मुजफ्फरनगर: जनपद के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संख्या सात ने गुरुवार को 20 साल पुराने पुलिस पर जानलेवा हमले के मामले में सुनवाई की. इस मामले में 36 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया. साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों को 10-10 साल की कारावास और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बता दें कि 14 फरवरी 2003 को जनपद के नगर कोतवाली क्षेत्र के महमूद नगर में सभासद जाकिर और प्रधान उस्मान पक्ष के बीच मारपीट हुई थी. मारपीट की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराई थी. वहीं, मारपीट में एक पक्ष से साजिद नाम का युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था. जहां अस्पताल में इलाज के दौरान साजिद की मौत हो गई. साजिद की मौत की सूचना पर एक पक्ष के लोगों ने पुलिस टीम पर जानलेवा हमला बोल दिया था. इस हमले में मुजफ्फरनगर एसपी सिटी, सीओ सिटी, सिविल लाइन थाना प्रभारी बलजीत सिंह और एसआई रामदास गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद नगर कोतवाली एसओ ने इस मामले में 62 लोगों के खिलाफ नामजद और सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
सीबीसीआईडी ने मामले की जांच कर 50 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट में ट्रायल के दौरान कई आरोपियों की मौत हो गई. इसके साथ अदालत में कई आरोपी हाजिर नहीं हुए. इस वजह से ऐसे आरोपियों की पत्रावली अलग कर दी गई. इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात शक्ति सिंह की अदालत में हुई. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 36 दोषियों को दोषी ठहराते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई.
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