मुजफ्फरनगर: जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 05 ने अभियोजन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची सहित 12 नेताओं के साथ-साथ 51 लोगों पर दर्ज हुए सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दी है.
दरअसल, जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को तीन हत्याओं के बाद माहौल बिगड़ गया था, जिसके चलते 7 सितंबर 2013 को सिखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव नगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान में 'बहू बेटी बचाओ' पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें मौजूद तत्कालीन विधायक सुरेश राणा एवं विधायक संगीत सोम सहित पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची, श्याम पाल चेयरमैन, जयप्रकाश, राजेश्वर आर्य, सुनील अरोड़ा, बिट्टू और चंद्रपाल आदि के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने एवं सांप्रदायिक उन्माद फैलाने आदि की धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे.
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ढाई वर्ष पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने खाप चौधरियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सपा सरकार के दौरान झूठे मुकदमे दर्ज करने की बात कहते हुए, कोर्ट से इनके मुकदमे वापसी की मांग की थी. जिस पर प्रदेश के न्याय विभाग ने जिला प्रशासन से 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी. शासन से दंगे के 70 से अधिक मुकदमे वापसी की अनुमति मिलने पर अभियोजन ने सीआरपीसी 321 के तहत विभिन्न कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें 7 सितंबर को थाना सिखेड़ा में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 178/200 2013 सरकार बनाम श्याम पाल आदि भी शामिल थे. गन्ना मंत्री सहित 12 नेताओं के साथ-साथ 51 लोगों पर दर्ज मुकदमों की वापसी के लिए अभियोजन ने 321 सीआरपीसी के तहत विशेष एमपी-एमएलए अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट-5 में अर्जी लगाई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रामसुध सिंह ने गुरुवार को अर्जी स्वीकार कर ली और सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दी है.