जाएगा.

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पीलीभीत: नेपाल सीमांत गांव में बीते 1 महीने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गया. शुक्रवार की सुबह तेंदुए के पिंजरे में होने की खबर तेजी से फैल गई. जानकारी होने पर वन कर्मियों की टीम उसे बंद करने मौके पर पहुंच गए. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है.

पिजरें में कैद तेंदुआ.
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नेपाल सीमा पर बसे गांव नोजलहा नकटाह में 1 महीने से तेंदुए का आतंक फैला हुआ था. तेंदुए के खेतों पर चहलकदमी करने से लोग खेतों पर जाने से भी डरते थे. तेंदुआ लगातार रात में गांव आकर पालतू पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा था.

टाइगर रिजर्व के डीएफओ आदर्श कुमार ने तेंदुए को पकड़ने के लिए निर्देश दिए गए थे. जिस पर बराही वन क्षेत्र के डिप्टी रेंजर गिरीश चंद श्रीवास्तव के नेतृत्व में बीते गुरुवार को एक पिंजड़ा बालूमठ और एक पिंजरा वन चौकी के पीछे लगाया गया था. तेंदुए को कैद करने के लिए दोनों पिंजौर में बकरे भी बांधे गए थे. देर रात तक तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया, लेकिन सुबह जब वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों पिंजरों को चेक किया तो वन चौकी के पास वाले पिंजरे में तेंदुआ पाया गया.

फिलहाल तेंदुए को बरही रेंज में पहुंचा दिया गया. गिरफ्त में आया तेंदुआ मादा बताया जा रहा है. उसकी उम्र 5 साल बताई जा रही है. विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर उसे जंगल में ही छोड़ दिया जाएगा.

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Intro:भारत नेपाल सीमांत गांव में बीते 1 महीने से आतंक का पर्याय दिन हुआ आखिरकार शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गया सुबह तेलुगू के खेत में होने की खबर तेजी से फैल गई जानकारी होने पर बंद करने भी मौके पर पहुंच गए और अधिकारियों को सूचना दी मौके पर ग्रामीणों की भीड़ पहुचने से पहले तेंदुए को वहां से हटाकर बरही रेंज में पहुंचा दिया गया, गिरफ्त में आया तेंदुआ मादा बताया जा रहा है और उसकी उम्र 5 साल बताई गई है विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर उसे जंगल में ही छोड़ दिया जाएगा


Body:भारत नेपाल सीमा पर बसे गांव नोजलहा नकटाह में 1 महीने से तेंदुए का आतंक फैला हुआ था उसके खेतों पर चहलकदमी करने से लोग खेतों पर जाने से भी डर रहे थे तेंदुआ रात में गांव आकर पालतू पशुओं को भी अपना कई दिनों से लगातार शिकार बना रहा था टाइगर रिजर्व के डीएफओ आदर्श कुमार के निर्देश पर तेंदुए को पकड़ने के लिए बराही वन क्षेत्र के डिप्टी रेंजर गिरीश चंद श्रीवास्तव के नेतृत्व में शाम को एक पिंजड़ा बालूमठ और एक पिंजरा वन चौकी के पीछे लगाया गया था तेंदुए को कैद करने के लिए दोनों पिंजौर में बकरे भी बांधे गए थे देर रात तक वनकर्मी पिंजरे में तेंदुए आने का इंतजार करते रहे पर वह पिंजरे के पास तक नहीं आया था लेकिन सुबह जब वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों टीमों को चेक किया तो बन चौकी के पास वाली पिंजरे में एक तेंदुआ को कैद में देखकर बन कर्मियों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी इस बीच में कैद होने की खबर पूरे क्षेत्र में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी


Conclusion:
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