पीलीभीत: बरगद के पेड़ के नीचे वट सावित्री की पूजा कर रही महिलाओं पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया. हमले के दौरान 20 से अधिक महिलाओं को मधुमक्खियों ने घायल कर दिया. मधुमक्खियों के चलते मौके पर भगदड़ मच गई. इस पूरी घटना के दौरान कई मासूम बच्चे भी घायल हो गए.
20 से अधिक महिलाएं और बच्चे घायल
पूरनपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित डाक बंगले में प्राचीन बरगद का पेड़ है, जहां हर साल महिलाएं वट सावित्री की पूजा करती हैं. हर वर्ष की तरह गुरुवार को महिलाएं वट सावित्री की पूजा करने डाक बंगले पहुंची थीं. इस दौरान पेड़ पर उछल-कूद कर रहे बंदर ने मधुमक्खी का छत्ता तोड़ दिया और छत्ता जमीन पर जा गिरा. देखते ही देखते मौके पर भगदड़ मच गई. मधुमक्खियों ने कई महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बनाया. मधुमक्खियों के हमले में 20 से अधिक महिलाएं घायल हुईं. वहीं भगदड़ की वजह से कई बच्चे भी घायल हुए हैं.
उपचार के लिए भेजा गया सीएचसी
मधुमक्खियों के हमले में घायल हुए महिलाओं और बच्चों को गौरव पांडेय और अनिल पांडे नाम के शख्स ने धुएं का प्रयोग कर बचाया. इसके बाद घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया गया. इस दौरान बचाव कार्य में जुटे लोग भी घायल हो गए.
पिछले साल भी हुई थी घटना
वट वृक्ष के पास स्थित घर में रहने वाले अनिल पंडित ने बताया कि पिछले साल भी वट सावित्री की पूजा के दौरान बंदर ने मधुमक्खी का छत्ता जमीन पर गिरा दिया था, जिससे मधुमक्खी के हमले में कई लोग घायल हुए थे.
सुहाग के लिए सुहागिनें रखती हैं वट सावित्री का व्रत
ज्येष्ठ माह की अमावस्या की तिथि को सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. व्रत के दिन व्रतधारी महिलाएं वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. बरगद के पेड़ की परिक्रमा करके कलावा बांधती हैं. महिलाएं पति की दीर्घायु और घर में सुख-शांति की कामना करती हैं.
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