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पीलीभीत में 32 हजार शरणार्थी चिह्नित, डीएम ने शासन को भेजी लिस्ट

सीएए बनने के बाद वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलवाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. पीलीभीत में सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं. डीएम ने लगभग 32 हजार शरणार्थियों की पहली लिस्ट शासन को भेज दी है.

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सीएए के तहत पीलीभीत में 32 हजार शरणार्थी चिह्नित.
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Published : Jan 14, 2020, 11:48 AM IST

पीलीभीत: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद देश में वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलवाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. जिले में सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने लगभग 32 हजार शरणार्थियों की पहली लिस्ट शासन को भेजी है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे में करीब 32 हजार शरणार्थियों की प्रारंभिक संख्या सामने आई है, जिनको नागरिकता दी जानी है.

  • जिले में लगभग 50 हजार शरणार्थी रहते हैं.
  • नागरिकता के लिए 32 हजार की पहली सूची भेजी गई है.
  • यह लोग बांग्लादेश से आए हैं.
    सीएए के तहत पीलीभीत में 32 हजार शरणार्थी चिह्नित.

यह लोग जिले के पूरनपुर, माधोटांडा, न्यूरिया, गाभिया, बूंदी बूढ़, बंदरबोझ, नोजलहा, हजारा, गंज, सेल्हा, लालपुर जगहों पर कॉलोनी बनाकर बिना नागरिकता के रह रहे हैं.

पहले कोलकाता, फिर महाराष्ट्र, फिर पीलीभीत आकर बस गए
शरणार्थी के तौर पर रह रहे कई लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है, लेकिन कुछ लोग लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं. शरणार्थियों का कहना है कि बंटवारे के बाद इन्हें काफी प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण में भारत में आकर बस गए. शुरुआत में कोलकाता में रहे, उसके बाद महाराष्ट्र और फिर यूपी के जनपद पीलीभीत आकर रहने लगे.

नागरिकता के लिए करते आए हैं लड़ाई
पीलीभीत में आकर रहने वाले शरणार्थियों ने अपनी नागरिकता के लिए कई बार जद्दोजहद की है. चुनाव के समय शरणार्थियों ने सामने आकर नारेबाजी करते हुए कई बार सरकार से नागरिकता मांगी है, लेकिन अभी तक नागरिकता इनको नहीं मिल सकी है.

इसे भी पढे़ं- पीलीभीत: प्रधान समेत 3 लोगों ने सचिव के बेटे पर डाला कढ़ाई का खौलता तेल

नागरिकता के लिए डीएम और एसडीएम का कर चुके हैं घेराव
जिले में रह रहे शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता के लिए 1 साल पहले पूरनपुर तहसील में शरणार्थियों ने जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के साथ ही एसडीएम चंद्रभान सिंह का घेराव भी किया था. इसको लेकर जिलाधिकारी ने जल्द ही नागरिकता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखने की बात कहकर लोगों को शांत कराया था.

पीलीभीत जनपद में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने की पहली लिस्ट तैयार कर ली गई है. इसमें लगभग 32 हजार शरणार्थी हैं. लगातार सर्वे कराया जा रहा है और भी नाम शामिल हो सकते हैं.
वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी, पीलीभीत

पीलीभीत: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद देश में वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलवाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. जिले में सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने लगभग 32 हजार शरणार्थियों की पहली लिस्ट शासन को भेजी है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे में करीब 32 हजार शरणार्थियों की प्रारंभिक संख्या सामने आई है, जिनको नागरिकता दी जानी है.

  • जिले में लगभग 50 हजार शरणार्थी रहते हैं.
  • नागरिकता के लिए 32 हजार की पहली सूची भेजी गई है.
  • यह लोग बांग्लादेश से आए हैं.
    सीएए के तहत पीलीभीत में 32 हजार शरणार्थी चिह्नित.

यह लोग जिले के पूरनपुर, माधोटांडा, न्यूरिया, गाभिया, बूंदी बूढ़, बंदरबोझ, नोजलहा, हजारा, गंज, सेल्हा, लालपुर जगहों पर कॉलोनी बनाकर बिना नागरिकता के रह रहे हैं.

पहले कोलकाता, फिर महाराष्ट्र, फिर पीलीभीत आकर बस गए
शरणार्थी के तौर पर रह रहे कई लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है, लेकिन कुछ लोग लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं. शरणार्थियों का कहना है कि बंटवारे के बाद इन्हें काफी प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण में भारत में आकर बस गए. शुरुआत में कोलकाता में रहे, उसके बाद महाराष्ट्र और फिर यूपी के जनपद पीलीभीत आकर रहने लगे.

नागरिकता के लिए करते आए हैं लड़ाई
पीलीभीत में आकर रहने वाले शरणार्थियों ने अपनी नागरिकता के लिए कई बार जद्दोजहद की है. चुनाव के समय शरणार्थियों ने सामने आकर नारेबाजी करते हुए कई बार सरकार से नागरिकता मांगी है, लेकिन अभी तक नागरिकता इनको नहीं मिल सकी है.

इसे भी पढे़ं- पीलीभीत: प्रधान समेत 3 लोगों ने सचिव के बेटे पर डाला कढ़ाई का खौलता तेल

नागरिकता के लिए डीएम और एसडीएम का कर चुके हैं घेराव
जिले में रह रहे शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता के लिए 1 साल पहले पूरनपुर तहसील में शरणार्थियों ने जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के साथ ही एसडीएम चंद्रभान सिंह का घेराव भी किया था. इसको लेकर जिलाधिकारी ने जल्द ही नागरिकता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखने की बात कहकर लोगों को शांत कराया था.

पीलीभीत जनपद में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने की पहली लिस्ट तैयार कर ली गई है. इसमें लगभग 32 हजार शरणार्थी हैं. लगातार सर्वे कराया जा रहा है और भी नाम शामिल हो सकते हैं.
वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी, पीलीभीत

Intro:नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद देश में वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलवाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है जिसको लेकर पीलीभीत जनपद में सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं जिसको लेकर पीलीभीत जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने 32000 के लगभग शरणार्थियों की पहली लिस्ट शासन को भेजी है बताया कि इस सर्वे में करीब 32000 शरणार्थियों की प्रारंभिक संख्या सामने आई है जिनको नागरिकता दी जानी है इस संबंध में एक पत्र शासन को प्रेषित किया जा रहा है


Body:पीलीभीत में लगभग 50 हजार शरणार्थी लोग रहते हैं जिसमें 32 हजार लोगों को नागरिकता के लिए पहली सूची बनाकर भेज दी गयी है जानकारी के मुताबिक यह लोग बांग्लादेश से आए हैं यह लोग जनपद पीलीभीत के पूरनपुर, माधोटांडा, न्यूरिया, गाभिया, बूंदी बूढ़, बंदरबोझ, नोजलहा, हजारा, गंज,सेल्हा, लालपुर जनपद के तमाम जगहों पर कालोनी बनाकर बिना नागरिकता के रह रहे हैं

पहले कोलकाता फिर महाराष्ट्र फिर पीलीभीत आकर बस गए

शरणार्थी के तौर पर रह रहे कई लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है लेकिन कुछ लोग लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं शरणार्थियों का कहना है कि बंटवारे के बाद इन्हें काफी प्रताड़ित किया गया जिसके कारण में भारत में आकर बस गए शुरुआत में कोलकाता में रहे उसके बाद महाराष्ट्र लेकर फिर उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत आकर रहने लगे

नागरिकता के लिए करते आये हैं लड़ाई

पीलीभीत जनपद में आकर रहने वाले शरणार्थियों ने अपनी नागरिकता के लिए कई बार जद्दोजहद की है चुनाव के समय शरणार्थी लोग सामने आकर नारेबाजी करते हुए कई बार सरकार से नागरिकता मांगी है लेकिन अभी तक नागरिकता इनको नहीं मिल सकी है

नागरिकता के लिए डीएम और एसडीएम का कर चुके है घेराव

पीलीभीत जनपद में रह रहे शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता के लिए पिछले 1 साल पहले पूरनपुर तहसील में शरणार्थियों ने जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव साथ ही एसडीएम चंद्रभान सिंह का घेराव भी किया था जिसको लेकर जिलाधिकारी ने जल्द ही नागरिकता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखने की बात कहकर लोगों को कराया था शांत




Conclusion:जानकारी देते हुए पीलीभीत जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि पीलीभीत जनपद में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने की पहली लिस्ट तैयार कर ली गई है जिसमें लगभग 32000 शरणार्थी लोग हैं लगाता सर्वे कराया जा रहा है और भी नाम हो सकते हैं शामिल

बाइट- जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव
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