पीलीभीत: कोतवाली क्षेत्र में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर चंद रुपयों के खातिर शव का इलाज करने का आरोप लग रहा है. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से की है. मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.
जानें क्या है मामला-
- पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के सकराना गांव निवासी राजू का बीते सात जून को एक्सीडेंट हो गया था.
- घायल हालत में राजू को परिजनों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था.
- यहां अस्पताल प्रशासन ने एक एग्रीमेंट पेपर पर भर्ती करने से पहले दस्तखत करा लिए थे.
- आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने हालत गंभीर बताकर 40 हजार रुपये जमा कराए और राजू को वेंटिलेटर पर रखे जाने की बात कही.
- राजू की पत्नी शारदा देवी से फिर से 60 हजार की मांग की गई, जिस पर उन्होंने 60 हजार रुपये भी दे दिए.
- सुबह करीब 9:00 बजे जब शारदा देवी अपने पति को देखने पहुंची तो पति की आंखों पर पट्टी बंधी और टेप लगा देखकर वह हैरान रह गईं.
- शारदा देवी ने डॉक्टर से मरीज को छुट्टी देने की बात कही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हालत गंभीर बताते हुए 72 घंटे तक छुट्टी देने से इनकार कर दिया.
- परिजनों के विरोध करने पर हायर सेंटर के लिए रेफर का पर्चा बनाकर आठ जून को दोपहर करीब 12:00 बजे राजू के शव को सुपुर्द कर दिया.
- जब दम तोड़ चुके राजू के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए 3:00 बजे ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजू की मौत 12 से 24 घंटे पहले होने की बात कही गई.
इसकी सूचना लगते ही भीम आर्मी चीफ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल आदि ने मृतक के परिजनों संग गुरुवार को मामले की शिकायत एडीएमओ और सीएमओ से की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर आज परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की. जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल ने बताया कि शहर के एक अस्पताल पर चंद पैसों के लिए जबरन शव का इलाज करने का आरोप लगा है, जिस पर जिलाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत कर दी जाएगी.