मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर जिले में वर्ष 2013 के दंगे से पूर्व शहीद चौक पंचायत पर मुस्लिमों का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ था. इस दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में 7 आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई. इस मामले में मंगलवार को चार्ज बनना था, लेकिन न्यायालय में शोकसभा होने के चलते न्याययिक कार्य नहीं हो पाया. कोर्ट में गैरहाजिर होने वालों में पूर्व सांसद सईददुजमा, पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद, नोशाद कुरेशी रहे. इन सबकी तरफ से हाजरी माफी अधिवक्ता द्धारा दी गयी. मंगलवार को कोर्ट में पूर्व सांसद कादिर राणा, पूर्व विधायक नूर सलीम राणा, अधिवक्ता व पूर्व सभासद असद जमा, सलमान सईद, हाजी एहसान, सुल्तान मुशीर मुशर्रफ की पेशी हुई.
दरअसल, कवाल कांड को लेकर 30 अगस्त 2013 को शहर के खालापार स्थित शहीद चौक पर मुस्लिमों की एक बड़ी सभा हुई थी, जिसमें कई राजनेता भी शामिल हुए थे. जिसके बाद अचानक ही जिले में दंगा भड़कने पर इस सभा को भी प्रशासन ने जिम्मेदार माना था. इसको लेकर मुकदमा भी शहर कोतवाली में दर्ज किया गया था. जिमसें तत्कालीन बसपा सांसद कादिर राना, तत्कालीन चरथावल विधायक नूरसलीम राना, मीरापुर विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी, पूर्व सांसद सईदुज्जमा, उनके बेटे सलमान सईद, एडवोकेट असद जमां पूर्व सभासद, सुल्तान मुशीर, अहसान कुरैशी, नौशाद कुरैशी और मुशर्रफ के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने समेत अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था. इस मामले की सुनवाई यहां गैंगस्टर/स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है. इस मामले में 02 फरवरी 2021 को चार्ज बनना था, जिसके चलते इस मामले के 07 आरोपी कोर्ट में पेश हुए थे. अब अदालत ने इस मामले में सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश देते हुए नियत तारीख पर आरोप तय करने के लिए 15 फरवरी की तारीख नियत की है. आरोपियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नकली सिंह त्यागी उपस्थित रहे.