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रद्दी को अपनी कला से जीवंत करते हैं छात्र तुषार, बनाया है रद्दी से 'बापू का चरखा'

यूपी के मुजफ्फरनगर में तुषार नाम के छात्र ने लॉकडाउन का बेहतर उपयोग किया है. तुषार ने अखबार की रद्दी और फेविकोल की मदद से बेकार पड़े समाचार पत्रों को एक नई शक्ल दिया है. तुषार ने अखबारों की रद्दी से भव्य राम मंदिर और लाल किला बनाया है. इतना ही नहीं तुषार ने इस गांधी जयंती पर अखबार की रद्दी से चरखे का निर्माण किया है.

रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.
रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.
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Published : Oct 4, 2020, 2:00 AM IST

मुजफ्फरनगर: दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम एक आम आदमी को प्रतिभाशाली बना देता है. ऐसे ही मुजफ्फरनगर के प्रतिभाशाली छात्र तुषार ने लॉकडाउन के समय को जाया न करते अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया. इंटरमीडिएट के छात्र तुषार ने वह कर दिखाया जो किसी ने कभी पहले सोचा भी नहीं था. दरअसल, तुषार ने उसके घर पर आनेवाले समाचार पत्रों की रद्दी को रद्दी न समझकर उन्हें आकार देना शुरू किया.

तुषार की अनोखी पहल.

अपनी कला को परखते हुए सबसे पहले तुषार ने कागज की रद्दी से भव्य राम मंदिर का निर्माण किया और उसके बाद अखबार की रद्दी से 'लाल किले' का निर्माण किया. वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर तुषार ने अखबार की रद्दी से बहुत सुंदर चरखे का निर्माण किया है.

रद्दी से बनाया लालकिला.
रद्दी से बनाया लालकिला.
मुजफ्फरनगर जनपद के गांधी कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय छात्र तुषार शर्मा इन दिनों जिले में ही नहीं बल्कि हर कहीं चर्चा का विषय बने हुए हैं. तुषार शर्मा ने इसी वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. तुषार शर्मा मुजफ्फरनगर निवासी एक व्यापारी के पुत्र हैं. मार्च के महीने में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था तो वहीं स्कूल-कॉलेज को भी बंद करने के निर्देश दिए गए थे.
रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.
रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.

लॉकडाउन के दौरान तुषार शर्मा ने घर पर रहकर अपने खाली समय को खेलकूद में बर्बाद नहीं किया. उन्होंने यूट्यूब से सीखकर घर में आने वाले समाचार पत्रों की रद्दी को एक आकार देना शुरू कर दिया. देखते ही देखते तुषार शर्मा ने अखबारों की रद्दी से भव्य और सुंदर कलाकृति बनानी शुरू कर दी.

तुषार ने अखबारों की रद्दी से सबसे पहले राम मंदिर का निर्माण किया और फिर दिल्ली का 'लाल किला' बनाकर अपने जज्बे को आगे बढ़ाते रहे. तुषार ने अखबारों की रद्दी से ढोलक, मोटरसाइकिल, लंच बॉक्स और एफिल टावर जैसी कई इमारतें बनाई हैं. वहीं महात्मा गांधी को याद करते तुषार ने राष्ट्रपिता को समर्पित एक चरखा बनाया है. चरखा तो बना अखबार की रद्दी से है, लेकिन यह लकड़ी के चरखे से कतई अलग नहीं है. इसकी खास बात यह है कि इसको आसानी से चलाया जा सकता है, बल्कि सूत भी काता जा सकता है.

तुषार शर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन के समय जब वह घर में खाली बैठे थे तो एक दिन उन्हें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति घर के बेकार सामान से सुंदर कलाकृतियां बना रहा था. इसी को देखकर उन्होंने घर में आने वाले समाचार पत्रों को रद्दी में न बेच कर उनसे कलातृतियां बनानी शुरू कर दी. तुषार शर्मा खुद के बनाए 'लाल किला' और राम मंदिर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करना चाहते हैं. तुषार की इस प्रतिभा को देखकर उनके माता-पिता बेहद खुश हैं.

मुजफ्फरनगर: दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम एक आम आदमी को प्रतिभाशाली बना देता है. ऐसे ही मुजफ्फरनगर के प्रतिभाशाली छात्र तुषार ने लॉकडाउन के समय को जाया न करते अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया. इंटरमीडिएट के छात्र तुषार ने वह कर दिखाया जो किसी ने कभी पहले सोचा भी नहीं था. दरअसल, तुषार ने उसके घर पर आनेवाले समाचार पत्रों की रद्दी को रद्दी न समझकर उन्हें आकार देना शुरू किया.

तुषार की अनोखी पहल.

अपनी कला को परखते हुए सबसे पहले तुषार ने कागज की रद्दी से भव्य राम मंदिर का निर्माण किया और उसके बाद अखबार की रद्दी से 'लाल किले' का निर्माण किया. वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर तुषार ने अखबार की रद्दी से बहुत सुंदर चरखे का निर्माण किया है.

रद्दी से बनाया लालकिला.
रद्दी से बनाया लालकिला.
मुजफ्फरनगर जनपद के गांधी कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय छात्र तुषार शर्मा इन दिनों जिले में ही नहीं बल्कि हर कहीं चर्चा का विषय बने हुए हैं. तुषार शर्मा ने इसी वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. तुषार शर्मा मुजफ्फरनगर निवासी एक व्यापारी के पुत्र हैं. मार्च के महीने में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था तो वहीं स्कूल-कॉलेज को भी बंद करने के निर्देश दिए गए थे.
रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.
रद्दी से बनाते हैं कला कलाकृतियां.

लॉकडाउन के दौरान तुषार शर्मा ने घर पर रहकर अपने खाली समय को खेलकूद में बर्बाद नहीं किया. उन्होंने यूट्यूब से सीखकर घर में आने वाले समाचार पत्रों की रद्दी को एक आकार देना शुरू कर दिया. देखते ही देखते तुषार शर्मा ने अखबारों की रद्दी से भव्य और सुंदर कलाकृति बनानी शुरू कर दी.

तुषार ने अखबारों की रद्दी से सबसे पहले राम मंदिर का निर्माण किया और फिर दिल्ली का 'लाल किला' बनाकर अपने जज्बे को आगे बढ़ाते रहे. तुषार ने अखबारों की रद्दी से ढोलक, मोटरसाइकिल, लंच बॉक्स और एफिल टावर जैसी कई इमारतें बनाई हैं. वहीं महात्मा गांधी को याद करते तुषार ने राष्ट्रपिता को समर्पित एक चरखा बनाया है. चरखा तो बना अखबार की रद्दी से है, लेकिन यह लकड़ी के चरखे से कतई अलग नहीं है. इसकी खास बात यह है कि इसको आसानी से चलाया जा सकता है, बल्कि सूत भी काता जा सकता है.

तुषार शर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन के समय जब वह घर में खाली बैठे थे तो एक दिन उन्हें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति घर के बेकार सामान से सुंदर कलाकृतियां बना रहा था. इसी को देखकर उन्होंने घर में आने वाले समाचार पत्रों को रद्दी में न बेच कर उनसे कलातृतियां बनानी शुरू कर दी. तुषार शर्मा खुद के बनाए 'लाल किला' और राम मंदिर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करना चाहते हैं. तुषार की इस प्रतिभा को देखकर उनके माता-पिता बेहद खुश हैं.

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