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पीलीभीत: पैसों के लालच में शव का इलाज करता रहा डॉक्टर, जांच के आदेश - doctor continued treatment after patient death in pilibhit

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक निजी अस्पताल का डॉक्टर चंद रुपयों के खातिर शव का इलाज करता रहा. मामले का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है. आरोपी डॉक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.

मामले की जानकारी देतीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
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Published : Jul 19, 2019, 5:26 PM IST

पीलीभीत: कोतवाली क्षेत्र में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर चंद रुपयों के खातिर शव का इलाज करने का आरोप लग रहा है. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से की है. मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

मामले की जानकारी देतीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी.

जानें क्या है मामला-

  • पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के सकराना गांव निवासी राजू का बीते सात जून को एक्सीडेंट हो गया था.
  • घायल हालत में राजू को परिजनों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था.
  • यहां अस्पताल प्रशासन ने एक एग्रीमेंट पेपर पर भर्ती करने से पहले दस्तखत करा लिए थे.
  • आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने हालत गंभीर बताकर 40 हजार रुपये जमा कराए और राजू को वेंटिलेटर पर रखे जाने की बात कही.
  • राजू की पत्नी शारदा देवी से फिर से 60 हजार की मांग की गई, जिस पर उन्होंने 60 हजार रुपये भी दे दिए.
  • सुबह करीब 9:00 बजे जब शारदा देवी अपने पति को देखने पहुंची तो पति की आंखों पर पट्टी बंधी और टेप लगा देखकर वह हैरान रह गईं.
  • शारदा देवी ने डॉक्टर से मरीज को छुट्टी देने की बात कही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हालत गंभीर बताते हुए 72 घंटे तक छुट्टी देने से इनकार कर दिया.
  • परिजनों के विरोध करने पर हायर सेंटर के लिए रेफर का पर्चा बनाकर आठ जून को दोपहर करीब 12:00 बजे राजू के शव को सुपुर्द कर दिया.
  • जब दम तोड़ चुके राजू के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए 3:00 बजे ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजू की मौत 12 से 24 घंटे पहले होने की बात कही गई.

इसकी सूचना लगते ही भीम आर्मी चीफ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल आदि ने मृतक के परिजनों संग गुरुवार को मामले की शिकायत एडीएमओ और सीएमओ से की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर आज परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की. जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल ने बताया कि शहर के एक अस्पताल पर चंद पैसों के लिए जबरन शव का इलाज करने का आरोप लगा है, जिस पर जिलाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत कर दी जाएगी.

पीलीभीत: कोतवाली क्षेत्र में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर चंद रुपयों के खातिर शव का इलाज करने का आरोप लग रहा है. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से की है. मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

मामले की जानकारी देतीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी.

जानें क्या है मामला-

  • पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के सकराना गांव निवासी राजू का बीते सात जून को एक्सीडेंट हो गया था.
  • घायल हालत में राजू को परिजनों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था.
  • यहां अस्पताल प्रशासन ने एक एग्रीमेंट पेपर पर भर्ती करने से पहले दस्तखत करा लिए थे.
  • आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने हालत गंभीर बताकर 40 हजार रुपये जमा कराए और राजू को वेंटिलेटर पर रखे जाने की बात कही.
  • राजू की पत्नी शारदा देवी से फिर से 60 हजार की मांग की गई, जिस पर उन्होंने 60 हजार रुपये भी दे दिए.
  • सुबह करीब 9:00 बजे जब शारदा देवी अपने पति को देखने पहुंची तो पति की आंखों पर पट्टी बंधी और टेप लगा देखकर वह हैरान रह गईं.
  • शारदा देवी ने डॉक्टर से मरीज को छुट्टी देने की बात कही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हालत गंभीर बताते हुए 72 घंटे तक छुट्टी देने से इनकार कर दिया.
  • परिजनों के विरोध करने पर हायर सेंटर के लिए रेफर का पर्चा बनाकर आठ जून को दोपहर करीब 12:00 बजे राजू के शव को सुपुर्द कर दिया.
  • जब दम तोड़ चुके राजू के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए 3:00 बजे ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजू की मौत 12 से 24 घंटे पहले होने की बात कही गई.

इसकी सूचना लगते ही भीम आर्मी चीफ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल आदि ने मृतक के परिजनों संग गुरुवार को मामले की शिकायत एडीएमओ और सीएमओ से की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर आज परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की. जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल ने बताया कि शहर के एक अस्पताल पर चंद पैसों के लिए जबरन शव का इलाज करने का आरोप लगा है, जिस पर जिलाधिकारी के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है, जल्द ही इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत कर दी जाएगी.

Intro:पीलीभीत के कोतवाली क्षेत्र से धरती का देवता कहे जाने वाले डॉक्टर का ख़ौफ़नाक चेहरा सामने आया है जिसमे एक निजी अस्पताल के डाक्टर समेत पूरे अस्पताल प्रशासन पर चंद रुपयों के लिए लाश का ही पूरा इलाज करने का आरोप लग रहा है, म्रतक के परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से की, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्यचिकित्सा अधिकारी को जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही।


Body:कुछ सालों पहले सिनेमा घरों के पर्दे पर आई "गब्बर इज बैक" फ़िल्म में एक काल्पनिक कहानी दिखाई गई थी जिसमे एक रिहाइशी परिवार के अस्पताल में डॉक्टर पैसों के लालच में इलाज करते रहे थे, ऐसा ही कुछ मामला पीलीभीत के रिहाइशी परिवर के निजी अस्पताल से आया है जिसमे चंद रुपयों की खातिर डॉक्टर समेत पूरा अस्पताल प्रशासन एक लाश का जबरन इलाज करते रहे, लाश को जबरन वेंटिलेटर पर रखकर गरीब परिवार से पैसे लेते रहे, इसकी शिकायत लेकर म्रतक के परिवार के लोग आज जिलाधिकारी के दरवाजे पहुंचे तो हड़कंप मचा गया और सभी के जुबान पर गब्बर इज बैक की जैसी कहानी का जिक्र होता रहा

मामला कुछ यूं है कि पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सकराना के रहने वाले राजू का एक्सीडेंट 7 जून को हुआ था घायल हालत में राजू को लेकर उसके परिवार जन निजी अस्पताल पहुंचे थे जहां पर अस्पताल प्रशासन ने एक एग्रीमेंट पेपर पर दस्तखत करा लिया था,

आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने हालत गंभीर बता कर 40 हजार रुपए जमा कराए और उसके बाद राजू को वेंटिलेटर पर रखे जाने की बात कही उसके बाद राजू की पत्नी शारदा देवी से फिर से 60 हजार की फिर से मांग की गई जिस पर शारदा देवी द्वारा 60 हजार भी दे दिए गए सुबह करीब 9:00 बजे जब शारदा देवी अपने पति को देखने पहुंची तो पति की आंखों पर पट्टी बंधी और टेप लगा देख हक बका गई और डॉक्टर से छुट्टी देने की बात कहती रही लेकिन हालत गंभीर बताते हुए 72 घंटे तक छुट्टी देने से इनकार कर दिया लेकिन परिवार जनों के विरोध करने पर अस्पताल प्रशासन ने हायर सेंटर के लिए रेफर का पर्चा बनाकर 8 जून को दोपहर करीब 12:00 बजे राजू के शव को उसके परिवार जनों के सुपुर्द कर दिया जब दम तोड़ चुके राजू के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए 3:00 बजे ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजू के मौत 12 से 24 घंटे पहले होने की बात कहि गयी, जिससे परिवार जनों को को शक हुआ लेकिन कुछ कह न सके।

इसकी सूचना लगते ही भीम आर्मी चीफ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी जिला अध्यक्ष महेंद्र पाल आदि ने मृतक के परिजन के संग गुरुवार को इस मामले की शिकायत एडीएमओ सीएमओ से की लेकिन कोई कार्रवाई ना होने पर आज परिजनों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कहि।

गब्बर इस बैक फिल्म में गब्बर ने उस परिवार को इंसाफ दिलाते हुए इस तरह के जबरन इलाज करने वाले अस्पताल पर गाज गिरवाई थी लेकिन अब यहां देखने वाली बात होती है कि क्या प्रशासन गरीब परिवार को गब्बर बनकर इंसाफ दिलवा पायेगा


Conclusion:इस मामले पर मुख्यचिकित्सा अधिकारी सिमा अग्रवाल ने कहा कि शहर के एक अस्पताल पर चंद पैसों के लिए जबरन लाश का इलाज करने आरोप लग रहा है जिसपर जिलाधिकारी के आदेश पर 3 सदस्यीय टीम गठित कर दी गयी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत कर दी जाएगी

बाइट- मुख्यचिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल

बाइट- म्रतक राजू की पत्नी शारदा देवी
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