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मरने वाले किसान के परिवार को 1 करोड़ दे सरकार, पढ़ें किसने की मांग

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Published : Jan 3, 2021, 5:51 PM IST

यूपी के मुज़फ्फरनगर जिले में केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. केंद्र सरकार और किसान नेताओं की अनेक बार कृषि कानून संशोधित करने को लेकर वार्ता हुई, लेकिन उसका परिणाम नहीं निकल सका. सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार इस जनविरोधी और किसान विरोधी कृषि कानून को वापस ले.

सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी.
सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी.

मुज़फ्फरनगर: सपा जिलाध्यक्ष ने मोदी सरकार के कृषि कानून को जनविरोधी और किसान विरोधी बताया. कहा कि कानून वापसी की मांग को लेकर किसान एक माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं, कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे आंदोलकारी किसानों की मौत हो रही है. उन्होंने मरने वाले किसान के परिवार को 1 करोड़ और सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर किसान और किसान हितैषी संगठन के नेता केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार और किसान नेताओं की कई बार कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला है.

सपा जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि मोदी सरकार के कानून जनविरोधी और किसान विरोधी है. कानून वापसी की मांग को लेकर किसान आंदोलन को एक माह से ज्यादा हो चुका है. कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे आंदोलकारी किसानों की जान जा रही है. भाजपा की संवेदनहीन सरकार किसानों की मौत पर भी मौन साधे है. किसान आंदोलन में हो रही किसानों की मौत को लेकर विपक्ष की राजनीतिक पार्टियां मुखर होने लगी हैं. सपा जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए मरने वाले किसानों की आर्थिक मदद देने की मांग की. कृषि कानून वापस न लिए जाने से सपा कार्यकर्ताओं में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष है.

मुज़फ्फरनगर: सपा जिलाध्यक्ष ने मोदी सरकार के कृषि कानून को जनविरोधी और किसान विरोधी बताया. कहा कि कानून वापसी की मांग को लेकर किसान एक माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं, कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे आंदोलकारी किसानों की मौत हो रही है. उन्होंने मरने वाले किसान के परिवार को 1 करोड़ और सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर किसान और किसान हितैषी संगठन के नेता केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार और किसान नेताओं की कई बार कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला है.

सपा जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि मोदी सरकार के कानून जनविरोधी और किसान विरोधी है. कानून वापसी की मांग को लेकर किसान आंदोलन को एक माह से ज्यादा हो चुका है. कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे आंदोलकारी किसानों की जान जा रही है. भाजपा की संवेदनहीन सरकार किसानों की मौत पर भी मौन साधे है. किसान आंदोलन में हो रही किसानों की मौत को लेकर विपक्ष की राजनीतिक पार्टियां मुखर होने लगी हैं. सपा जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए मरने वाले किसानों की आर्थिक मदद देने की मांग की. कृषि कानून वापस न लिए जाने से सपा कार्यकर्ताओं में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष है.

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